भारत में क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े राज्य की बात करें, तो वह राजस्थान है। वहीं, उत्तर प्रदेश का स्थान चौथा है। यह कुल 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत का 7.33 फीसदी है। इसके साथ ही प्रदेश कई जैव विविधताओं का घर भी है, जिसमें यहां के रामसर स्थल भी शामिल हैं, जो कि पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ जैव विविधता को भी बनाए रखे हैं।
पर्यावरण की दृष्टि से इन स्थलों को रामसर स्थल का दर्जा दिया गया है, जिससे लोगों की इन स्थलों के प्रति जिम्मेदारी बनी रहे और ये संक्षरित रहें। हालांकि, क्या आप उत्तर प्रदेश के सभी रामसर स्थलों के बारे में जानते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम प्रदेश के सभी रामसर स्थलों के बारे में जानेंगे।
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क्या होते हैं रामसर स्थल
सबसे पहले हम यह समझ लेते हैं कि आखिर रामसर स्थल क्या होते हैं। आपको बता दें कि रामसर स्थल रामसर संधि के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्त्व की एक आद्रभूमि होती है। इन्हें साल 1971 में यूनेस्को द्वारा स्थापित अंतर सरकारी पर्यावरण संधि वैटलैंड्स पर कंवेशन के रूप में भी जाना जाता है।
इसके नाम की बात करें, तो इसका नाम ईरान के शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां उस वर्ष सम्मेलन का आयोजन किया गया था। रामसर स्थल की मान्यता उन आद्रभूमियों को दी जाती है, जो कि करीब जल पक्षियों की कम से कम 180 प्रजातियों को आवास प्रदान करती है। यह इसके मानकों में से एक है।
उत्तर प्रदेश में रामसर स्थलों की सूची
भारत में वर्तमान में कुल 75 रामसर स्थल हैं। इनमें भी सबसे अधिक रामसर स्थल तमिलनाडू में है, जिनकी कुल संख्या 14 हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश रामसर स्थलों की सूची में दूसरे पायदान पर है। उत्तर प्रदेश में कुल 10 रामसर स्थल हैं।
संख्या | रामसर स्थल |
1. | नवाबगंज पक्षी अभयारण्य |
2. | पार्वती आर्गा पक्षी अभयारण्य |
3. | समन अभयारण्य |
4. | सरसपुर अभयारण्य |
5. | सांडी अभयारण्य |
6. | सरसाई नवर झील |
7. | सूर सरोवर |
8. | ऊपरी गंगा |
9. | बखिरा वन्यजीव अभयारण्य |
10. | हैदरपुर आद्रभूमि |
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