आंग सान सू ची की रिहाई
म्यांमार के सैनिक शासक जुंता ने लोकतंत्र की हिमायती नेता आंग सान सू ची को रिहा कर दिया है। शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाली सू ची ने पिछले 20 वर्र्षों में 15 वर्ष नजरबंदी में बिताए हैं।
उल्लेखनीय है कि सू ची को 2009 में रिहा किया जाना था लेकिन उन्हें एक अमेरिकी नागरिक को झील के किनारे स्थित अपने आवास में तैर कर आने की अनुमति देने का दोषी ठहराया गया। इसकी वजह से उन्हें 18 महीने की सजा सुनाई गई थी।
हाल ही में म्यांमार में सात नवंबर, 2010 को चुनाव सम्पन्न हुए हैं। चुनाव में सैन्य शासन के छद्य रूप यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) ने सफलता हासिल की है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल सू ची सैन्य शासन को चुनौती देने की स्थिति में नहीं हैं।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वागत
लंबे समय से नजरबंद रहीं सू ची की रिहाई का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने स्वागत किया है। सू ची को पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल है। इन देशों का मानना है कि म्यांमार में हाल में सम्पन्न हुए चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष नहीं थे। भारत ने भी सू ची की रिहाई का स्वागत किया है। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सू ची की रिहाई का स्वागत किया है।
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