Indian Railways: जानें देश के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में जिसका कोई नाम नहीं है

Indian Railways: देश में छोटे से बड़े तक कई रेलवे स्टेशन है. लेकिन क्या आप जानते हैं देश में एक ऐसा भी रेलवे स्टेशन है जिसका कोई नाम नहीं है. आइये जानें एक ऐसे ही रेलवे स्टेशन के बारे में
Unnamed Railway Station in India
Unnamed Railway Station in India

Indian Railways:  भारतीय रेलवे विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है और देश भर के सैकड़ों शहरों और गांवों तक इसका विस्तार है हर शहर और गाँव तक इसके स्टेशनों का विस्तार है और सबका अपना अलग-अलग नाम है. लेकिन क्या आप जानते हैं देश के ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में जो बेनाम है.  जी हाँ भारत में ऐसा भी रेलवे स्टेशन है जिसका कोई नाम नहीं है.

भारतीय रेल को देश की जीवन रेखा कहा जाता है. देश के 7500 से अधिक स्टेशनों से हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन में चढ़ते हैं, यात्रा करते हैं और अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं. एक तरफ जहां रेलवे की तरफ से रैपिड ट्रैक विस्तार का काम चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस रेलवे स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं. साथ ही भारत में ऐसा भी रेलवे स्टेशन है जिसका नाम ही नहीं है. आइये जानते हैं.

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भारत का ऐसा रेलवे स्टेशन जिसका कोई नाम नहीं है

यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में स्थित है.  बर्धमान शहर से लगभग 35 किमी दूर रैना नाम का एक गाँव है जहाँ एक नया रेलवे स्टेशन बनाया गया था, लेकिन इसका आज तक कोई नाम नहीं है. ऐसा बताया जाता है कि इस रेलवे स्टेशन को 2008 में बनाया गया था.

जानकारी के मुताबिक स्टेशन का नाम न रखने का असली कारण रैना और रैनागढ़ गांवों के लोगों के बीच मतभेद था. 2008 से पहले, रैनागढ़ में एक रेलवे स्टेशन था, जिसे रैनागढ़ रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था. 

इस रेल मार्ग को पहले बांकुरा-दामोदर रेल मार्ग (Bankura-Damodar Railway Route) के नाम से जाना जाता था. बाद में इसे हावड़ा-बर्धमान मार्ग (Howrah-Bardhman route) से जोड़ा गया. समस्या तब पैदा हुई जब रैना गांव के निवासियों ने स्टेशन का नाम रैनागढ़ के नाम पर न रखने पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि चूंकि स्टेशन रैना में था इसलिए इसे रैना स्टेशन कहा जाए न कि रैनागढ़ स्टेशन. इसलिए स्टेशन का कोई नाम नहीं रहा.

दिन में इस स्टेशन पर बांकुरा-मासाग्राम ट्रेन लगभग छह बार रुकती है. कोई भी यात्री जो पहली बार स्टेशन पर आता है वह हैरान ही हो जाता है क्योंकि उसे समझ ही नहीं आता की वह किस स्टेशन पर पहुंचा है. या फिर ऐसा कहा जा सकता है कि स्टेशन का कोई नाम नहीं है जिसके कारण उनकों परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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