पृथ्वी की आंतरिक संरचना कई संकेंद्रित परतों से बनी है अर्थात पृथ्वी के आंतरिक भाग को क्रस्ट (ऊपरी परत), मैंटल (मध्य परत) और कोर(निचली परत) नाम की तीन परतों में बाँटा जाता है |
- क्रस्ट: क्रस्ट पृथ्वी की सतह का सबसे उपरी परत है, जो महाद्वीपों में करीब 35 किमी और समुद्र के तल में सिर्फ 5 किमी मोटी होती है। क्रास्ट का निर्माण सिलिका और एल्यूमिना से होता है, इसलिए इसे सियाल (sial) भी कहा जाता है।
- मैंटल: क्रस्ट के नीचे पाई जाने वाली परत मैंटल है और इसकी गहराई 2900 किमी. तक है। इसका निर्माण मुख्य रूप से सिलिका और मैग्नीशियम से होता है, इसलिए इसे सीमा (si– सिलिका, ma– मैग्नीशियम); कहा जाता है।
- कोर: पृथ्वी की सबसे भीतरी परत कोर है, जिसका अर्धव्यास (रेडियस) करीब 3500 किमी. है। यह मुख्य रूप से निकल और लोहे से बना है और इसे निफे (nife, ni– निकल और fe– फेरस यानि लोहा) कहा जाता है।
चट्टानें
पृथ्वी का क्रस्ट (ऊपरी परत) अलग– अलग प्रकार की चट्टानों से बना है जो रंग, आकार और बनावट में अलग हो सकते हैं।चट्टानों में खनिज पाये जाते हैं | खनिज विशेष भौतिक गुणों और निश्चित रसायनिक संरचना वाले प्राकृतिक पदार्थ होते हैं। इनका उपयोग – लोहा, एल्युमीनियम, सोना, यूरेनियम आदि जैसे उद्योगों, दवाओं, ऊर्वरकों आदि में होता है। कोयला, प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम आदि खनिज के उदाहरण हैं | चट्टानों के तीन प्रमुख प्रकार हैं– आग्नेय (Igneous) चट्टान, अवसादी (Sedimentary)चट्टान और रुपांतरित (Metamorphic) चट्टान |
- आग्नेय चट्टानें: पिघले हुए मैग्मा के ठंडा होकर ठोस होने के बाद ये चट्टानें बनती हैं। आग्नेय चट्टान दो प्रकार की होती हैः अंतर्भेदी चट्टानें (Intrusive rocks) और बहिर्भेदी चट्टानें (Extrusive rocks)। बहिर्भेदी चट्टानें पृथ्वी के भीतर से निकलने वाले पिघले हुए मैग्मा के उसकी सतह पर आने, तेजी से ठंडा होने और जम जाने से बनती हैं, जैसे– बेसाल्ट। अंतर्भेदी चट्टानों का निर्माण पिघले मैग्मा के पृथ्वी के नीचे ठंडा होकर जम जाने से होता है, जैसे-ग्रेनाइट|
- अवसादी चट्टानें: यह हवा, पानी आदि द्वारा चट्टानों के छोटे टुकड़ों के एक जगह से दूसरी जगह ले जाने और जमा होने से बनती है और ये ढीले तलछट चट्टान की परतें बनाने के लिए संकुचित और सख्त बनते हैं। इन चट्टानों में मृत पौधे, पशुओं और अन्य सूक्ष्मजीवों के जीवाश्म पाये जाते हैं ,जैसे – बलुआ पत्थर रेत के कणों से बना है।
- रुपांतरित चट्टानें: आग्नेय और अवसादी चट्टानों पर बहुत अधिक ताप और दबाव पड़ने से ये चट्टानें बनती हैं। उदाहरण– मिट्टी का स्लेट में और चूना पत्थर का संगमरमर में बदलना।
शैल चक्र
एक चक्रीय तरीके से कुछ विशेष परिस्थितियों में एक प्रकार की चट्टान दूसरे प्रकार में बदलती है। एक चट्टान से दूसरे चट्टान में बदलने की यह प्रक्रिया शैल चक्र कहलाती है। जब पिघला हुआ मैग्मा ठंडा होता है तो जम कर आग्नेय चट्टान बन जाता है। जब आग्नेय चट्टान छोटे कणों में टूटती है तो इसे विभिन्न माध्यमों के जरिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है और जिसके जमा होने से अवसादी चट्टान बनती है। जब आग्नेय चट्टान और अवसादी चट्टानों पर ताप और दबाव डाला जाता है तो ये रुपांतरित चट्टानों में बदल जाती हैं।
ImageCourtesy: www.web.ics.purdue.edu , www.i.stack.imgur.com
संबन्धित जानकारी :
Comments
All Comments (0)
Join the conversation