एक महत्वपूर्ण स्किल - जो हम अपने रिज्यूम में शामिल करते हैं, वह है – प्रॉब्लम सॉल्विंग. संगठन भरोसा करते हैं कि वे प्रॉब्लम सॉल्विंग में बेहतरीन हैं. मैनेजर्स क्लाइंट प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के एक टूल के तौर पर इस स्किल में अपनी कुशलता प्रदर्शित करते हैं. हम सभी जीवन के विभिन्न चरणों में कई चुनौतियों का सामना करते हैं. क्या आपने कभी यह नोटिस किया है कि कुछ लोग तो अपनी प्रॉब्लम्स को आसानी से सॉल्व कर लेते हैं लेकिन अपनी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करते समय कुछ लोगों का हौसला पस्त हो जाता है? ‘पाइरेट्स ऑफ़ कैरेबियन’ में एक फिक्शनल करैक्टर है जिसने सही कहा है कि – कोई प्रॉब्लम, प्रॉब्लम नहीं होती है, असली प्रॉब्लम तो उन प्रॉब्लम्स के प्रति आपका रवैया होता है. आपमें से अधिकांश लोगों ने सुनी होगी यह कहानी जंगल में 5 बुद्धिमान व्यक्ति भटक गए. पहले व्यक्ति ने कहा: - मैं लेफ्ट साइड जाऊंगा – मेरी इंटीयूशन मुझे ऐसा कह रही है. दूसरे व्यक्ति ने कहा: - मैं राइट साइड जाऊंगा – इसके पीछे कारण यह है कि क्यों राइट वर्ड, राइटनेस से बना है. तीसरे व्यक्ति ने कहा: - मैं वापस लौटूंगा – हम जहां से आये हैं, इसका मतबल हुआ कि मैं जंगल से बाहर निकल जाऊंगा. चौथे व्यक्ति ने कहा: - मैं आगे सीधा जाऊंगा – हमें आगे बढ़ना चाहिए, आखिर जंगल खत्म होगा और कुछ नया सामने आयेगा. पांचवें व्यक्ति ने कहा: - आप सभी गलत कह रहे हो. इस प्रॉब्लम का एक अन्य बढ़िया सोल्यूशन है. मेरा इंतजार करो. उसने सबसे ऊंचा पेड़ खोजा और उस पेड़ पर चढ़ गया. जब वह पेड़ पर चढ़ रहा था तो हरेक अन्य व्यक्ति अपनी-अपनी दिशा में चला गया. ऊपर से उसने देखा कि कहां से वे लोग सबसे जल्दी जंगल से निकल सकते हैं. अब उसे यह भी दिख रहा था कि अन्य बुद्धिमान लोग किस क्रम में जंगल से बाहर निकलेंगे. वह ऊपर चढ़ा और उसने सबसे छोटा रास्ता देख लिया. उसने अपनी प्रॉब्लम को समझा और सबसे बढ़िया सोल्यूशन तलाश किया. हममें से बहुत कम लोग प्राकृतिक रूप से प्रॉब्लम सॉल्वर्स होते हैं. जब कभी हम अपने जीवन में किसी प्रॉब्लम में फंस जाते हैं तो हम ऐसे लोगों के पास जाते हैं. कुछ लोगों के लिए यह एक सीखा जाने वाला स्किल है जो थोड़ी सावधानी और सिस्टेमेटिक एफर्ट से सीखा जा सकता है. यहां पेश है ‘5 स्टेप’ वाली प्रोसेस –
प्रॉब्लम क्या है? – इसकी पहचान हो जाना सोल्यूशन तलाशने का पहला कदम है. बहुत बार हमें यह भी पता नहीं होता है कि प्रॉब्लम क्या है? .....और हम परेशान होते रहते हैं. आइये एक अन्य उदाहरण से इस बात को और अच्छी तरह समझते हैं – राम तेज़ स्पीड की वजह से पकड़ा गया. ऐसा क्यों हुआ? मुझे यकीन है कि पहला रिस्पोंस यह है कि वह तेज़ स्पीड से ड्राइविंग कर रहा था. इसलिए, क्या स्लो ड्राइविंग इस प्रॉब्लम को सॉल्व कर देती है या क्या हमने इस प्रॉब्लम का असली कारण पहचान लिया है?
