हाईलाइट्स:
- सलीमा इम्तियाज ICC अंतर्राष्ट्रीय विकास पैनल में शामिल होने वाली पहली पाकिस्तानी महिला अंपायर बन गयी है.
- सलीमा की बेटी कायनात भी क्रिकेटर है जिन्होंने 19 वनडे और 21 टी20 मैच खेले हैं.
- सलीमा साल 2008 में पीसीबी के महिला अंपायर पैनल में शामिल हुईं थी.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने घोषणा की कि सलीमा इम्तियाज (Saleema Imtiaz) आंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के डेवलपमेंट अंपायर पैनल में नामांकित हो गई हैं, जो पहली पाकिस्तानी महिला है जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. इसके साथ ही वह महिला द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय मैच और आईसीसी की महिला प्रतियोगिताओं में अंपायरिंग कर पाएंगी.
सलीमा ने इस मौके पर खुशी जताई और कहा, "यह सिर्फ मेरी विजय नहीं, बल्कि पाकिस्तान की हर महिला क्रिकेटर और अंपायर की जीत है. मेरी सफलता से मुझे यह उम्मीद है कि औरतों को खेल में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित मिलेगी."
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पहली पाकिस्तानी महिला अंपायर:
सलीमा इम्तियाज ICC अंतर्राष्ट्रीय विकास पैनल में शामिल होने वाली पहली पाकिस्तानी महिला अंपायर बन गयी है. सलीमा ने इस मौके पर अपनी बेटी कायनात इम्तियाज का जिक्र भी किया, जो पाकिस्तान के लिए 40 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी हैं, जिसमें 19 वनडे और 21 टी20 मैच शामिल हैं. कायनात की मां सलीमा आईसीसी अंपायरों के अंतर्राष्ट्रीय विकास पैनल में शामिल होने वाली पहली पाकिस्तानी महिला अंपायर बनीं.
साल 2008 में शुरू हुआ सफ़र:
सलीमा साल 2008 में पीसीबी के महिला अंपायर पैनल में शामिल हुईं और पिछले तीन वर्षों में कई एशियाई क्रिकेट परिषद टूर्नामेंटों में अंपायरिंग की है. द्विपक्षीय श्रृंखला में सलीमा की पहली ऑन-फील्ड नियुक्ति हो गयी है. वह पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका की महिलाओं के बीच आगामी तीन मैचों की टी20 श्रृंखला में अंपायरिंग करते हुए देखेगी.
कैसा रहा सलीमा का सफ़र:
सलीमा का करियर शुरू से ही आसान नहीं था. पाकिस्तान में महिला क्रिकेट अंपायरिंग एक ऐसा क्षेत्र था जिसमें बहुत कम महिलाएँ कदम रखती थीं. इम्तियाज की यात्रा बेहद प्रेरणादायक और दिलचस्प है, जिसमें उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से क्रिकेट की दुनिया में अपनी एक खास पहचान बनाई है. सलीमा का क्रिकेट से जुड़ाव किसी खिलाड़ी या कोच के रूप में नहीं, बल्कि एक अंपायर के रूप में रहा है, जो महिला खेलों में एक विशेष उपलब्धि है.
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