भारत की प्रमुख वन्यजीव संरक्षण परियोजनाएं

भारत विश्व के प्रमुख जैव विविधता वाले देशों में से एक है, जहां पूरी दुनिया में पाए जाने वाले स्तनधारियों का 7.6%, पक्षियों का 12.6%, सरीसृप का 6.2% और फूलों की प्रजातियों का 6.0% निवास करती हैं. इन जीवों के संरक्षण के लिए भारत में 120 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान, 515 वन्यजीव अभयारण्य, 26 आद्र्भूमि (wetlands) और 18 बायोस्फीयर रिजर्व बनाए गए हैं. इसके अलावा भारत सरकार द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इस लेख में हम भारत सरकार द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही प्रमुख परियोजनाओं का विवरण दे रहे हैं.

Dec 21, 2017, 18:01 IST
Wildlife Conservation in India
Wildlife Conservation in India

भारत विश्व के प्रमुख जैव विविधता वाले देशों में से एक है, जहां पूरी दुनिया में पाए जाने वाले स्तनधारियों का 7.6%, पक्षियों का 12.6%, सरीसृप का 6.2% और फूलों की प्रजातियों का 6.0% निवास करती हैं. इन जीवों के संरक्षण के लिए भारत में 120 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान, 515 वन्यजीव अभयारण्य, 26 आद्र्भूमि (wetlands) और 18 बायोस्फीयर रिजर्व बनाए गए हैं. इसके अलावा भारत सरकार द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं. इस लेख में हम भारत सरकार द्वारा वन्यजीवों के संरक्षण के लिए चलाई जा रही प्रमुख परियोजनाओं का विवरण दे रहे हैं.

भारत की प्रमुख वन्यजीव संरक्षण परियोजनाएं

1. कस्तूरी मृग परियोजना (Musk Deer Project), 1970

musk deer
नर कस्तूरी मृग के शरीर के पिछले भाग में स्थित एक ग्रंथि से कस्तूरी नामक पदार्थ प्राप्त होता है, जो दुनिया के सबसे मंहगे पशु उत्पादों में से एक है. जिसके कारण लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर कस्तूरी मृग का शिकार किया जाता था, परिणामस्वरूप कस्तूरी मृग की प्रजाति विलुप्तता के कगार पर पहुंच गई थी. अतः भारत सरकार ने वर्ष 1970 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) के सहयोग से उत्तराखण्ड के केदारनाथ अभ्यारण्य में कस्तूरी मृग परियोजना शुरू की थी.

2. प्रोजेक्ट हंगुल (Project Hangul), 1970

hangul
हंगुल, यूरोपीय रेंडियर प्रजाति का लाल हिरण का एक नस्ल है. भारत में इसका निवास स्थान कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश का चम्बा जिला है. कश्मीर में यह मुख्य रूप से दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में मिलता है. यह जम्मू-कश्मीर का राजकीय पशु है. भारत सरकार द्वारा 1970 में हंगुल के संरक्षण के लिए हंगुल परियोजना की शुरुआत की गई थी.
भारत में विश्व स्तरीय महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (GIAHS) स्थलों की सूची

3. गिर सिंह परियोजना (Gir Singh Project), 1972

Asiatic lions
गिर वन राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य, गुजरात राज्य में स्थित है, जो एशियाई शेरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यह अभ्यारण्य गुजरात राज्य में लगभग 1424 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है. दक्षिण अफ्रीका के बाद यह विश्व का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां शेरों को अपने प्राकृतिक आवास में रहते हुए देखा जा सकता है. गिर के जंगल को वर्ष 1969 में वन्यजीव अभ्यारण्य बनाया गया था जबकि 1972 में इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित किया गया था. सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से अब यहां शेरों की संख्या बढ़ रही है.

