केंद्रीय बजट 2025 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा, यह भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज है. यह बजट अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की आर्थिक नीतियों, प्राथमिकताओं और योजनाओं का एक रोडमैप प्रस्तुत करेगा.
बता दें कि इसमें सरकार की आय और व्यय का विस्तृत लेखा-जोखा होता है, जो न केवल आर्थिक विकास को प्रभावित करता है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए दिशा भी निर्धारित करता है.
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कैसे हुई ‘बजट’ शब्द की उत्पत्ति:
बजट शब्द की जड़ें लैटिन भाषा में हैं:
- "बुल्गा" (Lat.) – एक चमड़े का थैला
- "बुगेट" (Fr.) – फ्रांसीसी भाषा में इसी शब्द से बना
- "बोगेट" (Eng.) – अंग्रेज़ी में रूपांतरित होकर यह शब्द "बजट" बन गया.
किस देश ने बनाया था पहला बजट:
World First Budget: दुनिया में सबसे पहले इंग्लैंड ने 1760 में बजट पेश किया था. इस बजट ने आर्थिक नीति निर्माण की एक नई परंपरा स्थापित की, जिसे बाद में अन्य देशों ने अपनाया.
- फ्रांस ने अपना पहला बजट 1817 में पेश किया.
- अमेरिका ने 1921 में अपना पहला बजट प्रस्तुत किया.
- भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान पहली बार 1860 को जेम्स विल्सन ने बजट पेश किया.
- स्वतंत्र भारत का पहला अंतरिम बजट 26 नवंबर 1947 को आर. के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया.
भारत में बजट निर्माण की क्या है प्रक्रिया:
भारत में केंद्रीय बजट हर वर्ष 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाता है. यह बजट अगले वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) के लिए आर्थिक नीतियों, राजस्व-व्यय और योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत करता है.
प्रारंभिक तैयारी (मिड ईयर स्टेज)
- बजट निर्माण की प्रक्रिया वर्ष के मध्य में शुरू होती है.
- वित्त मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों, राज्यों, आर्थिक संगठनों और विशेषज्ञों से सुझाव एकत्र करता है.
हितधारकों के साथ परामर्श:
- सरकार उद्योग विशेषज्ञों, अर्थशास्त्रियों और आम जनता से विचार-विमर्श करती है.
- इससे विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं और आर्थिक चिंताओं को समझने में मदद मिलती है.
बजट मसौदा तैयार करना:
- वित्त मंत्रालय पिछले वर्षों के आंकड़ों और वर्तमान वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करता है.
- इसमें राजस्व-व्यय, नई नीतियां, कर ढांचे में बदलाव और निवेश योजनाएं शामिल होती हैं.
कैबिनेट की मंजूरी: प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल बजट के मसौदे की समीक्षा करते हैं. बजट में अंतिम बदलाव करने के बाद इसे मंजूरी दी जाती है.
Budget Speech कौन पेश करता है बजट:
- वित्त मंत्री संसद में बजट भाषण पढ़ते हैं, जिसमें सरकार की आर्थिक नीतियों, योजनाओं और खर्चों का विवरण होता है.
- बजट के दो भाग होते हैं:
- आय (Revenue) – सरकार की आय, कर नीतियां, आर्थिक अनुमान
- व्यय (Expenditure) – सरकारी योजनाएं, सब्सिडी, रक्षा बजट, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि
संसदीय अनुमोदन (Parliamentary Approval)
- बजट पेश होने के बाद लोकसभा और राज्यसभा में इस पर चर्चा होती है.
- विभिन्न मंत्रालयों को आवंटित धन की समीक्षा करने के लिए विभागीय समितियां (Standing Committees) गठित की जाती हैं.
- संसद में बहस और संशोधन के बाद बजट को मंजूरी दी जाती है.
बजट निर्माण में शामिल प्रमुख संस्थाएं:
भारत में बजट निर्माण में वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) की मुख्य भूमिका होती है. वित्त मंत्रालय के चार प्रमुख विभाग बजट के लिए काम करते है.
- आर्थिक मामलों का विभाग – आर्थिक डेटा और नीतियों का मूल्यांकन करता है.
- राजस्व विभाग – कर प्रणाली और सरकार की आय पर ध्यान केंद्रित करता है.
- व्यय विभाग – विभिन्न मंत्रालयों के बजटीय आवंटन की समीक्षा करता है.
- वित्तीय सेवाएं विभाग – बैंकों, बीमा और वित्तीय नियमन से जुड़े मामलों को देखता है.
- साथ ही नीति आयोग विकास योजनाओं और नीतियों के मार्गदर्शन में अहम भूमिका निभाता है.
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