चाहे आप किसी प्रोडक्ट की क्वालिटी इम्प्रूव कर रहे हों या आप अपनी परफॉरमेंस में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हों या फिर, कोई प्रॉब्लम सॉल्व करना चाहते हों, यह वास्तविक कारण का पता लगाने का एक असरदार टूल है कि प्रॉब्लम क्यों उत्पन्न हुई? जब हम राम के मामले के बारे में 5 बार क्यों का जिक्र करते हैं तो पाते हैं कि: आप स्पीड से ड्राइविंग क्यों कर रहे थे? क्योंकि मुझे काम पर जाने के लिए देर हो रही थी. आपको काम पर जाने के लिए देर क्यों हो रही थी? क्योंकि सुबह मैं देर से जागा. आप सुबह देर से क्यों जागे? क्योंकि मेरा अलार्म नहीं बजा. आपका अलार्म क्यों नहीं बजा? क्योंकि मेरी अलार्म क्लॉक की बैटरी खत्म होने वाली थी. इसलिए उक्त प्रॉब्लम का सोल्यूशन है – राम अपने अलार्म की बैटरी को बदले या एक नई प्लग-इन अलार्म क्लॉक खरीदे. 2. ब्रेनस्ट्रोम अल्टरनेटिव्स जो उदाहरण ऊपर पेश किया गया है, वह काफी सरल है. लेकिन अब अगर हम थोड़ी कठिन चुनौती या प्रॉब्लम पर चर्चा करते हैं जैसेकि, मेरी टीम की परफॉरमेंस गिर रही है. दिया जा रहा काम हाई क्वालिटी का नहीं है. जब आप इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने की कोशिश करते हैं तो आप उक्त 5 क्यों वाले टूल या रूट कॉज एनालिसिस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे हमें विकल्प या अल्टरनेटिव्स का पता चलता है. उन विकल्पों की लिस्ट बनाएं. सभी स्टेकहोल्डर्स को अपने विचार पेश करने के लिए उत्साहित करें. ऐसे अल्टरनेटिव्स हो सकते हैं जैसेकि – टीम मेम्बर्स से नियमित रूप से अलग-अलग मीटिंग करना, उन्हें ट्रेनिंग दिलवाना, उनके पास अनुचित वर्कलोड हो सकता है, उन्हें किसी ऐसी टीम में शिफ्ट करना जहां उनकी काबिलियत ज्यादा काम आये, शायद उन्हें सॉफ्ट स्किल्स या टेक्निकल स्किल्स सीखने की जरुरत हो. 3.‘क्या हो अगर’ लिस्ट तैयार करें अब, जब हमारे पास अल्टरनेटिव्स मौजूद हैं, तो यह बहुत जरुरी है कि हम फ्लिप साइड देखें. अगर परफॉरमेंस अच्छी नहीं चल रही है तो एक सोल्यूशन अल्टरनेटिव यह है कि आप उस व्यक्ति को किसी अन्य टीम में शिफ्ट कर दें या फिर उसे बर्खास्त कर दें. इससे टीम के अन्य मेम्बर्स की परफॉरमेंस पर क्या असर पड़ेगा? 4. मूल्यांकन करें, फिर चुनें बेस्ट विकल्प स्टेप 2 में दिए गए सभी ऑप्शन्स पर अच्छी तरह विचार करें और सभी शामिल लोगों के हित में सबसे उपयुक्त बेस्ट अल्टरनेटिव को चुनें. शायद जो बेस्ट सोल्यूशन निकले उसके मुताबिक कर्मचारियों को सॉफ्ट स्किल्स की ट्रेनिंग की जरूरत हो. 5. सॉल्यूशन का पालन करें अपने संगठन की लर्निंग और डेवलपमेंट टीम से बात करें, ट्रेनिंग्स के लिए प्लानिंग करें, अपनी टीम को ई-लर्निंग मोड्यूल्स के लिए अपने नाम देने के लिए उत्साहित करें, अपनी टीम के साथ नियमित तौर पर इंटरेक्शन्स प्लान करें, फीडबैक चैनल्स बनाएं और उक्त सभी प्वाइंट्स का पालन करें. प्रॉब्लम सॉल्विंग पहली नजर में आसान प्रतीत होती है. लेकिन जब हमारे व्यक्तिगत पेशेवर जीवन में प्रॉब्लम्स सॉल्व करने का समय आता है तो हममें से अधिकांश लोग विभिन्न स्टेप्स में फंस जाते हैं. इसलिए हमें कुछ स्किल्स सीखने चाहिए ताकि हम प्रॉब्लम की पहचान से उसे सॉल्व करने तक विभिन्न स्टेप्स का पालन कर सकें. विभिन्न स्किल्स जैसेकि, माइंड मैपिंग, विभिन्न पहलुओं से किसी मामले पर विचार करना, विभिन्न अप्रोचेज का पालन करना, कम्युनिकेशन के लिए तैयार रहना, क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करना, लॉजिकल होना, ऑब्जरवेशन स्किल्स आदि आपके लिए बहुत जरुरी हैं. यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी प्रॉब्लम सॉल्विंग से संबद्ध सफलताओं को फॉलो करने के साथ उनका ट्रैक रिकॉर्ड भी रख रहे हैं. ऐसा करने पर आप एक बेस्ट प्रॉब्लम सॉल्वर के तौर पर खुद को तैयार करेंगे. |
एक्सपर्ट के बारे में:सुश्री पीयूष महाजन एक सर्टिफाइड लाइफ कोच और सॉफ्ट स्किल्स फैसिलिटेटर हैं. उनके पास जियो स्पेशल इंडस्ट्री में काम करने का 11 वर्षों से ज्यादा का अनुभव है. यहां इन्होंने सीनियर डाटा स्पेशलिस्ट के तौर पर काम किया है. अपने दिल की आवाज को सुनते हुए, उन्होंने डाटा स्पेशलिस्ट का प्रोमिसिंग करियर छोड़ दिया और लाइफ स्किल्स कोच बनने का फैसला किया. |
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