हर साल लाखों अभ्यर्थी प्रतिष्ठित UPSC परीक्षा में शामिल होते हैं, जिसमें से लगभग 80-90 उम्मीदवार ही प्रशासनिक सेवाओं में चुने जाते हैं। UPSC सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और यह प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में शामिल होने के लिए एकमात्र प्रवेश द्वार है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक शक्तिशाली और कुलीन नौकरी के अलावा, एक आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद भी एक अच्छा वेतन और सुविधाएं प्राप्त करता है। इस लेख में पढ़ें रिटायरमेंट के बाद एक IAS अफसर को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में:
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आजीवन पेंशन
IAS अधिकारियों को आजीवन पेंशन की सुविधा मिलती है 1 जनवरी 2004 से सभी सरकारी कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए पेंशन सुविधा फिर से शुरू कर दी गई है। इसलिए, 1 जनवरी 2004 के बाद शामिल होने वाले IAS अधिकारियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को पेंशन के लिए अपने वेतन का 10% योगदान करना होता है जबकि सरकार इसमें 14% योगदान जोड़ती है।
दूसरे सरकारी विभागों में नौकरी
सेवानिवृत्ति के बाद कुछ आईएएस अधिकारी भी कुछ क्षेत्रों में सरकार द्वारा नियोजित भी किया जाता है। इन्हें राज्यपाल, उपराज्यपाल, सीएजी, सीईसी, यूपीएससी, सीआईसी के पद के लिए विभिन्न आयोगों, न्यायाधिकरणों, सार्वजनिक क्षेत्र के बोर्डों, मुख्य वफ़ादारी मॉनिटर्स के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। हालांकि यह एक IAS अधिकारी की अपनी रूचि पर निर्भर करता है की वह रिटायरमेंट के बाद किसी पद पर काम करना चाहते है या नहीं।
सिक्योरिटी
एक IAS अधिकारी का काम जोखिम भरा होता है और ऐसी में अक्सर उनके कई दुश्मन बन जाते हैं। वैसे तो रिटायरमेंट के बाद किसी भी IAS अधिकारी को गार्ड और सिक्योरिटी की सुविधा नहीं मिलती है लेकिन अगर उन्हें खतरा महसूस हो तो वह सरकार से सिक्योरिटी की मांग कर सकते हैं। ऐसे में यह सरकार का फ़र्ज़ होता है कि वह एक पूर्व सिविल सेवक की रक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाए।
इस सब के अलावा एक रिटायर्ड IAS अधिकारी का रुतबा और इज़्ज़त बरक़रार रहती है। देश की प्रगति में दिए गए उनके योगदान के लिए सरकार हमेशा ही एक IAS अधिकारी को सम्मान देती है।
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