हलाल सर्टिफिकेशन क्या है और कंपनियां अपने उत्पादों को हलाल सर्टिफाइड क्यों करवाती हैं?

May 19, 2020, 18:05 IST

हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certification): इस्लाम के अनुयायी ऐसे खाद्य पदार्थों और उत्पादों का प्रयोग नहीं करते हैं जो इस्लाम में हराम हैं। हलाल सर्टिफिकेशन के ज़रिए उनको इत्मीनान रहता है कि जो चीज वो खा रहे हैं या इस्तेमाल कर रहे हैं वो हलाल है। 

Halal Certification
Halal Certification

कोरोनोवायरस महामारी के बीच, ट्विटर पर #BoycottHalalProducts ट्रेंड करने लगा। इस ट्रेंड का मकसद हलाल सर्टिफाइड फूड और अन्य सामानों का बहिष्कार करना था। । इसके अलावा, भारत में 'हलाल' तरीके से जानवरों को मारने पर रोक लगाने के लिए विश्व जैन संगठन नामक एक गैर सरकारी संस्था ने याचिका दायर की। ये याचिका कोरोनोवायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए दायर की गई थी। 

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हलाल और हराम क्या हैं?

हलाल एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'अनुमेय या वैध'। हलाल इस्लाम और उसके भोजन कानून, विशेष रूप से मांस से संबंधित है।  

दूसरी ओर, हराम एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'निषिद्ध या अवैध'। कुरान के अनुसार, कई उत्पाद हैं जो इस्लाम के अनुयायियों के लिए हराम हैं। ये हैं - शराब, वध से पहले मृत पशु, रक्त और इसके उपोत्पाद, सूअर का मांस और झटके का मांस (बिना हलाल प्रक्रिया के)।

हलाल कानून क्या कहता है?

कुरान में वर्णित हलाल प्रक्रिया के अनुसार:

1- केवल एक मुस्लिम व्यक्ति ही जानवर को मार सकता है। कई जगहों पर यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर यहूदी और ईसाई हलाल प्रक्रिया का पालन कर जानवरों को मारते हैं, तो यह मांस इस्लामिक नियमों के अनुसार हलाल है।

2- तेज चाकू की मदद से जानवर की नस, गर्दन और सांस की नली इस तरह से काटें कि जानवर का सर धड़ से अलग न हो। 

3- जानवर को मारते समय कुरान की आयत अवश्य पढ़ी जानी चाहिए और इसे तस्मिया या शहदा के नाम से जाना जाता है।

4- जानवर को मारने के बाद उसकी नसों से अधिक मात्रा में रक्त निकल जाने दें। 

5- इस्लाम में किसी ऐसे जानवर का मांस खाना जो पहले से ही मृत हो या जो हलाल प्रक्रिया के अनुसार ना मारा गया हो, प्रतिबंधित है।

हलाल सर्टिफिकेशन 

कई इस्लामी देशों में, हलाल सर्टिफिकेशन सरकार द्वारा दिया जाता है। भारत में, FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) का सर्टिफिकेशन लगभग सभी खाद्य पदार्थों पर देखा जा सकता है, लेकिन यह प्राधिकरण भारत में हलाल सर्टिफिकेशन नहीं देता है। भारत में, लगभग दर्जन भर कंपनियाँ हलाल सर्टिफिकेशन देती हैं जो इस्लाम के अनुयायियों के लिए खाद्य या उत्पादों के इस्तेमाल की अनुमति देता है। भारत में महत्वपूर्ण हलाल सर्टिफिकेशन कंपनियां हैं:
1- हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड।
2- हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड।
3- जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र- जमीयत उलमा-ए-हिंद की एक राज्य इकाई।
4- जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट।

सौंदर्य प्रसाधन और फार्मास्यूटिकल्स हलाल सर्टिफिकेशन क्यों कराती हैं?

सौंदर्य प्रसाधन और फार्मास्यूटिकल्स हलाल सर्टिफिकेशन इसलिए कराती हैं क्योंकि द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों में पशुओं की चर्बी, शराब आदि का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, शराब को पर्फ्यूम बनाने में इस्तेमाल किया जाता है, सुअर की चर्बी लिपस्टिक और लिप बाम बनाने में इस्तेमाल की जाती है, कॉस्मेटिक में सूअरों, मुर्गियों, बकरियों, आदि के उपोत्पाद का इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी इस्लामी कानूनों के अनुसार हराम हैं। सौंदर्य प्रसाधन और फार्मास्यूटिकल्स जो हलाल सर्टिफाइड होते हैं उनमें कोई भी हराम उत्पाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 

कंपनियां अपने उत्पादों का हलाल सर्टिफिकेशन क्यों कराती हैं?

कंपनियां अपने उत्पादों का हलाल सर्टिफिकेशन इसलिए करवाती हैं जिससे उनके उत्पादों को इस्लामिक देशों में निर्यात किया जा सके। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस्लाम के अनुयायियों की आबादी पूरी दुनिया में 1.8 बिलियन है, यानी दुनिया की आबादी का 24.1%। इसके अलावा, कई इस्लामिक देशों में केवल हलाल सर्टिफाइड खाद्य पदार्थों की अनुमति है।

कई रिपोर्टों के अनुसार, हलाल खाद्य बाजार वैश्विक खाद्य बाजार का लगभग 19% है। इस प्रकार, बड़े बाजारों की सेवा के लिए, डिमांड और सप्लाई को ध्यान में रखते हुए, कई कंपनियां अपने उत्पादों का हलाल सर्टिफिकेशन करा रही हैं।

हलाल खाद्य पदार्थों, हलाल सौंदर्य प्रसाधन के बाद एक और शब्द है 'हलाल टूरिज्म'। इसमें शामि होटल और रेस्तरां शराब नहीं परोसते और केवल हलाल सर्टिफाइड भोजन ही परोसते हैं। कई होटलों में, पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए स्पा और स्विमिंग पूल की सुविधाएं भी अलग-अलग हैं।

हलाल सर्टिफिकेशन का लोग विरोध क्यों कर रहे हैं?

1- हलाल सर्टिफिकेशन के बाद उत्पादों की कीमत बढ़ जाती है क्योंकि पूरी प्रक्रिया में पैसे लगते हैं जो कंपनिया ग्राहकों से वसूलती हैं। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए, उत्पाद बनाने की प्रक्रिया में कई संशोधनों की आवश्यकता होती है।

2- हलाल सर्टिफिकेशन के लिए कई प्रक्रियाओं में गैर-मुस्लिमों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हैं, जैसे हलाल स्लॉटरहाउस।

3- हलाल सर्टिफिकेशन गैर-मुसलमानों के प्रति विशेष रूप से हलाल मांस उद्योग में एक भेदभावपूर्ण प्रक्रिया है।

4- आज तक कोई मानक हलाल सर्टिफिकेशन प्रक्रिया नहीं है। इसका मतलब है कि एक देश के हलाल सर्टिफाइड उत्पादों को दूसरे देश में मान्यता नहीं दी जा सकती है। उदाहरण के लिए, संयुक्त अरब अमीरात में भारत का हलाल सर्टिफिकेशन मान्य नहीं है।

हलाल सर्टिफाइड उत्पाद अन्य समुदायों के लिए निषिद्ध नहीं हैं। किसी भी धर्म का पालन करने वाला हलाल सर्टिफाइड मांस और उत्पादों का प्रयोग कर सकते हैं।

Arfa Javaid
Arfa Javaid

Content Writer

Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

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