नौकरी चाहने वालों की सबसे बड़ी उलझन होती है कि वह अपना रिज्यूमे किस तरह से तैयार करे कि पहली नजर में ही उसका रिज्यूमे रिक्रूटर्स द्वारा फर्स्ट राउंड इन्टरव्यू के लिए सेलेक्ट हो जाए. इसके लिए ज्यादातर अभ्यर्थी प्रोफेशनल रिज्यूमे राइटर की मदद लेते हैं. इसलिए नौकरी की तलाश कर रहे अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए हमने रेज्यूमे बनाने की टेक्निक का विवरण दिया है. इसे पढ़कर और समझकर उस अनुरूप अपना रेज्यूमे बनाने पर अवश्य ही आपको इन्टरव्यू के लिए कॉल आने की संभावना है.
कौशल (स्किल्स)
जिस नौकरी के लिए आप अप्लाई करने जा रहे हैं उससे अलग अन्य स्किल्स का वर्णन अपने रेज्यूमे में करना सही नहीं है. आप जिस नौकरी के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं उससे जुड़े सभी स्किल्स का वर्णन उपयुक्त होता है. साथ ही यदि आप अपने कौशल को सुनियोजित तरीके से न कहकर बेतरतीब ढंग से कहते हैं, तो नियोक्ताओं द्वारा आपके रेज्यूमे को अनदेखा किए जाने की संभावना अधिक रहती है. इसलिए स्पष्ट तरीके से व्यवस्थित रूप में अपने स्किल्स का सिलसिलेवार रूप में वर्णन कुछ इस तरह करें की न चाहते हुए भी नियोक्ता आपके रेज्यूमे के देखने के लिए विवश हो. याद रखिये सही ढंग से नहीं बनाये गए रेज्यूमे से आपके कॉल की संभावना बिलकुल नहीं होती जबकि सुनियोजित तरीके से जॉब प्रोफाइल के अनुरूप बनाये गए रेज्यूमे से इन्टरव्यू के लिए कॉल आने की संभावना अधिकतम होती है.
अनुभव (एक्सपीरिएन्स)
कौशल के अतिरिक्त सबसे पहले नियोक्ता एक रेज्यूमे में ढूंढ़ता है वह है अनुभव और उसके वर्ष.निर्धारित क्षेत्र में जब से आपने काम करना शुरू किया है, तब से अपने अनुभव वर्ष की गणना करें. सारांश में अपने अनुभव को भावी नौकरी के लिए उपयोगी बताते हुए यह बताएं कि किस तरह आपका अनुभव उस कार्य विशेष के साथ साथ कंपनी के लिए लाभदायी साबित होगा.
योग्यता
आप अपनी योग्यता के आधार पर ही कोई नौकरी पाने में सक्षम होते हैं तथा अपनी योग्यता के जरिये ही किसी भी कार्य में सफलता पाते हैं. नौकरी के सन्दर्भ में भी आप अपनी योग्यता के जरिये ही अपने सारे कार्य समय पर पूरा करने के साथ साथ दिए गए टारगेट पूरा करने के अतिरिक्त कंपनी को कुछ अन्य बेनिफिट कराते हैं. योग्यता के आधार पर ही नियोक्ता यह जानने में सक्षम होता है कि आप किस फील्ड के लिए उपयुक्त हैं ? दरअसल आपकी योग्यता विशेष रूप से आपकी शैक्षणिक योग्यता को दर्शाती है. अपनी योग्यता को दर्शाते समय यह हमेशा ध्यान में रखे कि आपके पास जो शैक्षणिक योग्यता है वह उस जॉब से कितना मेल खाती है ? अगर मेल खाती है और एक से अधिक है तो उसे सही क्रम में नौकरी की वरीयता के आधार पर अपने रेज्यूमे में लिखें. नियोक्ता के लिए कर्मचारियों की योग्यता बहुत मायने रखती है.
उपलब्धि
अगर यह आपकी पहली जॉब है तो नहीं लेकिन अगर आपकी दूसरी तीसरी जॉब में इसका बहुत महत्व होता है और ज्यादातर मामलों में इसी पर आपकी जॉब प्रोफाइल निर्भर करती है. इसके अंतर्गत आपको अपने वर्तमान या फिर पूर्व संगठनों में पूरा किये गए प्रोजेक्ट, असाइंमेंट और कार्य के बारे में नियोक्ता को बताना होता है. इसलिए अपनी उपलब्धियों का सटीक और यथार्थ रूप में वर्णन करें. ध्यान रखिये अधिकांश नियोक्ता उम्मीदवारों की पिछली उपलब्धियों को उनकी भर्ती करने से पहले अवश्य देखते हैं.
व्यक्तिगत विवरण
अक्सर हम देखते हैं कि उम्मीदवार रेज्यूमे की शुरुआत में अपना व्यक्तिगत परिचय बहुत वृहद् स्तर पर देते हैं और उनका ऐसा मानना होता है कि इससे इंटरव्यूअर पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है. लेकिन ध्यान रखिये नियोक्ता को आपकी व्यक्तिगत जानकारी से कोई लेना देना नहीं होता है. इसलिए प्रारम्भ में अपना संक्षिप्त और प्रभावशाली तरीके से व्यक्तिगत परिचय दें. इससे नियोक्ता पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा
निष्कर्ष
अनुभव, कौशल, शैक्षिक योग्यता, उपलब्धियां और व्यक्तिगत विवरण महत्वपूर्ण टॉपिक हैं जिनका सटीक, सही और प्रभावी वर्णन रेज्यूमे में होना चाहिए.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation