गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू हुए बेशक एक साल से अधिक हो गया है, लेकिन इसकी पेचीदगियां समझना अभी भी मुश्किल हो रहा है। इसके लिए एकाउंटिंग के साथ जीएसटी के जानकार प्रोफेशनल्स की लगातार जरूरत महसूस की जा रही है। आने वाले दिनों में जीएसटी पोर्टल्स से और करदाताओं के जुड़ने से इन जानकारों की डिमांड और बढ़ेगी। आइए जानते हैं बदलते दौर में एकाउंटिंग फील्ड में किस तरह के अवसर हैं... |
जीएसटी आने के बाद पहले की तुलना में लेखा-जोखा रखने का काम काफी बढ़ गया है। नई कर व्यवस्था के तहत 20 लाख रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारियों को हर महीने जीएसटी की प्रक्रिया निभानी होती है। रोजाना इनपुट-आउटपुट का बही-खाता मेनटेन रखना होता है। व्यापारियों को अब महीने में तीन बार रिटर्न फाइल करनी होती है, जबकि पहले यह रिटर्न केवल एक बार फाइल करनी होती थी। दूसरे, नई कर व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन है। जाहिर है जीएसटी, खाता-बही और कंप्यूटर के बारे में अच्छी समझ रखने वाले युवाओं के लिए आज की तारीख में रोजगार के ज्यादा मौके हैं। एक अनुमान के मुताबिक, जीएसटी से पिछले एक साल में देश में करीब 1 लाख नई नौकरियां पैदा हुईं। आने वाले दिनों में भी टैक्सेशन, एकाउंटिंग और डाटा एनालिसिस के क्षेत्र में वकीलों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट एकाउंटेंट्स और टैक्स सलाहकारों की भारी मांग होगी। जीएसटी लागू होने के बाद स्वतंत्र रूप से जीएसटी प्रैक्टिसनर्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
चार्टर्ड एकाउंटेंसी
यदि आप व्यापार करते हैं या उद्योग चलाते हैं, तो नियमित रूप से आपको सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) की जरूरत पड़ती है। मौजूदा समय में वित्त से जुड़ा हुआ कोई भी क्षेत्र सीए से अछूता नहीं रह गया है। सीए यानी चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने के लिए इससे संबंधित कोर्स करना होता है, जिसका संचालन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) द्वारा किया जाता है। चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स में प्रवेश पाने के दो तरीके हैं, एक तो आप इंटरमीडिएट के बाद फाउंडेशन परीक्षा पास करके सीए में प्रवेश ले सकते हैं या फिर ग्रेजुएशन के बाद डायरेक्ट एंट्री ले सकते हैं। चूंकि सीए कोर्स के सिलेबस में अधिकतर भाग कॉमर्स का ही होता है, इसलिए यह कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए सबसे पसंदीदा कोर्स है। 12वीं के बाद साल में दो बार सीपीटी यानी कॉमन प्रोफेशिएंसी टेस्ट होता है। इस टेस्ट को पास करने के बाद आप सीए कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं, जिसे तीन स्तरों पर पूरा करना होता है। इसे क्लीयर करने के बाद आप सीए के रूप में जॉब या फिर खुद की प्रैक्टिस कर सकते हैं।
एकाउंटिंग में तेजी से बढ़ रहे हैं अवसर एकाउंटिंग में पहले से अच्छी अपॉच्र्युनिटी है, क्योंकि यहां पर अभी अच्छे काम करने वालों की कमी है। एकाउंटेंट्स तो हैं, लेकिन सब सारे टैक्स कानूनों की जानकारी नहीं रखते। आज परंपरागत एकाउंटिंग से कहीं ज्यादा उन जानकारों की मांग है, जो टीडीएस, इनकम टैक्स, जीएसटी और कंपनियों के दूसरे काम करना जानते हैं। ऐसे में जो लोग पहले से कोर्स कर चुके हैं, उन्हें अपडेट होने की जरूरत है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि एकाउंटिंग में सिर्फ सीए, सीएस और आइसीडब्ल्यूए वालों के लिए ही अवसर हैं। एकाउंट टेक्निशियंस की भी आज सभी संस्थाओं को जरूरत है। ऐसे में जो लोग सीए, सीएस या आइसीडब्ल्यूए कंपलीट नहीं कर पाए हैं और इंटर पास हैं, वे भी एकाउंट टेक्निशियन का कोर्स करके इस फील्ड में लोअर लेवल पर काम कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद जीएसटी प्रैक्टिसनर का कोर्स किया जा सकता है। इसमें भी आगे चलकर जॉब्स के ज्यादा अवसर हैं।
