जानें जम्मू-कश्मीर में बनने वाले दुनिया के सबसे ऊँचे रेल ब्रिज के बारे में

दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल जम्मू और कश्मीर में बनाया जा रहा है. यह लगभग 1.3 किमी लंबा पुल है जो चिनाब नदी पर बनाया जा रहा है. आइये इस लेख के माध्यम से इस पुल के बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं.

Mar 16, 2021, 16:03 IST
World's highest Rail Bridge in J&K
World's highest Rail Bridge in J&K

दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल जम्मू और कश्मीर में बनाया जा रहा है. यह लगभग 1.3 किमी लंबा पुल है जो चिनाब नदी पर बनाया जा रहा है.

यह नदी तल से लगभग 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है. यह पेरिस में एफिल टॉवर से तकरीबन 35 मीटर अधिक ऊंचाई पर होगा और दिल्ली में कुतुब मीनार की ऊंचाई से पांच गुना.

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह पुल दुनिया का सबसे ऊँचा पुल होगा. 

जब यह पुल बन के तैयार हो जाएगा तो जम्मू से कश्मीर तक जाने में तकरीबन चार घंटे का ही समय लगेगा. यह पुल कटरा-बनिहाल रेलवे लाइन पर बनाया जा रहा है. स्टैंडअलोन ब्रिज, बिना किसी ट्रेन की आवाजाही के लगभग 266 किमी / घंटे की रफ्तार से हवा का वेग झेल सकता है.

आइये अब इस रेलवे लाइन के बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं 

ऐसा बताया जा रहा है कि इस लाइन पर लगभग 97.34 किलोमीटर लंबी सुरंगें, 27 मेजर और 10 माइनर पुल और लगभग 203 किलोमीटर का प्रवेश मार्ग होगा. यह रेलवे लिंक कटरा से बनिहाल के बीच लगभग 111 किमी की दूरी तय करेगा. यानी चेनाब पुल की तुलना में कम ऊंचाई और लंबाई वाले कई पुल और सुरंगें होंगी जो जम्मू से घाटी को जोड़ने के लिए बनाई जा रही हैं और ऐसा आधुनिक भारतीय इतिहास में पहली बार होगा. ऐसा माना जा रहा है कि यह आर्थिक तौर पर परिवार और व्यावसायिक यात्राओं के लिए LoC और कश्मीर के आसपास रहने वाले लोगों के लिए उम्मीदें लाएगा.

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एक सरकारी अधिकारी के अनुसार इस 111 किमी रेलवे लाइन में 87% अलाइनमेंट में सुरंगों से होकर गुजरेगा और 7% यात्रा पुल के माध्यम से होगी. बन रहीं सुरंगों में से एक सुरंग 12.75 किलोमीटर लंबी होगी जो की भारत की सबसे लंबी सुरंग हो सकती है.

इसमें किस प्रकार की सुरक्षाएं प्रदान की जाएंगी?

एक सुरक्षा सुविधा जो इसमें प्रदान की है वो है कि हवा की गति 90 किमी / घंटे से अधिक होने पर ट्रेन पुल पर से नहीं गुजरेगी.  यानी रेलवे हवा के वेग की जांच करने के लिए पुल पर सेंसर स्थापित किये जाएंगे: जैसे ही हवा की गति 90 किमी प्रति घंटे से अधिक हो जाएगी, ट्रैक पर सिग्नल लाल हो जाएगा, जिससे ट्रेन की गति रुक जाएगी.

इस संरचना का निर्माण करने के लिए स्टील को चुना गया क्योंकि यह अधिक किफायती है और 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान और 250 किमी प्रति घंटे से ऊपर की हवा की गति का विरोध करने में सक्षम है.

सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए, पुल 63 मिमी मोटी विशेष ब्लास्ट-प्रूफ स्टील से बना होगा, क्योंकि जम्मू और कश्मीर क्षेत्र  अक्सर आतंकी हमलों का शिकार होता है. पुल के कंक्रीट खंभों को विस्फोट का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा और एक विशेष पेंट का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें जंग नहीं लगेगा और लगभग 15 साल तक चलेगा.

योजना के अनुसार, पुल की सुरक्षा के लिए एरियल सिक्यूरिटी भी प्रदान की जाएगी. यात्रियों की सुरक्षा और गंभीर परिस्थितियों में प्रशिक्षित करने के लिए पुल पर ऑनलाइन निगरानी और चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाएगी. इससे सटे फुटपाथ और साइकिल मार्ग बनाए जाएंगे.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे राज्य के आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा और आवागमन में भी मदद मिलेगी.

तो अब आप जम्मू-कश्मीर में बनने वाले दुनिया में सबसे ऊँचें पुल के बारे में जान गए होंगे और इससे क्या फायदा होगा एवं किस प्रकार की सुरक्षाएं प्रदान की जाएंगी.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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