4. बाघ परियोजना (Project Tiger), 1973

tiger
भारत सरकार द्वारा वर्ष 1973 में राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण हेतु प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की गई थी. इसके तहत शुरू में 9 बाघ अभ्यारण्य बनाए गए थे, जिनकी संख्या आज बढ़कर 50 हो गई है, जो 18 विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं. एक आंकड़े के अनुसार भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग 2.21% भूभाग पर बाघ अभ्यारण्य स्थित है.
बाघ परियोजना का उदेश्य वैज्ञानिक, आर्थिक, कलात्मक, सांस्कृतिक एवं पारिस्थितिकीय मूल्यों के लिए बाघों की आबादी के रखरखाव को सुनिश्चित करना और लोगों के लाभ, शिक्षा एवं मनोरंजन के लिए इसकी जैविक महत्ता को देखते हुए राष्ट्रीय धरोहर के रूप में हर समय इसकी रक्षा करना है.
बाघ अभ्यारण्य प्रबंधन में संख्यात्मक मानकों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ बाघ संरक्षण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 2006 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया गया था. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में उल्लिखित कार्यों को पर्यवेक्षक या समन्वय भूमिका के साथ पूरा करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय का एक सांविधिक निकाय है.
वन्यजीवों के अवैध व्यापार को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए 2007 में पुलिस, वन, सीमा शुल्क और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारीयों से युक्त एक बहुविषयी वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की स्थापना की गई थी. साथ ही विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया है और बाघ संरक्षण फाउंडेशन की स्थापना की गई है. इसके अलावा बाघ संरक्षण संबंधी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बाघ पाए जाने वाले देशों में एक ग्लोबल टाइगर फोरम का गठन किया गया है.

5. कछुआ संरक्षण परियोजना (Turtle Conservation Project), 1975

olive ridley
ऑलिव रिडले नामक कछुए ओडिशा के समुद्र तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं जोकि दक्षिण अमेरिकी प्रजाति के हैं. भारत में ऑलिव रिडले प्रजाति के कछुए विलुप्ति के कगार पर हैं. अतः ओडिशा सरकार ने वर्ष 1975 में कटक जिले में भीतरकनिका अभ्यारण्य में इनके संरक्षण के लिए योजना प्रारंभ की थी.
भारत के प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व की सूची

6. गैंडा परियोजना (Project Rhinoceros), 1987

Rhinoceros
एक सींग वाले गैंडे पूर्वोत्तर भारत के असम तथा नेपाल के तराई वाले कुछ संरक्षित इलाकों में पाए जाते हैं, जहां इनकी संख्या हिमालय की तलहटी में नदियों वाले वन्यक्षेत्रों तक सीमित हैं. एक सींग वाले गैंडे के सींगो की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी कीमत है क्योंकि इससे कामोत्तेजक औषधियां बनाई जाती है. इस कारण इन गैंडों का अवैध तरीके से शिकार किया जाता है, परिणामस्वरूप इनकी संख्या काफी कम हो गई है. अतः भारत सरकार ने वर्ष 1987 में गैंडा परियोजना की शुरुआत की थी.

7. हाथी परियोजना (Project Elephant), 1992

indian elephant
भारत सरकार द्वारा हाथी परियोजना की शुरुआत 1992 में एक केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में की गई थी. इसका उद्देश्य हाथियों, उनके आवास की रक्षा करना, मानव-पशु संघर्ष की समस्याओं को हल करना तथा पालतू हाथियों का कल्याण करना था. इस परियोजना को मुख्य रूप से 13 राज्यों जैसे- आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, असम, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चलाया जा रहा है. इन राज्यों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है. इसके अलावा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को भी हाथी परियोजना के तहत लघु सहायता प्रदान की जा रही है.

8. हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी कार्यक्रम (Monitoring the Illegal Killing of Elephants – MIKE), 2003

वन्यजीव और वनस्पति के लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन द्वारा 2003 में माइक कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी. इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य अफ्रीकी और एशियाई हाथियों की अवैध हत्या के स्तरों पर नजर रखना है. भारत में असम, पश्चिम बंगाल, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड और केरल राज्यों में माइक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

9. गिद्ध संरक्षण प्रोजेक्ट (Vulture Protection Project), 2006

white backed vulture
गिद्धों के संरक्षण के लिए हरियाणा वन विभाग तथा मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के बीच 2006 में एक समझौता हुआ था जिसके अन्तर्गत गिद्ध संरक्षण प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. इसी परियोजना के तहत असम के धरमपुर में देश का पहला गिद्ध प्रजनन केन्द्र खोला गया है.

10. हिम तेंदुआ परियोजना (Snow Leopard Project), 2009

Snow Leopard
हिम तेंदुआ एक सुन्दर, लेकिन अत्यंत दुर्लभ जीव है. यह जीव हिमालय की ऊँची पर्वत श्रृंखलाओं में वृक्षविहीन स्थानों पर देखने को मिलता है. इस फुर्तीले वन्यजीव का शिकार इसकी हड्डियों, चमड़े और नाखून आदि के लिए किया जाता है. हिम तेंदुओं की घटती संख्या को देखते हुए 2009 में इसके संरक्षण के लिए हिम तेंदुआ परियोजना की शुरुआत की गई थी. इस परियोजना के तहत पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में हिम तेंदुआ संरक्षण केन्द्र खोला गया है.
जानें LED बल्बों का अधिक इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक क्यों है

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News