करियर में आगे बढ़ने तथा सफलता प्राप्त करने के लिए छात्रों को समय का महत्व समझना बहुत ज़रूरी है. एक छात्र के जीवन में जो सही पड़ाव उनके आगे बढ़ने और जीवन में सफल होने में लगता है वह समय होता है कक्षा 10वीं से उसके पोस्ट ग्रेजुएशन के 2 से 3 साल का समय. यह एक ऐसा समय है जब छात्र खुद को अपने करियर की सही दिशा में आगे भी बढ़ा सकते हैं और ख़राब भी कर सकते हैं.
यहाँ हम आज कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपको समय पर करियर को एक सही मार्गदर्शन देने में काफी सहायता मिलेगी.
• छात्र चाहे UP Board, CBSE,अन्य बोर्ड या किसी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे JEE Main, UPSEE, WBJEE, SSC या BANKING की तैयारी कर रहें हों, सभी के लिए करियर में आगे बढ़ने का समय समान होता है. एक छात्र के जीवन में जो एक वास्तविक समय करियर में सफल होने में लगता है वह उसके पुरे विद्यार्थी जीवन के 20 से 21 साल होते हैं. क्यूंकि कक्षा 9वीं तक अधिकतर छात्र अपने पढ़ाई और करियर को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं.
• दरअसल यहाँ यह कहने का सीधा मतलब है कि यदि आपको सफलता प्राप्त करनी है और सही समय पर अपने गोल्स को पूरा करना है तो हो जाए तैयार और अभी से ही अपना लक्ष्य निर्धारित करें तथा आगे बढ़ें.
• यदि आप में दृढ़ इच्छाशक्ति है और आप हर असफलता की चुनौती का सामना कर आगे बढ़ने में सक्षम हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है.
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• छात्रों को कक्षा 10वीं से ही अपने लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करने के क्रम में आगे बढ़ना शुरू कर देना चाहिए. क्यूंकि यदि आप इस समय से ही खुद को तैयार करना शुरू नहीं करते तो आगे सफलता पाने में काफी समय लग सकता है. जिस कारण कई बार ऐसा भी होता है कि हम एक समय पर आकर जीवन में जो चल रहा है उसे ही अपना गोल समझ कर खुश हो लेते हैं. जबकि यदि आप सही समय पर खुद के लिए एक सही करियर मार्ग चुन कर आगे बढ़े तो आपको अपनी कमियों को सुधार कर आगे बढ़ने का काफी समय मिलता है.
• सबसे पहले तो छात्रों को समय की महत्वता समझना बहुत ज़रूरी है. समय की महत्वता का यह मतलब नहीं की आप अन्य गतिविधियों को छोड़ पूरा समय अपने करियर के विषय में सोचने में लगा दें. इसका सीधा मतलब यह है कि आपको अपने सभी उन कामों को ज्यादा महत्वता देना शुरू करना होगा जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुचाने में आपकी मदद करें. आपको हर उस काम के बारे में एक क्लियर विजन रखना शुरू करना होगा जो आपको आपके गोल से मिलाने में सहायक हो और फिर उन कामों को प्राथमिकता भी देना शुरू करना होगा.
• अब जब आप अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें तो उसी दिन से आपको अपने आप को असफलता का सामना करने के लिए भी तैयार करना होगा. यह सोच कर पहले ही कदम पीछे ना हटाए की यह होगा ही नहीं या ये मैं नहीं कर सकती.........कई छात्रों की ये भी समस्या है कि यदि वह किसी लक्ष्य को निर्धारित कर आगे बढ़े और उसमे असफल हुए तो वह डर जाते है और फिर उसमे आगे बढ़ने के बजाय पीछे हटने लगते हैं.
• जब हम किसी सफल व्यक्ति को देखते हैं तो केवल उसकी सफलता हमें नज़र आती है. जबकि उस सफलता को पाने की कोशिश में वह कितनी बार असफल हुआ है और किस तरह उसने खुद को कामयाब बनाने में मेहनत की, यह कोई जानना नहीं चाहता है.
निष्कर्ष: इस आर्टिकल में जो टिप्स हमने आपको बताए हैं आशा है कि इन टिप्स के ज़रिए आपको अपने करियर में सही मार्गदर्शन प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
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