New e-Zero FIR: भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा नई e-Zero FIR पहल की शुरुआत की गई है. केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने इस पहल की घोषणा करते हुए इसे साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है। इस पहल का उद्देश्य साइबर वित्तीय अपराधों पर तुरंत कार्रवाई कर 'साइबर सुरक्षित भारत' के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करना है।
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क्या है e-Zero FIR पहल?
यह एक नया सिस्टम है, जो National Cybercrime Reporting Portal (NCRP) या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज साइबर वित्तीय अपराधों की शिकायतों को स्वतः Zero FIR में बदल देती है। शुरुआत में यह सुविधा ₹10 लाख से अधिक की वित्तीय धोखाधड़ी पर लागू होगी। यह पहल फिलहाल दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई है और जल्द ही पूरे देश में लागू की जाएगी।
क्या है Zero FIR के फायदे?
- Zero FIR का मतलब है कि कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी स्थान से किसी भी थाने में शिकायत दर्ज करवा सकता है, भौगोलिक सीमा की बाध्यता के बिना।
- इसके तहत शिकायतकर्ता को 3 दिनों के भीतर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन जाकर इस Zero FIR को नियमित FIR में परिवर्तित करना होगा।
- यह व्यवस्था खासतौर पर उन लोगों के लिए मददगार है, जिनका साइबर अपराध में पैसा खो गया है — अब उन्हें पुलिस स्टेशन दर पुलिस स्टेशन नहीं भटकना पड़ेगा।
नया सिस्टम कैसे करता है काम?
यह नया सिस्टम तीन मुख्य संस्थानों भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), दिल्ली पुलिस की e-FIR सिस्टम, और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का CCTNS नेटवर्क की संयुक्त पहल है. इसके तहत शिकायत आने पर यह दिल्ली के e-Crime पुलिस स्टेशन को स्वतः भेज दी जाएगी और फिर उसे स्थानीय साइबर थाने को स्थानांतरित किया जाएगा।
क्यों लांच किया गया New e-Zero FIR:
- शिकायत से लेकर एफआईआर दर्ज होने तक के समय को कम करना
- धोखाधड़ी से खोए पैसों की रिकवरी में तेजी लाना
- साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना
- साइबर सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करना, ताकि 'Cyber Secure Bharat' का सपना साकार हो
The MHA's Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C) introduced the new e-Zero FIR initiative to nab any criminal with unprecedented speed. Launched as a pilot project for Delhi, the new system will automatically convert cyber financial crimes filed at NCRP or 1930 to FIRs,…
— Amit Shah (@AmitShah) May 19, 2025
किस कानून के तहत लाया गया?
यह पूरी प्रक्रिया भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bhartiya Nagrik Suraksha Sanhita - BNSS) की धारा 173 (1) और 1(ii) के तहत अमल में लाई गई है। इसके जरिए डिजिटल माध्यम से FIR दर्ज करना और उसे स्थानांतरित करना कानूनी रूप से वैध बना दिया गया है।
e-Zero FIR पहल साइबर अपराध पीड़ितों को त्वरित न्याय देने की दिशा में एक अच्छा कदम है। यह न केवल शिकायतों की दर्ज प्रक्रिया को आसान बनाता है, बल्कि धोखाधड़ी से खोई रकम की वसूली में भी मददगार साबित होगा। यदि यह मॉडल सफल रहता है तो यह साइबर अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में देश को मदद मिलेगी।
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