भारतीय रेलवे में प्रतिदिन 13 हजार से अधिक पैसेंजर ट्रेनों का संचालन होता है, जो कि 7 हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों से गुजरती हैं। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाली यात्रियों की संख्या भी करोड़ों में होती है।
यही वजह है कि भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा और एशिया में दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत में रेलवे को लाइफलाइन भी कहा जाता है। आपने भी भारतीय रेलवे में जरूर सफर किया होगा और इस दौरान विभिन्न प्रकार की ट्रेनों व उनके कोच को भी देखा होगा।
हालांकि, क्या आपने अपने सफर के दौरान गौर किया है कि रेलवे में एक विशेष प्रकार का कोच भी होता है, जो कि ‘M’ नाम से होता है। क्यों होता है यह कोच, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
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रेलवे में क्यों होता है ‘M’ कोच
आपने रेलवे में अलग-अलग कोच देखे होंगे, जिनमें स्लीपर से लेकर एसी कोच शामिल होते हैं। वहीं, एसी कोच में भी फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड एसी होता है। हालांकि, इन सबके अलावा आम आदमी को देखते हुए रेलवे की ओर से ‘M’ कोच को शामिल किया गया है, जो कि थर्ड एसी इकोनॉमी के नाम से जाना जाता है।
कम किराये में एसी में सफर
रेलवे में ‘M’ कोच के माध्यम से कम रुपयों में बेहतर सुविधा देने की कोशिश की गई है। यही वजह है कि थर्ड एसी इकोनॉमी को यह नाम दिया गया है। इस कोच में थर्ड एसी की तरह लगभग सुविधाएं हैं, जिससे लोग कम रुपये में बेहतर सुविधा का लाभ ले सके।
इकोनॉमी कोच में क्या होता है अंतर
रेलवे में इकोनॉमी कोच बाकी कोच से अलग होते हैं। सामान्य कोच के मुकाबले इनमें सीटें भी अधिक होती हैं। ऐसे में बर्थ के बीच कम जगह मिल पाती है। सामान्य कोच में जहां 72 सीटें होती हैं, वहीं ‘M’ कोच में सीटों की संख्या 83 तक हैं, जिससे लागत की पूर्ति हो सके। आप कह सकते हैं कि यह स्लीपर कोच से अपडेटेड और थर्ड एसी से एक कदम नीचे होते हैं।
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