प्रसिद्ध भारतीय व्यंजन जो वास्तव में भारतीय मूल के नहीं हैं |

हम भारतीय अपने सांस्कृतिक मूल्यों और मेहमान नवाजी के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके लिए हम बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं एवं परोसते हैं| बचपन से हम अपने दैनिक जीवन में कई ऐसे खाद्य पदार्थों का आनंद लेते रहे हैं जिन्हें भारतीय व्यंजन समझा जाता हैं लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं है। यहाँ हम कुछ ऐसे व्यंजनों की सूची दे रहे हैं जिन्हें भारतीय व्यंजन समझा जाता है लेकिन इनकी शुरूआत/खोज विदेशों में हुई है|

Sep 19, 2016, 12:29 IST

हम भारतीय अपने सांस्कृतिक मूल्यों और मेहमान नवाजी के लिए प्रसिद्ध हैं। इसके लिए हम बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं एवं परोसते हैं| बचपन से हम अपने दैनिक जीवन में कई ऐसे खाद्य पदार्थों का आनंद लेते रहे हैं जिन्हें  भारतीय व्यंजन समझा जाता हैं लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं है। यहाँ हम कुछ ऐसे व्यंजनों की सूची दे रहे हैं जिन्हें भारतीय व्यंजन समझा जाता है लेकिन इनकी शुरूआत/खोज विदेशों में हुई है|

1. जलेबी

इसकी शुरूआत मध्य पूर्व के देशों से हुई और फारसी आक्रमणकारियों द्वारा यह भारत लायी गयी।

     
मूल रूप से फारसी में इसे “जलीबिया” या “जुलाबिया” और अरबी में “जलाबिया ” के नाम से जाना जाता था|

2. गुलाब जामुन

यह मूल रूप से भूमध्यरेखीय क्षेत्र का व्यंजन है, जिसे फारसी  आक्रमणकारियों द्वारा भारत लाया गया था|


वहाँ इसका नाम “लुकमत अल कादी” था|
क्या आप जानते हैं कि वहाँ “लुकमत अल कादी” बनाने के लिए आटे की गोली को तेज आंच पर तलते हैं| उसके बाद गोली को शहद की चाशनी में भिगोंकर उसके ऊपर चीनी छिड़की जाती है| लेकिन भारत में इसके बनाने के तरीकों में संशोधन किया गया है|

3. दाल भात

यह पूरे भारत में लोकप्रिय व्यंजन है लेकिन इसकी शुरूआत नेपाल से हुई है| आश्चर्यजनक बात यह है कि इसे पूरी तरह से भारतीय व्यंजन समझा जाता है पर ये हैं नही |


उत्तर भारतीयों के प्रभाव के कारण यह व्यंजन पूरे भारत में लोकप्रिय हुआ|

4. चाय

इसकी शुरूआत चीन से हुई जहाँ इसका प्रयोग औषधीय पेय के रूप में किया जाता था|


जल्द ही अंग्रेजों ने इसकी खोज की और इसे चीन से भारतीय बाजारों में लेकर आये|
अंग्रेजों द्वारा भारत के उत्तरी-पूर्वी भाग के आदिवासियों को चाय की खेती करने का तरीका सिखाया गया|
इसके बाद से चाय भारतीयों की जिन्दगी का अहम हिस्सा है और यह 1950 के बाद काफी लोकप्रिय हुआ|

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5. राजमा

यह मध्य मेक्सिको और ग्वाटेमाला से भारत लाया गया है|

 

यह मैक्सिकन आहार का मुख्य भोज्य पदार्थ है।
ऐसा कहा जाता है कि राजमा पुर्तगाल से भारत लाया गया था और इसको भिगोने और उबालने की तकनीक मैक्सिकन पाक कला से प्रभावित थी|

6. समोसा

इसकी शुरूआत मध्य पूर्व से हुई और वहाँ इसे “सम्बोसा” के नाम से जाना जाता हैं |


मध्य पूर्व से यह 13वीं - 14 वीं सदी में व्यापारियों द्वारा भारत लाया गया था।

7. चिकन टिक्का मसाला

इसका आविष्कार ग्लासगो में हुआ था|


इसके आविष्कार के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है और वह इस प्रकार है कि 1971 में ग्लासगो में अली अहमद नामक एक रसोइया था जिसके रेस्तरां (restaurant) का नाम शीश महल था| एक बार एक ग्राहक ने “चिकन करी” का आर्डर दिया लेकिन खाते समय उसने इसे पसंद नहीं किया क्योंकि “चिकन करी” सूखी थी| उस समय अली अहमद अपने रसोई में टमाटर सूप का आनंद ले रहा था और अचानक उसने सोचा कि क्यों न करी में सूप मिलाया  जाय? इसके बाद उसने करी में सूप, मसाले, क्रीम और दही के मिश्रण को मिलाया जिसे ग्राहकों ने बहुत पसंद किया|

8. नान

इसकी शुरूआत फारस में हुई और खमीर के रूप में इसका इस्तेमाल ईरान में किया गया था|


यह मुगल काल के दौरान भारत लाया गया था|

9. फिल्टर कॉफी

इसकी शुरूआत यमन में हुई|


16 वीं सदी तक यह भारत में नहीं पाया जाता था| इसे मक्का की तीर्थयात्रा पर गए सूफी संत बाबा बुदन द्वारा भारत में लाया गया था| वेयमन के मोचा शहर से सात कॉफी के दाने भारत में लाये थे|
इसे दूध और चीनी के बिना मदिरा के विकल्प के रूप में सेवन किया जाता था।
फिल्टर कॉफी “कॉफी उपकर समिति” द्वारा लोकप्रिय हुआ था जब उन्होंने 1936 में बंबई में अपने पहले कॉफी हाउस की स्थापना की थी|

10. बिरयानी

इसकी शुरूआत 16वीं सदी में फारस में हुई|


इस व्यंजन का नाम फारसी शब्द “बिरियन” से लिया गया है जिसका अर्थ “खाना पकाने से पहले तलना है”|

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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