प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6 जनवरी, 2025 को भारतीय रेलवे के नए डिविजन का उद्घाटन किया गया है। इसके बाद रेलवे में कुल डिविजन की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। नया डिविजन बनने से जहां रेलवे को फायदा मिलेगा, वहीं, यात्रियों को भी इसका लाभ मिलने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस लेख में हम भारतीय रेलवे के कुल डिविजन और जोन समेत अन्य जानकारी जानेंगे।
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेलवे का कुल ट्रैक नेटवर्क लगभग 68,103 किलोमीटर (2024 तक) लंबा है। इस नेटवर्क में सिंगल ट्रैक, डबल ट्रैक और मल्टीपल ट्रैक शामिल हैं। वहीं, रेलवे का ऑपरेशनल रूट नेटवर्क लगभग 39,866 किलोमीटर लंबा है।
इसमें ब्रॉड गेज, मीटर गेज और नैरो गेज शामिल हैं। कुल नेटवर्क में ब्रॉड गेज लगभग 90 फीसदी है, जबकि शेष नैरो गेज है। भारतीय रेलवे में कुल स्टेशनों की बात करें, तो यहां कुल 7,349 रेलवे स्टेशन (2024 तक) हैं। प्रदूषण व परिचाल लागत कम करने के लिए रेलवे द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत लगभग 85 फीसदी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण हो चुका है।
आपको यह भी बता दें कि रेलवे में प्रतिदिन 2.3 करोड़ यात्री सफर करते हैं, जो कि भारत की जनसंख्या का करीब 1.7 फीसदी है।
किस रेलवे डिविजन का किया गया है उद्घाटन
भारतीय रेलवे में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर रेलवे जोन के अंतगर्त आने वाले जम्मू डिविजन का उद्घाटन किया गया है। यह अभी तक उत्तर रेलवे जोन के फिरोजपुर डिविजन में आता था। हालांकि, अब यह अलग से डिविजन बन गया है।
भारतीय रेलवे में कुल कितने हुए डिविजन
रेलवे को जम्मू के रूप में नया डिविजन मिलने के बाद यहां कुल डिविजन की संख्या पहुंचकर 69 हो गई है। ये सभी डिविजन कुल 19 जोन में आते हैं।
किसे मिलेगा फायदा
PMO के मुताबिक, नया डिविजन बनने से 742.1 किलोमीटर लंबे रूट को फायदा मिलेगा। इसमें पठानकोट, जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर, भोगपुर, बारामूला, सिरवाल, बटाला और जोगिंदर ब्लॉक को फायदा मिलेगा। जम्मू डिविजन बनने से कश्मीर घाटी की शेष भारत से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। साथ ही, बुनियादी ढांचे का विकास होने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त यहां रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
जोन और डिविजन में क्या होता है अंतर
भारतीय रेलवे को जोन में विभाजित किया गया है, जिसका मुखिया महाप्रबंधक(GM) होता है। वहीं, प्रत्येक जोन में अलग-अलग डिविजन आते हैं। इन डिविजन का नेतृत्त्व डिविजनल रेलवे मैनेजर(DRM) द्वारा किया जाता है। जोन द्वारा यात्री सेवाओं को सुनिश्चित करने के साथ तकनीकी प्रणाली प्रबंधन और मानव संसाधन का प्रबंधन किया जाता है। प्रत्येक DRM द्वारा GM को रिपोर्ट किया जाता है।
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