भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घोषणा की है कि वह 25 अगस्त को 200 रुपये का नया नोट जारी करेगी. इस नोट को जारी करने के पीछे सरकार का मुख्य तर्क यह है कि इस नोट से लोगों को लेनदेन में आसानी होगी और उन्हें फुटकर कराने के लिए इधर उधर नही भटकना पड़ेगा और फुटकर कराने के लिए बिना जरुरत का सामान भी नही खरीदना पड़ेगा. इसके अन्य फायदों में; मुद्रा स्फीति में कमी आएगी, नकली मुद्रा के प्रवाह में कमी आएगी.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के (एसबीआई) समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने रुपये 200 के नोट को "missing middle" की संज्ञा दी है. उन्होंने कहा कि इस नोट की जरुरत इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि बाजार में सबसे ज्यादा चलन में छोटी वैल्यू के नोट ही होते हैं. इस प्रकार यह नोट 100 रुपये और 500 रुपये के नोट के बीच ‘मझले भाई’ का काम करेगा.
भारत में नये नोटों को छापे जाने की क्या प्रक्रिया होती है
200 रुपये के नोट से होने वाले फायदे
1. यह नोट लोगों की "छुट्टा (change)" ना मिलने की समस्या का समाधान करेगा. अभी लोगों को 500 और 2000 रुपये के नोट के छुट्टे आसानी से नही मिलते हैं, इस समस्या से छुटकारा मिलेगा.
2. सरकार को 500 और 2000 के नोट ज्यादा नही छापने पड़ेंगे जिससे कला धन जमा होने की संभावना कम होगी.
3. बाजार में छोटी वैल्यू के नोटों की संख्या बढ़ने से तरलता को बढ़ावा मिलगा.
स्टेट बैंक के एक आकलन के अनुसार नोटबंदी से पहले देश में बड़ी वैल्यू के नोटों की संख्या कुल बाजार का 87% थी जो कि अब 70% के आस पास आ गयी है और सरकार का लक्ष्य इसे और भी कम करने का है.
नोटबंदी के बाद से अब तक सरकार 1 रुपये, 50 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट छाप चुकी है जिनमे 200 रुपये और 2000 रुपये के नोटों को पहली बार छापा गया है. ज्ञातव्य है कि सरकार ने 1 रुपये के नोट को छापना 1994 से बंद कर दिया था क्योंकि उसकी छपाई की लागत बढ़ गयी थी लेकिन जब कुछ e-कॉमर्स साईट पर बहुत ऊंचे दामों पर (जैसे 1 रुपये का नोट 1000 रुपये में बिकना शुरू हो गया था) इस नोट की बिक्री शुरू हो गयी तो इस चलन को समाप्त करने के लिए सरकार को इस नोट को दुबारा छापना पड़ा है.
200 रुपये का नया नोट को 25 अगस्त से रिज़र्व बैंक के चुनिन्दा कार्यालयों पर मिलना शुरू हो जायेगा लेकिन ये नोट अभी एटीएम में नही मिलेंगे क्योंकि इन नोटों के आकार के हिसाब से एटीएम में परिवर्तन करना पड़ेगा जिसमे थोडा समय लग सकता है.
कुछ विशेषज्ञों ने इस बात की संभावना जताई है कि सरकार 5 साल के भीतर 2000 और 500 रुपये के नोटों को चरणबद्ध तरीके से बाजार से बाहर कर देगी और 200 रुपये के नोट ही बाजार में सबसे बड़ी वैल्यू वाला नोट रह जायेगा इससे लोगों में कला धन को जमा करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी क्योंकि बड़ी वैल्यू का नोट भष्ट लोगों द्वारा आसानी से काला धन जमा करने में मदद करता है.
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