प्रधानमंत्री (श्री नरेन्द्र मोदी) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में, नमामि गंगे योजना (13 मई 2005) को हरी झंडी दिखाई जिसमें एकीकृत होकर व्यापक तरीके से गंगा नदी को साफ करना व बचाना है | अगले 5 वर्षों के लिए इस योजना का बजट परिव्यय 20,000 करोड़ रुपये का है | पिछले 30 साल में व्यय पर महत्वपूर्ण चार गुना वृद्धि (भारत सरकार ने 1985 के बाद से इस कार्य पर लगभग रु 4000 करोड़ रुपए का समग्र व्यय किया है )हुई है। यह पिछले कार्यक्रमों की सफाई-गंगा एक्शन प्लान के चरण में और द्वितीय में आवंटित की गई थी राशि से 10 गुना ज्यादा है। 2015-16 के बजट ने उन लोगों को 100% छूट की घोषणा की है जो स्वच्छ गंगा परियोजना में योगदान देंगे | परंतु नए कार्यक्रम और भारी धनराशि के बावजूद राजग सरकार को जमीन पर कुछ भी रचनात्मक नहीं करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
प्रमुख विशेषताऐं
a. यह एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन है जिसमें व्यापक तरीके से यह साफ है और व्यापक तरीके से गंगा नदी की रक्षा के प्रयासों को करना है और सामाजिक-आर्थिक रोजगार सृजन करना, और बड़ी आबादी के लिए स्वास्थ्य लाभ करना जोकि नदियों पर निर्भर करते हैं |
b. इसका केंद्र बिन्दु प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर है अर्थात् अवरोधन, परिवर्तन और खुली नालियों के माध्यम से बह रहे अपशिष्ट जल के निवारण के लिए जैव निवारण या यथावत उचित निवारण या नवीन तकनीकों द्वारा जैसे सीवेज़ ट्रीटमेंट प्लांट (STPs ) या बहाय ट्रीटमेंट प्लांट (ETPs) द्वारा निवारण करना |
c. इस योजना के लिए 2015-20 तक 20000 करोड़ रुपए का बजट परिव्यय है। केंद्र सरकार ने 1985 के बाद से इस कार्य पर लगभग 4000 करोड़ रुपये व्यय किए हैं जिसमें पिछले वर्षों में चार गुना अधिक वृद्धि हुई है |
d. केंद्र सरकार ने 10 वर्ष की न्यूनतम अवधि के लिए इस कार्यक्रम और परिसंपत्तियों के संचालन और रखरखाव के तहत विभिन्न गतिविधियों या परियोजनाओं के लिए 100 प्रतिशत वित्त पोषण की मंजूरी देगी ।
e. यह स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (NMCG ) व राज्य समकक्ष संगठन यानि राज्य समूह प्रबंधन योजना(SPMGs ) द्वारा लागू किया जाता है |
f. एक तीन स्तरीय तंत्र। परियोजना की निगरानी के लिए स्थापित किया जाएगा, अर्थात राष्ट्रीय स्तर पर NMCG द्वारा सहायता प्राप्त केंद्रीय केबिनेट सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय टास्क फोर्स, राज्य स्तर पर SPMG द्वारा सहायता प्राप्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति तथा जिला मैजिस्ट्रेट के अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति |
g. यह संघ और राज्य सरकारों के बीच विभिन्न मंत्रालयों या संस्थाओं में बेहतर समन्वय तंत्र पर ज़ोर देती है तथा राज्य व जमीनी स्तर के संस्थानों जैसे शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाएं (PRIs ) व नदी के किनारे रहने वाले लोग स्थायी परिणामों को प्राप्त करने के कार्यान्वयन करते हैं |
h. इसमे प्रदूषण के आकर्षण के केंद्र के दृष्टिकोण के लिए PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप ) या स्पेशल पर्पज़ व्हीकल (SPV ) को अपनाया गया |
i. एक 4 बटालियन गंगा पारिस्थितिकी टास्क फोर्स , एक प्रादेशिक सेना इकाई, का आधार प्रवर्तन के लिए गठन किया जाएगा।
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