आवर्त सारणी (Periodic Table) को याद करने वाले विज्ञान के छात्रों की मशक्कत अब थोड़ी और बढ़ गई है, क्योंकि आवर्त सारणी में 4 नए तत्वों को शामिल किया गया हैं| इंटरनेश्नल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड कैमिस्ट्री (IUPAC) नामक संस्थान ने पिछले साल दिसम्बर में 4 नए तत्वों को आवर्त सारणी में शामिल करने के प्रस्ताव को सार्वजनिक समीक्षा के लिए पेश किया था| इन तत्वों का अस्थायी नाम यूननट्रीयम, यूननपेंटियम, यूननसेप्टीयम और यूननऑक्टियम था और इनकी परमाणु संख्या क्रमशः 113, 115, 117, और 118 थी|
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 8 नवम्बर, 2016 को सार्वजनिक समीक्षा की अवधि के समाप्त होने के बाद इंटरनेश्नल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड कैमिस्ट्री काउंसिल की ओर से पुष्टि मिलने पर इन्हें स्थायी तौर पर आवर्त सारणी में शामिल कर लिया गया है| इन चारों तत्वों का नया नाम निहोनियम, मॉस्कोवियम, टेनेसाइन और ओगेनेशन है तथा आवर्त सारणी में इन तत्वों की परमाणु संख्या क्रमश: 113, 115, 117 और 118 है| इनमें से तीन तत्वों निहोनियम, मॉस्कोवियम और टेनेसाइन का नाम Nihonium (जापान), Moscovium (मास्को) और Tennessine (टेनेसी) नामक तीन वैज्ञानिकों संस्थानों के नाम पर रखा गया है, जबकि चौथे तत्व ओगेनेशन का नाम परमाणु अनुसंधान के एक संयुक्त संस्थान में परमाणु भौतिकी के प्रोफेसर “यूरी ओगेनेशियन” के नाम पर रखा गया है| इन चारों तत्वों को प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है| इन चारों तत्वों को आवर्त सारणी में शामिल करने के बाद अब सारणी की सातवीं पंक्ति पूरी हो गई है। इससे पहले साल 2011 में दो तत्व फ्लेरोवियम (Fl) (परमाणु संख्या 114) और लिवरमोरियम (Lv) (परमाणु संख्या 116) को आवर्त सारणी में स्थान दिया गया था|
तत्व संख्या 113 यानि निहोनियम (Nh) की खोज का श्रेय जापान के रिकेन रिसर्च इंस्टिट्यूट को दिया गया है| यह आवर्त सारणी का पहला ऐसा तत्व है जिसकी खोज किसी एशियाई देश में हुई है| अन्य तीन तत्वों की खोज का श्रेय यूरोप, अमेरिका और रूस के साझे सहयोग से बनाये गए परमाणु शोध संस्थान और यूएस लॉरेंस लिवरमोर एंड ओक रिज नेश्नल लैबोरेट्रीज को दिया गया है|
जाने आवर्त सारणी क्या है और इसमें तत्वों को किस प्रकार सजाया जाता है?
आवर्त सारणी (Periodic Table), रासायनिक तत्वों को उनकी विशेषताओं के साथ सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। आवर्त सारणी में रासायनिक तत्त्व परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाये गये हैं तथा आवर्त (Period), को प्राथमिक समूह एवं द्वितीयक समूह में वर्गीकृत किया गया है। वर्तमान आवर्त सारणी में 118 ज्ञात तत्व सम्मिलित हैं।
आवर्त सारणी के निर्माणकर्ता
सबसे पहले रूसी रसायनशास्त्री “मेंडलीफ” ने सन 1869 में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया था| इसके कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक “लोथर मेयर” (1830-1895) ने भी स्वतंत्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। मेंडलीफ की सारणी से “अल्फ्रेड वर्नर” (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन 1952 में कोस्टारिका के वैज्ञानिक “गिल चावेरी” (Gil Chaverri ) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था। आधुनिक आवर्त सारणी का निर्माण ब्रिटिश रसायनशास्त्री “हेनरी मोसले” ने 1913 में किया था|
रसायनशास्त्रियों के लिये आवर्त सारणी अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसके कारण कम तत्वों की विशेषताओं को ही याद रखने से काम चल जाता है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी समूह (उर्ध्वाधर पंक्ति) या किसी आवर्त (क्षैतिज पंक्ति) में गुणधर्म एक निश्चित क्रम से एवं तर्कसम्मत तरीके से बदलते हैं। नीचे आवर्त सारणी का आधुनिक रूप दिखाया गया है जिसमें 18 वर्ग तथा 7 आवर्त हैं-
Image source: IUPAC
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