यदि वाहनों के हिसाब से देखा जाये तो सबसे अधिक दुर्घटना (33.8%) बाइक या दुपहिया वाहन चालकों की होती है इसके बाद कार, जीप और टैक्सी (23.6%); ट्रक, टेम्पो, ट्रैक्टर और अन्य वाहन (21%) दुर्घटना ग्रस्त होते हैं. इन सभी सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मरने वालों की संख्या लगभग 35% दुपहिया वाहन चालकों की होती है.
अतः सरकार ने इन सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी करने के लिए सभी मुमकिन उपाय उठाने शुरू कर दिए हैं. इन्हीं उपायों में एक उपाय है दिन में वाहनों की हेडलाइट जलाना.
जानें क्यों भारत में गाडियां सड़क के बायीं ओर और अमेरिका में दायीं ओर चलती हैं?
वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-3 (Bharat stage emission standards) वाहनों की बिक्री पर रोक लगा दी थी क्योंकि ये वाहन ज्यादा प्रदूषण फैलाते थे. इस रोक के बाद अब 1 अप्रैल 2017 से ऑटो कंपनियों द्वारा बीएस-3 ईंधन से चलने वाले वाहनों का ना तो उत्पादन किया जायेगा और ना बिक्री. अर्थात अब कम्पनियाँ केवल बीएस-4 ईंधन से चलने वाले वाहनों का उत्पादन ही कर सकेंगीं.
यही कारण है कि 2017 में देशभर के शो रूमों में पुरानी गाड़ियों को बहुत ही कम दामों पर बेचा गया था.
बीएस-4 ईंधन से चलने वाले इस इंजन का नया फीचर यह है कि इसमें वाहन का इंजन स्टार्ट होते ही वाहन की हेडलाइट भी जल जाएगी. जब तक दोपहिया वाहन का इंजन स्टार्ट रहेगा तब तक हेडलाइट ऑन रहेगी. वाहन चालक इसे चाहकर भी बंद नहीं कर पाएंगे. अब हेडलाइट ऑन-ऑफ स्विच की जगह अब सभी दोपहिया वाहनों में आटोमैटिक हेड लाइट सिस्टम (ओएचओ) होगा.
इसलिए अब अगर आपको किसी बाइक/कार की लाइट दिन में भी ओन दिखे तो उस व्यक्ति को अपना हाथ गोल-गोल करके बताने की कोशिश ना करें. हालाँकि जिन लोगों को इस नए फीचर के बारे में जानकारी नहीं है वे लोग अपने वाहन को लेकर सर्विस सेंटर भी पहुँच रहे हैं.
गाड़ी की नंबर प्लेट पर A/F का क्या मतलब होता है?
ज्ञातव्य है कि गाड़ियों में दिन में हेडलाईट जलाने (Daytime Running Light)का नियम यूरोपीय देशों में पहले से ही लागू है जिसके कारण वहां पर वाहन दुर्घटनाएं कम होतीं हैं.
दिन में लाइट जलाने के फायदे (Benefits of Daytime Running Light)
दिन में लाइट जलाने का सबसे बड़ा फायदा उस समय होगा जब धूल, बरसात, घने कोहरे और भारी ट्रैफिक में वाहन चालक दूसरे वाहनों को पाएंगे. इसके अलावा सामान्य मौसम में भी जब सामने से आ रहे वाहन की लाइट चमकती है तो विपक्षी ड्राईवर सतर्क हो जाता है जिससे एक्सीडेंट की संभावना कम हो जाती है.
यहाँ पर लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि दिन में लाइट जलने से वाहन के ऊपर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है.
नियम कब से लागू होगा (Daytime Running Light Rule in India)
दिन में लाइट जलने का नियम 1 अप्रैल 2017 से लागू कर दिया गया है और इसे ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा लागू कर दिया गया है लेकिन सामान्य जनता के लिए इस बारे में कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है.
यदि सरकार की तरह से इस नियम को सामान्य जनता पर लागू कर दिया जाता है तो ऐसा नहीं है कि पुराने मॉडल की गाड़ियाँ बंद हो जाएँगी बल्कि पुराने वाहनों को हेडलाइट को मेनुअली ऑन रखना होगा. यदि दिन में दोपहिया वाहन में ‘लाइट ऑफ’ मिली तो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इसके लिए जुर्माना भी भरना होगा.
विदेश में कहाँ लागू हैं ये नियम :- (Countries with Daytime Running Light Rule)
यूरोपीय देशों में 2003 से डे टाइम रनिंग लाइट्स (DRL) का नियम लागू है.
यूरोप के इन देशों में यह नियम लागू है;
1. इटली
2. हंगरी
3. रोमानिया
4. बुल्गारिया
5. चेक गणराज्य
6. एस्टोनिया
7. कोसोवो
8. लातविया
9. लिथुआनिया
10. मैसेडोनिया
11. मोंटेनेग्रो
12. पोलैंड
यूरोप के अलावा यह नियम कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन में भी लागू है. तो इस प्रकार स्पष्ट है कि विश्व के बहुत से देशों में यह नियम बहुत पॉपुलर है शायद यही कारण है कि विदेशों से भारत आने वाली कारों में भी यह सिस्टम इनबिल्ट होता है.
विश्व के अन्य देशों के अनुभव के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यदि दिन में लाइट जलाने का नियम इतना कारगर है तो भारत सरकार को इसे पूरे देश में तुरंत प्रभाव से लागू कर देना चाहिए.
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