राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का सरकारी निवास स्थान है और नई दिल्ली में स्थित है. इसको 1950 तक वायसराय हाउस भी कहते थे. यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक है. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह देश में राष्ट्र प्रमुख का सबसे बड़ा निवास स्थान है. इसमें राष्ट्रपति कार्यालय, अतिथि कक्षों और कर्मचारी कक्षों समेत 300 से भी अधिक कमरे हैं.
राष्ट्रपति भवन का निर्माण कार्य 1912 में शुरू हुआ और 1929 में यह बन कर तैयार हो गया था. इसे रायसीना हिल पर बनाया गया है और इसका निर्माण वास्तुकार सर एडविन लैंडसीर लुटियन द्वारा किया गया था. यह इटली के रोम स्थित क्यूरनल पैलेस के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थान है. इसमें 750 कर्मचारी काम करते हैं जिनमें से 245 राष्ट्रपति के सचिवालय में कार्यरत हैं. सबसे मनमोहक द्रश्य गोलाकार उद्यान का हैं जिसमें सीढ़ीदार कटोरानुमा फूलों के खेतों में अलग–अलग रंगों में फूल खिले हुए हैं और तो और गौतम बुद्ध की प्रतिमा जिस स्थान पर राखी गई है उसकी उंचाई इंडिया गेट के बराबर है.
राष्ट्रपति के मार्बल हॉल में वायसरॉय और ब्रिटिश राजपरिवारों की मूर्तियों के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मोम की अदभुत प्रतिमा रखी गई है. इसको आसनसोल नाम के कलाकार ने बनाया था. इसके बैंक्वेट हॉल में एक साथ 104 अतिथि बैठ सकते हैं. इतना ही नहीं राष्ट्रपति भवन में बच्चों के लिए दो दीर्घाएं हैं. जिसमें उनके कामों और उनको आकर्षक करने वाली वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है. इसमें विज्ञान एवं नवसारी गैलरी भी है जिसमें एक क्लम्सी नाम का रोबोटिक कुत्ता है जो बिलकुल असली लगता है. इस भवन में हर शनिवार को सुबह 10 बजे से 30 मिनटों तक 'चेंज ऑफ गार्ड' समारोह आयोजित किया जाता है जिसमें आम नागरिक अपने पहचान पत्र के साथ इसको देखने आ सकते है.
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