मौसम का मिजाज बदल चुका है और प्रचंड गर्मी पड़ना शुरू हो गई है। इस कड़ी में कुछ राज्यों में पारा 40 डिग्री व इसके पार भी पहुंच गया है। गर्मी से बचने के लिए एसी ही सबसे सुगम उपाय माना जाता है, जो कुछ मिनटों में कमरे को ठंडा कर राहत देता है।
हालांकि, आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी कोई एसी खरीदने जाता है, तो उसे टन के हिसाब से एसी का विकल्प दिया जाता है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर एसी में एक या दो टन का क्या मतलब होता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या होता है टन
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर टन का क्या मतलब होता है। यह बात हम सभी जानते हैं कि एक किलो में 1000 ग्राम होते हैं। इसी प्रकार 100 किलो एक क्विंटल के बराबर होता है। वहीं, एक टन में 9 क्विंटल होते हैं, जिनमें करीब 907 किलो होते हैं। टन का इस्तेमाल विदेशों से होता आया है, जिसे भारत में भी वजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
एसी में क्या होता है 1 या 2 टन का मतलब
एसी में टन शब्द का प्रयोग कूलिंग कैपिसिटी के लिए किया जाता है। टन शब्द हमें बताता है कि एसी एक घंटे में एक रूम को कितना ठंडा कर सकता है। यह एक यूनिट के तरह एसी के साथ उपयोग किया जाता है।
इस प्रकार इस्तेमाल होता है टन शब्द
आपको बता दें कि एक कमरे से हीट रिमूव करने के लिए हीट को ब्रिटिश थर्मल यूनिट(BTU) को मापा जाता है। ऐसे में एक टन का एसी एक कमरे से 12000 बीटीयू रिमूव कर सकता है। वहीं, 1.5 टन का एसी एक कमरे से 18000 बीटीयू रिमूव कर सकता है। इसी प्रकार 2 टन का एसी एक कमरे से 24000 बीटीयू रिमूव कर सकता है।
आपके कमरे के लिए कितना टन का एसी है सही
यदि आप आपने कमरे की जरूरत से अधिक बड़ा एसी लेंगे, तो आपको इसके लिए अधिक बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ेगा। वहीं, छोटा एसी लेने पर आपको गर्मी का सामना करना पड़ेगा। आपको बता दें कि 100 स्क्वयार फीट तक के कमरे के लिए 1 टन एसी काम कर सकता है। वहीं, 100 से 200 स्क्वायर फीट तक के कमरे के लिए 1.5 से 2 टन का एसी ठीक काम करता है।
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