प्रसिद्ध लेखिका इस्मत चुग़ताई का नाम हर उर्दू साहित्य प्रेमी के लिए जाना-मेला है. चुग़ताई ने कभी भी रूढ़िवादी परम्पराओं के सामने घुटने नहीं टेके और वे हमेशा महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों की बात करती रहीं. उन्होंने अपने उपन्यासों में, स्त्री संघर्ष, वर्ग संघर्ष और मध्य वर्ग की नैतिकता की बात कही.
इस्मत चुगताई का जन्म बदायूं उत्तर प्रदेश में 21 अगस्त 1915 को हुआ था. 21 अगस्त 2018 को; गूगल ने उनके 107वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर उनको सम्मानित किया था. इस्मत चुगताई का नाम उर्दू साहित्य की बहुत ही सम्मानित लेखिकाओं में गिना जाता है. गूगल ने उन्हें उर्दू साहित्य का “ग्रांडे डेम" कहा है.
इस्मत चुगताई, दस भाई बहनों में 9वें नम्बर की थीं. उनके पिता एक भारतीय सिविल सेवक (Indian Civil Servant) थे.
चुगताई के पति का नाम शहीद लतीफ़ था जो कि एक हिंदी फिल्म निर्देशक, लेखक और निर्माता थे. उनके दो बच्चे; सीमा साहनी और सबरीना लेटीफ थे.
वर्ष 1942 में प्रकाशित इस्मत चुगताई, की लघु कहानी "लिहाफ" (द क्विल्ट) ने उन्हें कुख्यात बना दिया क्योंकि यह छोटी कहानी समलैंगिकता पर आधारित थी. उन्हें 1942 में अश्लीलता के आरोप में गिरफ्तार किया गया और 1945 में लाहौर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया गया लेकिन बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था.
उनके पति ने चुगताई की रचनाओं पर कुछ फ़िल्में भी बनायीं थीं जिनमें से कुछ के नाम हैं; जिद्दी (1948), आरजू (1950), गरम हवा (1973) और जूनून (1978).
चुगताई को 1976 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस्मत चुगताई का निधन 24 अक्टूबर, 1991 को हुआ था लेकिन उनकी लिखी गयी कृतियाँ आज भी उर्दू साहित्य का अभिन्न अंग बनी हुईं हैं.
चुगताई के कार्यों और प्रकाशन के वर्ष की सूची निम्नानुसार है;
क्रम संख्या | कृति | प्रकाशन वर्ष |
1. | फ़सादी | 1939
|
2. | इंतिखाब | 1939 |
3. | टेढ़ी लकीर | 1940 |
4. | कलियाँ | 1941 |
5. | चोटें | 1942 |
6. | लिहाफ | 1942 |
7. | एक बात | 1946 |
8. | छुई मुई | 1952 |
9. | दो हांथ | 1955 |
10. | धनी बातें | 1955 |
11. | दोजख | 1960 |
12. | मसूमा | 1961 |
13. | सौदाई | 1964 |
14. | दिल की दुनिया | 1966 |
15. | जंगली कबूतर | 1970) |
16. | अजीब आदमी | 1970 |
17. | एक कतरा खून | 1975 |
18. | तनहाई का ज़हर | 1977 |
19. | बदन की खुशबू | 1979 |
20. | अमरबेल | 1979 |
21. | थोरी सी पागल | 1979 |
22. | आधी औरत आधा ख्वाब | 1986 |
23. | कागजी है पैरहन | 1988 |
24. | तीन अनाड़ी | 1988 |
इस्मत चुगताई अपनी लघु कहानियों 'लिहाफ (1942) और छुई- मुई (1952) के लिए बहुत प्रसिद्द हुई थीं. चुगताई की अधूरी आत्मकथा 'कागजी है पैरहन' मरणोपरांत प्रकाशित हुई थी. उम्मीद है कि इस्मत चुगताई के बारे में दी गयी जानकारी साहित्य प्रेमियों को पसंद आएगी.
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