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सीएस
सीएस यानी कंपनी सेक्रेटरीशिप की मांग वैसे तो पहले भी कॉरपोरट कंपनियों में खूब थी। लेकिन जीएसटी के बाद ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग और बढ़ी है। सीएस कंपनी की प्रशासनिक जिम्मेदारी को संभालने का काम करते हैं। सीएस का कोर्स 12वीं और ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया देशभर में स्थित अपने विभिन्न सेंटर्स के जरिए यह कोर्स कराता है।
एकाउंटेंसी/कंप्यूटर एकाउंटेंसी
अगर आप कॉमर्स ग्रेजुएट हैं। टैक्सेशन का काम जानते हैं। टैली, सैप जैसे एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पर काम करने में कुशल हैं, तो आज की तारीख में ऐसे लोगों की बहुत जरूरत है। जीएसटी आने के बाद आज लगभग हर कंपनी/संस्थान या सीए टीम को इन प्रोफेशनल्स की जरूरत है। इसी तरह, कंप्यूटर अकाउंटेंसी के जानकारों की भी इन दिनों बहुत मांग है। दिल्ली के पूसा रोड स्थित आइसीए के डायरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव के अनुसार, एकाउंटिंग फील्ड में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए कंप्यूटर एकाउंटेंसी एक अच्छा विकल्प है। यह कोर्स बिल्कुल प्रैक्टिकल तरीके से उसी तरह कराया जाता है, जिस तरह से कंपनियों में आजकल एकाउंटिंग का काम हो रहा है। आर्ट, साइंस या कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास युवा यह कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स एक से लेकर डेढ़ साल की अवधि का होता है। वर्तमान में आइसीए सहित विभिन्न संस्थानों में कंप्यूटर एकाउंटिंग से संबंधित विभिन्न एडवांस कोर्स चलाए जा रहे हैं, जिसे करने के बाद आप कहीं भी सहायक एकाउंटेंट, एकाउंट मैनेजर के रूप में जॉब पा सकते हैं। कोर्स के अंतर्गत छात्रों को टैक्स रिटर्न फाइल करना, चालान जमा करना, ऑनलाइन चालान जमा करना, ऑनलाइन जीएसटी कैलकुलेशन, बुककीपिंग, सैप आदि की प्रैक्टिकल जानकारी दी जाती है।
प्रैक्टिकल नॉलेज पर जोर फाइनेंस ऐंड एकाउंटिंग सेक्टर में अधिकतर काम अब कंप्यूटर पर ही होने लगे हैं। जीएसटी की तो सारी व्यवस्था ही कंप्यूटर आधारित है। ऐसे में युवाओं के लिए एकाउंटिंग फील्ड में करियर बनाने के लिए कंप्यूटर एकाउंटेंसी एक अच्छा ऑप्शन है। यह बिल्कुल प्रैक्टिकल कोर्स है, जिसे आर्ट, साइंस या कॉमर्स स्ट्रीम से12वीं पास युवा कर सकते हैं।
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कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट एकाउंटिंग
एकाउंटिंग से संबंधित कोर्स भारत सरकार की संस्था द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया भी कराती है, जहां से आप कोर्स कर सकते हैं। इन कोर्सेज को 12वीं पास, सीए, सीएस, लॉयर, जीएसटी प्रैक्टिशनर या फिर किसी भी बैकग्राउंड से ग्रेजुएट युवा कर सकते हैं। कोर्स के बाद आप जॉब करने के अलावा, स्वतंत्र रूप से भी प्रैक्टिस कर सकते हैं।
प्रमुख संस्थान | वेबसाइट |
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इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया, नई दिल्ली | www.icai.org |
इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, कोलकाता | www.icmai.in |
आइसीए, पूसा रोड, दिल्ली | www.icapusaroad.com |
इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया, नई दिल्ली | www.icsi.edu |
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