जानें सिक्के पर अंगूठे के निशान का क्या मतलब है

Dec 20, 2022, 20:08 IST

बाजार में अलग-अलग तरह के सिक्कों का चलन है। इसमें कुछ सिक्कों पर अलग-अलग आकृति  बनी होती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको सिक्कों पर बनी आकृति के बारे में बताएंगे।  साथ ही यह भी बताएंगे कि भारत में सिक्कों को जारी करने का अधिकार किसके पास है और कितने रुपये तक के सिक्के जारी किए जा सकते हैं। 

Meaning of thumb print on a coin
Meaning of thumb print on a coin

सिक्के पर अंगूठे के निशान: आपके हाथों में प्रतिदिन भारतीय सिक्का आता होगा। आपने यह ध्यान दिया होगा कि 50 पैसे, एक व दो रुपये के सिक्कों पर अंगूठे की अलग-अलग मुद्रा वाले निशान होते हैं। तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से यह बताएंगे कि सिक्कों पर बने अंगूठों का क्या मतलब होता है।

भारत ने 15 अगस्त 1947 को अपनी स्वतंत्रता हासिल की। इस अवधि के दौरान भारत ने पहले की अवधि की मौद्रिक प्रणाली, मुद्रा और सिक्कों को बरकरार रखा और 15 अगस्त, 1950 को सिक्कों की एक नई विशिष्ट श्रृंखला की शुरुआत की.

सिक्कों को मिंट करने का अधिकार किसके पास होता है?

सिक्कों को मिंट करने का एकमात्र अधिकार भारत सरकार के पास ही है. सिक्का बनाने की जिम्मेदारी समय-समय पर संशोधित सिक्का अधिनियम, 1906 के अनुसार भारत सरकार की है. विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों की डिजाइनिंग और मींटिंग भी भारत सरकार की जिम्मेदारी है. मुंबई, अलीपुर (कोलकाता), सैफाबाद (हैदराबाद), चेरलापल्ली (हैदराबाद) और नोएडा (यूपी) में भारत सरकार के इन जगहों पर सिक्कों की मींटिंग की जाती है.

आपको यह भी बता दें कि आरबीआई अधिनियम के अनुसार, सिक्के केवल रिजर्व बैंक के माध्यम से जारी किए जा सकते हैं. 

भारत में सिक्के जैसे 10 पैसे, 20 पैसे, 25 पैसे, 50 पैसे, एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये, 10 रूपये, इत्यादि के मूल्यवर्ग में जारी किए गए हैं. 50 पैसे तक के सिक्कों को 'छोटे सिक्के' और एक रुपये और उससे अधिक के सिक्कों को 'रुपये के सिक्के' कहा जाता है. क्या आपको इस बात की जानकारी है कि सिक्का अधिनियम, 1906 के अनुसार 1000 रुपये तक के सिक्के जारी किए जा सकते हैं.

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 सिक्कों पर अंगूठों के निशान का क्या होता है मतलब ?

2007 में 'नृत्य मुद्रा' के नाम से जानी जाने वाली एक नई श्रृंखला को 50 पैसे, रु. 1/- और रु. 2/- के मूल्यवर्ग में जारी किया गया था. ये सिक्के फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (Ferritic Stainless Steel) से बने थे. 50 पैसे पर इस्तेमाल किए जाने वाले निशान  में  "क्लेन्च्ड फिस्ट" (“Clenched Fist”) था. वहीं रु. 1/- में "अंगूठा ऊपर" यानी  “Thumbs Up” और रुपये 2/-  पर "टू फिंगर्स" यानी “Two Fingers”  बनी हुई थी.

इन निशानों को भरतनाट्यम नृत्य से लिया गया था. सिक्कों की इस श्रृंखला को 2007 नृत्य सीरीज कहा गया.

कई स्रोतों के अनुसार, इन सिक्कों पर डिज़ाइन का काम अनिल सिन्हा, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के प्रोफेसर द्वारा किया गया था.

कितना होता है सिक्कों में धातु का वजन और क्या होता है आकार ?

 

50 पैसे

फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (Ferritic Stainless Steel)

3.79 ग्राम

सर्कुलर

19 मिमी

 

एक रुपया फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (Ferritic Stainless Steel)
4.85 ग्राम
सर्कुलर
25 मिमी

 

दो रुपये  फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (Ferritic Stainless Steel)
5.62 ग्राम
सर्कुलर
27 मिमी

कुछ अन्य तथ्य 

- देश में विभिन्न मिंट्स को उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक और उन्नत किया गया है.

- सरकार ने स्वदेशी उत्पादन बढ़ाने के लिए सिक्कों का आयात किया है.

- आरबीआई अधिनियम के अनुसार, सिक्के केवल रिजर्व बैंक के माध्यम से जारी किए जाते हैं. 

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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