जापान बनाने जा रहा है दुनिया की पहली लकड़ी से बनी सैटेलाइट, जानें क्या होगा खास

अंतरिक्ष में प्रदूषण की रोकथाम के लिए जापान ने लकड़ी से बनी सैटेलाइट को लॉन्च करने की घोषणा की है। इस सैटेलाइट को इको-फ्रैंडली सैटेलाइट कहा जा रहा है और ये 2023 तक दुनिया के सामने होगी।

Jan 12, 2021, 21:50 IST
Representational Image
Representational Image

अंतरिक्ष में प्रदूषण की रोकथाम के लिए जापान ने लकड़ी से बनी सैटेलाइट को लॉन्च करने की घोषणा की है। इस सैटेलाइट को इको-फ्रैंडली सैटेलाइट कहा जा रहा है और ये 2023 तक दुनिया के सामने होगी। इस दिशा में जापानी कंपनी सुमिटोमो फॉरेस्ट्री और क्योटो विश्वविद्यालय ने एक साथ मिलकर दुनिया की पहली लकड़ी की सैटेलाइट बनाने पर काम शुरू कर दिया है।

जापान क्यों बना रहा है लकड़ी की सैटेलाइट?

अंतरिक्ष में स्पेस जंक बहुत  तेज़ी से बढ़ रहा है और जापान पर्यावरण को लेकर हमेशा संवेदनशील रहा है। इस वजह से जापानी कंपनी और क्योटो विश्वविद्यालय ने रिसर्च शुरू कर दी है। विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा करने में अगर जापान सफल होता है तो इससे अंतरिक्ष में काफी हद तक प्रदूषण कम किया जा सकेगा। 

किस चीज पर हो रहा है शोध?

अंतरिक्ष में पेड़ों के विकास और लकड़ी की सामग्री पर जापान ने शोध शुरू कर दिया है। इस सामग्री का प्रयोग पहले पृथ्वी के अलग-अलग वातावरण में किया जाएगा। लकड़ी की सैटेलाइट बनाने के लिए ऐसी लकड़ी पर शोध किया जा रहा है जो तापमान में होने वाले बदलाव और सूरज की प्रतिरोधक क्षमता से लैसे हो। 

अंतरिक्ष में मौजूद स्पेस जंक

अंतरिक्ष में स्पेस जंक की मात्रा में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके पीछे अंतरिक्ष यान और बढ़ती सैटेलाइट लॉन्च संख्या प्रमुख कारण हैं। संचार, टेलीविजन, नेविगेशन और मौसम पूर्वानुमान के लिए सैटेलाइट का उपयोग किया जा रहा है। 

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा स्पेस जंक धरती का चक्कर काट रहे हैं। वर्ल्ड इकॉनॉमिक फ़ोरम (World Economic Forum) के अनुसार, लगभग 6,000 सैटेलाइट पृथ्वी का चक्कर लगा रहे है, जिनमें से लगभग 60% स्पेस जंक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये स्पेस जंक 22,300 मील प्रति घंटे की गति से घूमते हैं। 

वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स का मानना है कि स्पेस जंक ठीक तरह से काम कर रही सैटेलाइटों के साथ-साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। 

खराब हो चुकी सैटेलाइटों का क्या होता है?

जब भी कोई सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजी जाती है तो ये तय होता है कि वो एक समय के बाद एक्सपायर हो जाएगी और उसकी जगह कोई दूसरी सैटेलाइट ले लेगी। ऐसे में खराब हो चुकी सैटेलाइटों का क्या होता है? आइए जानते हैं। 

जब भी कोई सैटेलाइट एकस्पायर होती है तो वैज्ञानिकों के सामने दो विकल्प मौजूद होते हैं। पहला, सैटेलाइट को अंतरिक्ष में और आगे भेज देना और दूसरा, सैटेलाइट को अंतरिक्ष से धरती पर ले आना। दोनों विकल्प में से कौन सा विकल्प चुना जाएगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि सैटेलाइट धरती से कितनी दूर है। 

1- सैटेलाइट को अंतरिक्ष में और आगे भेज देना: अगर एकस्पायर हो चुकी सैटेलाइट काफी हाई ऑर्बिट पर है तो उसे धरती पर लौटाने में काफी ईंधन खर्च होगा। ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा इन सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में ही और आगे भेज दिया जाता है जिससे वो धरती की धुरी तक कभी आ ही न सकें।

2- सैटेलाइट को अंतरिक्ष धरती पर ले आना: ज़्यादातर सैटेलाइटों को धरती पर लौटाया जाता है और एक जगह जमा किया जाता है। इस जगह को निमो प्वाइंट कहा जाता है। 

निमो प्वाइंट

आज से लगभग 27 वर्ष पूर्व निमो प्वाइंट की खोज कनाडियन मूल के सर्वे इंजीनियर Hrvoje Lukatela ने खास फ्रीक्वेंसी के जरिए की थी। तब से अब तक इस जगह पर एक्सपायर्ड सैटेलाइटों को जमा किया जाता है। इस जगह को सैटेलाइटों का कब्रिस्तान भी कहा जात है। 

क्या खास है लकड़ी की सैटेलाइट में?

कोई भी सैटेलाइट जब अपनी धुरी से हटती है या फिर वापस धरती पर लौटती है तो ये पृथ्वी के वातावरण के संपर्क में आते ही नष्ट हो जाती है और इसके कण सालों तक वायुमंडल में घूमते रहते हैं, जो एक चिंता का विषय है। 

ठीक इसी प्रकार, लड़की की सैटेलाइट पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। इससे न तो कोई प्रदूषण होगा है और न ही वातावरण को किसी भी प्रकार की हानि पहुंचेगी। 

लकड़ी की सैटेलाइट लॉन्च करने वाला पहला देश

अगर जापान इस योजना में सफल होता है तो वे ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। इसके साथ ही साल 2024 में अगले चरण में जापान द्वारा सैटेलाइट के इंजीनियरिंग मॉडल का विकास किया जाएगा। इसके बाद उड़ने वाले मॉडल पर भी काम शुरू किया जाएगा।

Source: The Nikkei

जानें भारत के PSLV-C49 से लॉन्च किये गए सैटेलाइट EOS-01 के बारे में

Arfa Javaid
Arfa Javaid

Content Writer

Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News