किस वजह से अधिक प्रदूषित होती है दिल्ली की हवा, यहां देखें क्या कहती है ‘TERI’ की रिपोर्ट

Nov 18, 2024, 13:00 IST

सर्दी में दिल्ली-एनसीआर की हवा दमघोंटू हो जाती है। इस बार भी हालात बद से बदतर हो गए हैं, जिस वजह से सरकार ने Graded Response Action Plan(Grap -IV) लागू कर दिया है और बंदिशें लागू हो गई हैं। इस लेख में हम दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण कारकों के बारे में जानेंगे।  

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण

दिल्ली-एनसीआर में हवा की स्थिति खतरनाक हो गई है। हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ आंखों और गले में जलन महसूस होने लगी है। अगले कुछ दिनों में भी हवा की सेहत में सुधार के आसार नहीं हैं।

इस बीच क्या आप जानते हैं कि आखिर क्या वजह है, जिससे दिल्ली-एनसीआर की हवा इतनी खराब हो गई है। इस लेख में हम ‘TERI’ की रिपोर्ट को पढ़ेंगे, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारकों का लेखा-जोखा दिया गया है। 

‘TERI’ ने की है कारकों की जांच

The Energy and Resource Institute(TERI)  ने दिल्ली में होने वाले प्रदूषण को लेकर एमिशन रिपोर्ट 2021 को जारी किया था। इसमें प्रदूषण को उन कारकों पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जिनसे दिल्ली की हवा बिगड़ जाती है। रिपोर्ट में सिर्फ दिल्ली के अंदर के कारणों पर ध्यान दिया गया है। दिल्ली के आसपास के शहर प्रदूषण के लिए अलग कारणों से जिम्मेदार हैं।

इन 6 प्रमुख कारण से दिल्ली में होता है प्रदूषण

‘TERI’ की रिपोर्ट में कुल 6 कारणों को शामिल किया गया है। इसमें सबसे प्रमुख कारण वाहनों से निकलना धुआं बताया गया है। गाड़ियों से निकलना वाला धुआं पीएम 2.5 प्रदूषक तत्व में करीब 47 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। यह प्रतिवर्ष 9.7 किलोटन है, जबकि पूरे वर्ष 20.32 किलोटन हवा में पीएम 2.5 का प्रदूषक तत्व मौजूद रहते हैं।

इसके बाद दूसरे स्थान पर सड़क पर उड़ने वाली धूल है, जिसकी पीएम 2.5 में करीब 20 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं, गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में मौजूद Nitorogen Oxide हवा में 78 फीसदी की भागीदारी रखता है, जो कि सेहत के लिए ठीक नहीं है।

साथ ही, non-methane volatile organic compounds में इसकी 49 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई थी। पीएम2.5 बहुत ही बारीक कण होते हैं, जो कि आसानी से सांस के लिए माध्यम से हम हमारे फेफड़ों में पहुंच जाते हैं, जिनसे सांस संबंधी बीमारियों के साथ-साथ कैंसर तक हो सकता है।

NCR के ये कारक प्रदूषण के लिए हैं जिम्मेदार

एनसीआर में प्रदूषण के कारकों की बात करें, तो टेरी की रिपोर्ट में उद्योगों से होने वाले प्रदूषण से पीएम 10 में 41 और पीएम 2.5 में 44 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके बाद स्टोन क्रशर भी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। स्टोन क्रशर से पीएम 10 में 22 और पीएम 2.5 में 19 फीसदी की हिस्सेदारी दर्ज की गई है। आपको बता दें कि एनसीआर में उत्तर प्रदेश के 8, हरियाणा 13 और राजस्थान के 2 जिले आते हैं। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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