दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यानः हंगुल का घर

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में हुई थी और यह जम्मू और कश्मीर के उच्च शीतोष्ण कटिबंध में स्थित है जो श्रीनगर से मात्र 22 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से उद्यान की औसत ऊंचाई 2990 मीटर है। उद्यान 141 किलोमीटर में फैला है। उद्यान में पाए जाने वाले मुख्य पेड़ हैं– हिमालयी नम शीतोष्ण सदाबहार, नम पर्णपाती और झाड़ियां, देवदार, चीड़ एवं शाहबलूत (ओक)। दाचीगाम का अर्थ है– दस गांव।

Jul 12, 2016, 18:04 IST

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में हुई थी और यह जम्मू और कश्मीर के उच्च शीतोष्ण कटिबंध में स्थित है जो श्रीनगर से मात्र 22 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से उद्यान की औसत ऊंचाई 2990 मीटर है। उद्यान 141 किलोमीटर में फैला है। उद्यान में पाए जाने वाले मुख्य पेड़ हैं– हिमालयी नम शीतोष्ण सदाबहार, नम पर्णपाती और झाड़ियां, देवदार, चीड़ एवं शाहबलूत (ओक)। दाचीगाम का अर्थ है– दस गांव।

दाचीगाम उद्यान का स्थान–


दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुआ-:


हंगुल या कश्मीरी हिरण-


दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान में पक्षी-


केवलादेव घाना राष्ट्रीय पार्क : प्रवासी साईबेरियन सारसों का घर

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के तथ्य–

  • दाचीगाम जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर से 22 किमी दूर स्थित है।
  • इस नाम का अर्थ है– दस गांव।
  • उद्यान की स्थापना 1981 में हुई थी।
  • समुद्र तल से उद्यान की औसत ऊंचाई 2990 मीटर है।
  • उद्यान उच्च ऊंचाई वाले शीतोष्ण क्षेत्र में स्थित है।
  • यह 141 किमी में फैला है। इस उद्यान से सबसे करीबी शहर श्रीनगर है।
  • उद्यान में पाए जाने वाले मुख्य पेड़ हैं– हिमालयी नम शीतोष्ण सदाबहार, नम पर्णपाती और झाड़ियां, देवदार, चीड़ एवं शाहबलूत (ओक)।
  • आरंभ में दाचीगाम की स्थापना श्रीनगर शहर को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
  • यह उद्यान हंगुल या कश्मीरी हिरण के घर के तौर पर जाना जाता है।  
  • वसंत और शरद ऋतु में नीचले इलाकों में हिमालयी काला भालू दिखाई देता है। सर्दी के मौसम में यह सो जाता है।
  • लंबी पूंछ वाले मार्मोट गर्मी के मौसम में उपरी इलाकों में बहुत देखे जा सकते हैं जबकि चूहे के जैसे खरहे (Mouse Hare) पूरे वर्ष सक्रिए रहते हैं।
  • यह राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध डल झील के जलग्रहण क्षेत्र का लगभग आधे क्षेत्र पर अपना अधिकार रखता है और आज भी श्रीनगर के निवासियों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इस उद्यान के महत्वपूर्ण वन्यजीव प्रजातियां हैं– तेंदुआ, हिम तेंदुआ, काला भालू, भूरा भालू, जंगली बिल्ली, हिमालयी मार्मोट, कस्तूरी मृग, सीरो और लाल लोमड़ी (red fox)। पक्षियों में तीतर के कोकलास और मोनल, बुलबुल, मिनिवेट, बार्ड वल्चर, सुनहरे चील आम हैं।
  • इस उद्यान में घूमने का सबसे अच्छा मौसम मार्च से जून के बीच होता है। पर्यटकों के लिए इस उद्यान में लॉज और रेस्ट हाउस हैं।
  • दाचीगाम दो हिस्सों में है। लोअर दाचीगाम में पर्यटक आसानी से जा सकते हैं जबकि अपर दाचीगाम घूमने के लिए पूरे दिन का समय चाहिए और यह यात्रा थोड़ी कठिन भी है।
Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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