भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन समझौता क्या है? (What is Protocol on Inland Water Transit and Trade between India and Bangladesh, 2020)
भारत और बांग्लादेश के बीच ‘अंतर्देशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल’ (Protocol on Inland Water Transit and Trade- के दूसरे अध्याय पर 20 मई, 2020 को हस्ताक्षर किये गए.
यह प्रोटोकौल, पहली बार 1972 (बांग्लादेश की आजादी के तुरंत बाद) दोनों देशों के बीच शुरू किया गया था. वर्ष 2015 में इसका नवीकरण किया गया था.
भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरदेशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकौल के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं; (Key points Indo-Bangladesh Inland water transit and trade)
1. इस समझौते के तहत दोनों देशों के जहाज एक विशिष्ट रूट से एक देश से दूसरे देश में आ जा सकेंगे.
2. समझौते में ‘पोर्ट्स ऑफ़ कॉल’ की संख्या 11 कर दी गयी है. भारत की तरफ से 5 नए पोर्ट्स ऑफ़ कॉल;धुलियन, मारिया,कोलाघाट, सोनमपुरा और जोगीगोफा होंगे जबकि बांग्लादेश की तरफ 5 नए पोर्ट्स ऑफ़ कॉल राजशाही सुल्तानगंज,चिल्मारी, दौद्कंदी और बहादुराबाद बांग्लादेश की तरफ से होंगे.

3. इस समझौते के तहत पोर्ट्स ऑफ़ कॉल की व्यवस्था है इसका मतलब है कि ये पोर्ट्स दोनों देशों के बीच इंटरमीडिएट पोर्ट्स की तरफ काम करेंगे.
4. जहाजों को पोर्ट्स ऑफ़ कॉल (ports of call) पर लोड करने और अनलोड करने की सुविधा होगी.
5. यह समझौता किसी तीसरे देश में भी माल परिवहन की अनुमति देता है.
6.समझौते का प्रत्येक पाँच वर्षों की अवधि के बाद स्वचालित रूप से नवीनीकरण किया जाता है.
7.नवीन समझौते के बाद ‘भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल’ (Indo Bangladesh Protocol- IBP) के तहत परिवहन मार्गों की संख्या 8 से बढ़ाकर 10 हो गई है.
8. भारत के जोगीगोफा में एक मल्टीमॉडल लोजिस्टिक पार्क की स्थापना की जाएगी जो कि बांग्लादेश के बहादुराबाद को मेघालय, असम एवं भूटान को कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा.
प्रमुख पारगमन मार्ग:
1. अखुरा-अगरतला (सड़क मार्ग)
 
2. कोलकाता-चांदपुर-करीमगंज-कोलकाता 
 
3. राजशाही-धूलियन-राजशाही
4. कोलकाता-चांदपुर-पांडु-सिलघाट-कोलकाता
5. कोलकाता-चांदपुर-आशूगंज (जलमार्ग)
6. सिलघाट-पांडु-अशुगंज-करीमगंज-पांडु-सिलघाट
पारगमन मार्गों का महत्त्व: (Importance of Protocol on Inland Water Transit and Trade Indo Bangla)
1. इस अंतर्देशीय जल पारगमन से भारत को उर्वरकों, खाद्यान्न, कृषि उत्पादों, सीमेंट और कंटेनरीकृत माल और के परिवहन के लिए रास्ता मिलेगा. भारत से बांग्लादेश के लिए प्रमुख निर्यात कार्गो फ्लाई ऐश है. भारत एक साल में बांग्लादेश को लगभग 30 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का निर्यात करता है.
2. यह समझौता दोनों देशों में लैंड कस्टम स्टेशनों पर भीड़भाड़ भी कम करेगा.
3. नवीन ‘पोर्टस ऑफ कॉल’ के निर्माण से दोनों देशों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा. नए पोर्टस ऑफ कॉल, भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (IBP) मार्गों पर कार्गो की लोडिंग एवं अनलोडिंग की सुविधा प्रदान करेंगे.
चूंकि भारत और बांग्लादेश एक दूसरे के बहतु करीबी मित्र हैं और भौगोलिक रूप से एक दूसरे से काफी नजदीक स्थित होने के कारण अंतरदेशीय जल पारगमन एवं व्यापार पर प्रोटोकौल से दोनों देशों को दूरगामी बहुत अच्छे परिणाम देखने के मिलेंगे.
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