भारतीय हॉकी टीम ने अब तक 19 ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया है जिनमे उसने सन 1928 से 1956 तक लगातार हॉकी का स्वर्ण पदक जीता है और कुल मिलाकर अब तक 8 स्वर्ण पदक जीते है जो कि आज तक किसी भी देश के लिए सपने जैसा ही है | 1932 में लोस एंजिलिस में हुए ओलंपिक खेलों के दौरान भारत ने अमेरिका को 24-1 के अंतर से रौंदा था | इस मैच में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चन्द ने 8 गोल किये थे | नीचे दी गयी सारिणी में भारतीय टीम के अब तक के प्रदर्शन के बारे में बताया गया है |
पहले ओलिंपिक खेल: 10 तथ्य एक नजर में
भारतीय हॉकी टीम द्वारा ओलंपिक में किया गया प्रदर्शन इस प्रकार है:-
वर्ष | स्थान | टीम की स्थिति |
---|---|---|
1928 | एम्सटर्डम | स्वर्ण पदक |
1932 | लोस एंजिलिस | स्वर्ण पदक |
1936 | बर्लिन | स्वर्ण पदक |
1948 | लन्दन | स्वर्ण पदक |
1952 | हेलसिंकी | स्वर्ण पदक |
1956 | मेलबर्न | स्वर्ण पदक |
1960 | रोम | रजत पदक |
1964 | टोक्यो | स्वर्ण पदक |
1968 | मैक्सिको सिटी | कांस्य पदक |
1972 | म्यूनिख | कांस्य पदक |
1976 | मोंट्रियल | सातवे स्थान पर |
1980 | मास्को | स्वर्ण पदक |
1984 | लोस एंजिलिस | पांचवे स्थान पर |
1988 | सियोल | छठे स्थान पर |
1992 | बार्सिलोना | सातवे स्थान पर |
1996 | अटलांटा | आठवे स्थान पर |
2000 | सिडनी | सातवे स्थान पर |
2004 | एथेंस | सातवे स्थान पर |
2008 | बीजिंग | टीम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नही कर पाई |
2012 | लन्दन | 12वें स्थान पर |
अब तक के ओलंपिक खेलों में किस देश ने कितने पदक जीते हैं?
देश | स्वर्ण | रजत | कांस्य | कुल पदक |
---|---|---|---|---|
भारत | 8 | 1 | 2 | 11 |
नीदरलैंड | 4 | 5 | 6 | 15 |
ऑस्ट्रेलिया | 4 | 3 | 5 | 12 |
पाकिस्तान | 3 | 3 | 2 | 8 |
ग्रेट ब्रिटेन | 3 | 2 | 5 | 10 |
ओलंपिक में मेजर ध्यानचन्द का योगदान:
1. सन 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक खेलों में ध्यान चन्द ने 5 मैचों में 14 गोल किये और सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाडी रहे |
2. सन 1932 में लोस एंजिलिस में हुए ओलंपिक के फाइनल में भारत ने अमेरिका को 24-1 के अंतर से हराया था | यह रिकार्ड आज भी कायम है | इस मैच में हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचन्द ने 8 गोल किये थे | इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने 35 गोल किये थे जिसमे ध्यानचन्द और उनके भाई रूपचन्द ने अकेले मिलकर 25 गोल किये थे |
3. सन 1936 के बर्लिन ओलंपिक के फ़ाइनल में भारत ने जर्मनी को 8-1 के अंतर से हराया था | इसमें ध्यानचन्द ने 3 गोल किये थे | तीन ओलंपिक में ध्यानचन्द ने 12 मैच खेले और 33 गोल दागे | इसी प्रतिभा के कारण उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है | उनके दम पर ही भारत ने लगातार तीन (1928, 1932 और 1936) ओलंपिक के स्वर्ण पदक जीते हैं |
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