बुक्सा टाइगर रिजर्व (बी.टी.आर.): तथ्यों पर एक नजर

बुक्सा टाइगर रिजर्व (बी.टी.आर.) पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के अलीपुरद्वार उप–डिवीजन में स्थित है। इसमें बुक्सा वन प्रभाग (702.44 वर्ग किमी) का पूरा और कूच– बिहार वन विभाग (58.43 वर्ग किमी) का कुछ हिस्सा आता है। बुक्सा टाइगर रिजर्व 1983 में भारत के 15वें टाइगर रिजर्व के तौर पर बनाया गया था।

Jul 12, 2016, 17:40 IST

बुक्सा टाइगर रिजर्व (बी.टी.आर.) पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के अलीपुरद्वार उप–डिवीजन में स्थित है। इसमें बुक्सा वन प्रभाग (702.44 वर्ग किमी) का पूरा और कूच– बिहार वन विभाग (58.43 वर्ग किमी) का कुछ हिस्सा आता है। बुक्सा टाइगर रिजर्व 1983 में भारत के 15वें टाइगर रिजर्व के तौर पर बनाया गया था।

वर्ष 1992 में पश्चिम बंगाल ने 117.10 वर्गकिमी से अधिक इलाके में बुक्सा वन्यजीव अभयारण्य नाम से राष्ट्रीय उद्यान बनाने की अपनी मंशा घोषित की थी।

बुक्सा टाइगर रिजर्व (बी.टी.आर.) का स्थानः 

बुक्सा टाइगर रिजर्व (बी.टी.आर.) में वन्य जीवन-

Image source:www.buxatigerreserve.com

बुक्सा टाइगर रिजर्व (बी.टी.आर.): तथ्यों पर एक नजर

1.  बुक्सा टाइगर रिजर्व (बी.टी.आर.) पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के अलीपुरद्वार उप–डिवीजन में स्थित है।

2. इसमें बुक्सा वन प्रभाग (702.44 वर्ग किमी) का पूरा और कूच– बिहार वन विभाग (58.43 वर्ग किमी) का कुछ हिस्सा आता है।

3. यह रिजर्व 26o30′ और 26o55′ उ आक्षांश और 89o20′ और 89o55′ पू देशांतर के बीच स्थित है।

4. बुक्सा टाइगर रिजर्व 1983 में भारत के 15वें टाइगर रिजर्व के तौर पर बनाया गया था।

5. अलिपुरद्वार शहर सिलिगुड़ी और गुवाहाटी को जोड़ने वाली उत्तर– पूर्व सीमांत रेलवे के ब्रॉड– गेज लाइन पर है। कूच बिहार से रिजर्व तक सड़क मार्ग (30 किमी) से भी पहुंचा जा सकता है।

बुक्सा टाइगर रिजर्व के जीव–जंतु-

पौधों की विविधता के साथ बुक्सा टाइगर रिजर्व में पशुओं की भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां स्तनधारियों की 68 प्रजातियां, सरीसृपों की 41 प्रजातियां और पक्षियों की 246 प्रजातियों से अधिक, मछलियों की 73 प्रजातियों समेत उभयचर प्राणियों की 4 प्रजातियां पाई जाती हैं। बुक्सा टाइगर रिजर्व के मुख्य मांसाहारी पशुओं में भारतीय बाघ (पैंथेरा टिगरिस), तेंदुआ (पैंथेरा पारडस), धूमिल तेंदुआ (नीयोफेलिस नीबुलोसा), हॉग, बैडगर (एक्रिटोनिक्स कोलारिस), जंगली बिल्ली (फेलिस चौस), तेंदुआ बिल्ली (पेरीयोनेल्युरस बेंगालेनसिस), स्लोथ बियर (मेलुरसुस अनसिनुस), फिशिंग कैट (परीयोनेल्युरस वीवेरीना), सीवेट कैट (वीवेर्रिकुला इंडिका), हायना (हायना हायना), सियार (कैनिस ऑरियस), नेवला (हरपेसटेस एडवार्डिस), फॉक्स (वलपेस बेंगालेनसिस), जंगली कुत्ता (क्योन एलपिनस) आदि। मार्बल्ड कैट (पारडोफेलिस मरमोराटा) और सुनहरी बिल्ली (काटोपुमा टेम्मिनिकी) के बारे में पहले रिपोर्ट किया गया था लेकिन हाल के वर्षों में ये देखी गईं हैं।

बुक्सा टाइगर रिजर्व की जलवायु

तापमानः यह क्षेत्र नम उष्णकटिबंधीय प्रदेश में आता है। नवंबर से फरवरी माह के दौरान दिन का औसत तापमान 12 से 21 डिग्री सेल्सि., मई से सितंबर महीने के दौरान 27 से 32 डिग्री सेल्सियस और बाकी के महीनों में 24 से 27 डिग्री सेल्सि. के बीच रहता है। पूरे वर्ष दिन और रात के तापमान में यहां बहुत अंतर होता है। कभी– कभी सर्दियों की रात बहुत ठंडी होती है। जुलाई से सितंबर तक दिन और अल– सुबह बहुत उमस भरे और गर्म होते हैं और यहां तक की बहुत परेशान करने वाले होते हैं जबकि रातें हमेशा ठंडी होती हैं।

वर्षाः दक्षिण– पश्चिम मॉनसून वर्षा का मुख्य स्रोत है। जून से सितंबर माह के दौरान रिजर्व में सबसे अधिक वर्षा होती है। जून, जुलाई और अगस्त में वर्षा बहुत अधिक होती है। सितंबर से यह कम होने लगती है और अक्टूबर के पहले सप्ताह में समाप्त हो जाती है। न्यूनतम वर्षा के साथ दिसंबर महीना सबसे सूखा महीना होता है। मार्च के महीने में सर्दी के माह की सबसे अधिक वर्षा होती है। अप्रैल औऱ मई के महीने में ओले और आंधी– तूफान के साथ मॉनसून– पूर्व की बारिश होती है।

रिजर्व में औसत वर्षा करीब 4100 मिमी है, उत्तर की तरफ बढ़ने पर यह थोड़ा अधिक हो जाती है। पहाड़ों की तलहटी में वर्षा पहाड़ों की संरचना के अनुसार कम या ज्यादा होती है। पहाड़ों के बाहरी किनारों पर यह करीब सालाना 5000 मिमी तक पहुंच जाती है। राजबख्तावा में औसत वर्षा 3750 मिमी होती है। जबकि बुक्सादौर (780 मी. उंचाई) में यह 5600 मिमी होती है। पिछले दस वर्षों में एक दिन में सबसे अधिक वर्षा 19 जुलाई 1993 को दर्ज की गई थी। इसकी वजह से अलीपुरद्वार में विनाशकारी  बाढ़ आई थी। 

आर्द्रताः चूंकि यह रिजर्व हिमालय की तलहटी में स्थित है, पूरे वर्ष भर यहां पर्याप्त आर्द्रता बनी रहती है। अधिकतम सापेक्ष आर्द्रता 80% – 95% के बीच बदलती रहती है, शायद ही कभी यह 75% से कम होती है। जून के महीने में अधिकतम और दिसंबर से फरवरी के महीने में यहां सबसे कम आर्द्रता रहती है।

पवन/ हवाः बेहद घने जंगलों की वजह से इस रिजर्व में कभी तेज आंधी नहीं आती। हालांकि, अप्रैल और मई के महीने में कभी– कभी और सितंबर एवं अक्टूबर के महीने में शायद कभी ओलों के साथ तेज तूफान आ जाता है।

Image source http://www.buxatigerreserve.com/birds-insects/

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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