Madden-Julian Oscillation (MJO) क्या है और इससे विश्व भर के मौसम पर क्या प्रभाव पढ़ता है?

Madden-Julian Oscillation (MJO) एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जिसके कारण विश्व भर में मौसम की गतिविधियां प्रभावित होती हैं. आइये इसके बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं.

Nov 17, 2020, 14:33 IST
What is Madden-Julian Oscillation (MJO)?
What is Madden-Julian Oscillation (MJO)?

Madden-Julian Oscillation (MJO) एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनिया भर में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करता है. 

Madden-Julian Oscillation (MJO) आखिर चर्चा में क्यों है?

जैसा की हम जानते हैं कि भारत में अक्टूबर से दिसंबर महीने के बीच में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान उत्पन्न होते हैं. परन्तु इस वर्ष अक्टूबर महीने में कोई भी चक्रवाती तूफान उत्पन्न नहीं हुआ. इसके लिए जिम्मेदार भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर में ला लीना (La Nina) की कमजोर परिस्थितियों को माना गया है.

ला नीना  (La Nina) क्या  है?

जब समुद्र की सतह पर तापमान सामान्य से कम होता है तो इन परिस्थितियों को ला नीना कहा जाता है.  ऐसा बताया जा रहा है कि इस प्रकार की परिस्थिति भूमध्य रेखीय प्रशांत महासागर में इस वर्ष के अगस्त से ही बनी हुई है. यहीं आपको बता दें कि ला नीना की कमजोर परिस्थितियों का कारण Madden-Julian Oscillation (MJO) को माना गया है.

Madden-Julian Oscillation (MJO) को किसने और कब खोजा था?

MJO को पहली बार 1970 के दशक में डॉ रोलैंड मैडेन (Dr. Roland Madden) और डॉ पॉल जूलियन (Dr. Paul Julian) द्वारा खोजा गया था जब वे उष्णकटिबंधीय पवनों और दाब के पैटर्न का अध्ययन कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने पश्चिम-मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र (West Central Equatorial Pacific) में सिंगापुर और कैंटन द्वीप के बीच पवनों में नियमित रूप से दोलन (oscillations) देखे थे.

Madden-Julian Oscillation (MJO) क्या है?

यह साप्ताहिक से लेकर मासिक समय तक उष्णकटिबंधीय मौसम में बड़े उतार-चढ़ाव लाने के लिये ज़िम्मेदार मानी जाती है. 

राष्ट्रीय मानसून मिशन क्या है?

MJO को भूमध्य रेखा के पास एक पूर्व की ओर सक्रिय बादलों और वर्षा के प्रमुख घटक या निर्धारक के रूप में चित्रित किया जा सकता है जो आमतौर पर हर 30 से 60 दिनों में स्वयं की पुनरावृत्ति करता है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि गर्मियों में मानसून के भाग्य का निर्धारण करने में एक अहम भूमिका निभाता है.

हालांकि, उष्णकटिबंधीय वायुमंडल में MJO हमेशा मौजूद नहीं रहता है. इसका प्रभाव हिंद महासागर और पश्चिमी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में सबसे अधिक स्पष्ट दिखाई देता है.

एक मौसम (Season) के भीतर कई MJO इवेंट हो सकते हैं, और इसलिए MJO को इंट्रासीजनल ट्रॉपिकल क्लाइमेट (Intraseasonal Tropical Climate) वेरिएशन के रूप में वर्णित किया जाता है (यानी यह सप्ताह-दर-सप्ताह के आधार पर भिन्न होता है).

यह भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई मानसून के साथ प्रमुख वैश्विक मानसून पैटर्न के समय, उत्पत्ति और तीव्रता को भी प्रभावित करता है.

उष्णकटिबंधीय चक्रवात पर भी MJO घटना का प्रभाव होता है.

जिन क्षेत्रों में MJO का प्रभाव होता है वहां पर अधिकांश उष्णकटिबंधीय वर्षा बादलों की गरज के साथ होती है. वर्षा होने से उन क्षेत्रों में ठंड बढ़ जाती है.

आइये अब Madden-Julian Oscillation (MJO) के चरणों  (Phases) के बारे में अध्ययन करते हैं.

MJO के मुख्य तौर पर दो चरण या  (Phases) हैं: एक संवहन या enhanced rainfall का चरण है और दूसरा suppressed rainfall का चरण है. मजबूत MJO गतिविधि अक्सर प्लेनेट को आधा में विघटित करती है: एक आधा बढ़ता हुआ संवहनी चरण और दूसरा आधा suppressed संवहनी चरण. ये दो चरण बादलों और वर्षा में विपरीत परिवर्तन उत्पन्न करते हैं और यह संपूर्ण द्विध्रुवीय (Dipole) पूर्व की ओर फैलते हैं. संवहनी चरणों का स्थान अक्सर भौगोलिक रूप से आधारित चरणों में वर्गीकृत किया जाता है जो कि मौसम वैज्ञानिकों ने संख्या 1-8 के रूप में चित्र में दिखाया गया है.

MJO Phases

Source: climate.gov

Phase 1 में MJO के पश्चिमी हिंद महासागर के ऊपर संवहन की वजह से होने वाली वर्षा का क्षेत्र विकसित होता है.

Phase 2 और 3 में वर्षा का क्षेत्र धीरे-धीरे पूर्व की और अफ्रीका, हिंद महासागर और भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सों में बढ़ता है.

Phase 4 और 5 में वर्षा का क्षेत्र इंडोनेशिया और पश्चिम प्रशांत महासागर तक पहुंच जाता है.

Phase 6, 7 और 8 में वर्षा पश्चिम प्रशांत महासागर के ऊपर पूर्व में आगे बढ़ती है और फिर अंत में मध्य प्रशांत में जाकर समाप्त हो जाती है.

क्या MJO का विश्व भर के मौसम पर कोई प्रभाव पढ़ता है?

MJO के कई तरीके विश्व में मौसम को प्रभावित करते हैं. जैसे कि उष्णकटिबंधीय चक्रवात के लिए MJO अनुकूल परिस्थितीयों का निर्माण करता है.

मानसून के आगमन पर MJO का नियंत्रण होता है. इसका प्रभाव El Nino Southern Oscillation (ENSO) पर भी पड़ता है.

 MJO अल नीनो और ला नीना की उत्पत्ति और इनकी तीव्रता को बढ़ाने में मदद करता है.

तो अब आपको  Madden-Julian Oscillation (MJO), इसके phases और इसका मौसम पर क्या प्रभाव पड़ता है के बारे में ज्ञात हो गया होगा.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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