हिन्द महासागर (Indian Ocean) दुनिया का एकमात्र प्रमुख महासागर है जिसका नाम किसी आधुनिक राष्ट्र भारत पर रखा गया है। भौगोलिक दृष्टि से भारत इस महासागर के उत्तरी किनारे पर सबसे लंबी तटरेखा रखता है और इसका प्रायद्वीपीय स्ट्रक्चर सीधे महासागर में निकलती है। ऐतिहासिक व्यापार मार्गों पर भारत की प्रमुख भूमिका के कारण ही यह नाम प्रचलित हुआ। यह पृथ्वी के जल-पृष्ठ का लगभग 20% हिस्सा रखने वाला तीसरा सबसे बड़ा महासागर है, जो वैश्विक जलवायु और व्यापार दोनों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
नामकरण का अनोखा इतिहास
हिन्द महासागर का नाम 1515 के आसपास के लैटिन मानचित्रों “Oceanus Orientalis Indicus” में मिलता है।
प्राचीन काल में रोम, अरब और एशिया के व्यापार मार्ग सीधे भारत की ओर आते थे, जिससे यह समुद्री क्षेत्र व्यापार-संस्कृति का केंद्र बन गया।
कैसा है इसका भौगोलिक विस्तार
हिन्द महासागर चार दिशाओं में चार महाद्वीपों से घिरा है:
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उत्तर: एशिया
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पश्चिम: अफ्रीका
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पूर्व: ऑस्ट्रेलिया
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दक्षिण: दक्षिणी महासागर / अंटार्कटिका
इसका कुल विस्तार लगभग 70.56 लाख वर्ग किलोमीटर है और इसकी औसत गहराई 3,741 मीटर, जबकि अधिकतम गहराई 7,258 मीटर (जावा ट्रेंच- सुंडा डीप) में पाई जाती है। इसके प्रमुख सीमांत सागर अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर है।
विशेष भौतिक विशेषताएँ
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हिन्द महासागर में मानसूनी हवाओं के कारण धाराओं की दिशा मौसम के अनुसार बदलती हैं, जो इसे अन्य महासागरों से अलग बनाती हैं।
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यह अपेक्षाकृत “युवा” महासागर है, जो लगभग 15 करोड़ वर्ष पहले गोंडवाना महाद्वीप के टूटने से बना है।
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यहां समुद्री पर्वत-श्रृंखलाएँ, गर्त, कोरल रीफ और उच्च जैव-विविधता वाले हॉटस्पॉट मिलते हैं।
वैश्विक रणनीतिक महत्व
भारत की मध्य स्थिति ने इसे सदियों से व्यापार का प्रमुख केंद्र बनाया। आज भी हिन्द महासागर से विश्व के कुल समुद्री व्यापार का लगभग एक-तिहाई गुजरता है, हालाँकि 1960–70 के दशक में इंडोनेशिया और पाकिस्तान ने इसके नाम पर आपत्ति जताई थी, लेकिन भौगोलिक और ऐतिहासिक कारणों से “Indian Ocean” नाम कायम रहा।
कौन से है इसके मुख्य तटीय देश (Littoral Countries)
हिन्द महासागर के प्रमुख तटीय देशों के बारें में आप यहाँ विस्तार से देख सकते है-
अफ्रीका
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दक्षिण अफ्रीका
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मोज़ाम्बिक
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तंजानिया
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केन्या
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सोमालिया
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मेडागास्कर
मध्य पूर्व
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सऊदी अरब
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यमन
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ओमान
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संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
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ईरान
दक्षिण एशिया
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भारत
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श्रीलंका
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बांग्लादेश
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मालदीव
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पाकिस्तान
दक्षिण-पूर्व / पूर्वी एशिया एवं ओशियानिया
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ऑस्ट्रेलिया
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इंडोनेशिया
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मलेशिया
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सिंगापुर
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थाईलैंड
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म्यांमार
प्रमुख व्यापारिक समुद्री मार्ग (Major Sea Routes)
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Strait of Hormuz Route: विश्व के अधिकांश तेल टैंकर यहीं से गुजरते हैं।
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Bab-el-Mandeb – Red Sea - Suez Canal Route: यूरोप-एशिया–अफ्रीका को जोड़ने वाला सबसे व्यस्त मार्ग।
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Strait of Malacca Route: एशिया का सबसे भीड़भाड़ वाला समुद्री लेन, जो भारत-चीन-जापान-दक्षिण-पूर्व एशिया व्यापार को जोड़ता है।
प्रमुख बंदरगाह (Sub-Regions अनुसार)
1. पूर्वी अफ्रीका
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डर्बन (South Africa)
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मोम्बासा (Kenya)
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दार-एस-सलाम (Tanzania)
2. मध्य पूर्व
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जेबेल अली / दुबई (UAE)
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फुजैरा (UAE)
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सलाला (Oman)
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एडन (Yemen)
3. दक्षिण एशिया
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मुंबई JNPT, कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, कोलकाता (भारत)
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कराची, ग्वादर (पाकिस्तान)
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कोलंबो (श्रीलंका)
4. दक्षिण-पूर्व एशिया
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सिंगापुर
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पोर्ट क्लांग (Malaysia)
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तंजुंग पेलापास (Malaysia)
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इंडोनेशिया के सुमात्रा और जावा क्षेत्र के बड़े पोर्ट
ये सभी बंदरगाह दुनिया भर में कच्चा तेल, LNG, कंटेनर कार्गो, कोयला, लौह अयस्क और विनिर्मित सामान की आवाजाही का केंद्र हैं। अन्य महासागरों (प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक और दक्षिणी महासागर) का नाम दिशा या भौगोलिक विशेषताओं पर आधारित है, लेकिन हिन्द महासागर का नाम भारत के भौगोलिक प्रभुत्व और व्यापारिक महत्ता से जुड़ा हुआ है।
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