कुतुब-उद-दीन ऐबक मोहम्मद गोरी का प्रमुख सिपहसालार और उसका प्रमुख दास था. उसका जन्म मध्य एशिया के तुर्की परिवार में हुआ था. वह बचपन में ही एक दास के रूप में बेच दिया गया था. मोहम्मद गोरी के वायसराय के रूप में उसने बनारस के राजा को 1194 ईस्वी में पराजित किया था. उसने अजमेर के राजा को भी पराजित किया था. उसने ग्वालियर को जीतने के बाद राजा सोलंखोल को कर देने के लिए मजबूर कर दिया. इसके अलावा, उसने गुजरात के राज्य को भी जीता.
वर्ष 2006 में मोहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद ऐबक भारत का सुल्तान बन गया है और मामलुक वंश या गुलाम वंश की नींव रखी.
कुतुब-उद-दीन ऐबक से संबंधित प्रमुख बिंदुओं के रूप में निम्नलिखित तथ्य हैं:
• उसने केवल 4 साल तक शासन कार्य किया. चौगान खेलते हुए वर्ष 2010 में उसका निधन हो गया.
• वह दिल्ली सल्तनत का पहला शासक था.
• वह ऐबक जनजाति का एक तुर्की था.
• वह बहुत उदार था इसीलिए उसे लाख बख्श सुल्तान उपनाम दिया गया था.
• उसे कुतुब मीनार की नींव रखने का श्रेय दिया जाता है जोकि एक सूफी संत ख्वाजा कुतुबु- उद- दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था.
• उसने कुतुब अल इस्लाम मस्जिद को भी स्थापित किया था.
• उसका उत्तराधिकारी उसका स्वयं का दामाद इल्तुतमिश था.
• उसकी कब्र लाहौर, पाकिस्तान में स्थित है.
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