करियर में शत प्रतिशत सफलता हेतु कैसे पायें नकारात्मक विचारों से मुक्ति?

Oct 6, 2017, 15:19 IST

जीवन जीने और सफलता पाने के लिए हमें विचारों को समझने तथा उनके अनुरूप काम करने तथा नहीं करने की कला में पारंगत होना अतिआवश्यक है l सकारात्मक विचार सफलता की सीढ़ी तक ले जाने में सहयोगी होते हैं वहीँ नकारात्मक विचार व्यक्ति को अपने लक्ष्यों तक पहुँचने में बाधा उत्पन्न करने के साथ साथ मानसिक अवसाद के कारण बनते हैं l अतः जीवन में हमेशा सकारात्मक सोंच रखते हुए सही दिशा में सही प्रयास कर ही नकारात्मक भावनाओं को उत्पन्न होने से रोका जा सकता है l

How to remove your negative thoughts for getting success in your career and college Life
How to remove your negative thoughts for getting success in your career and college Life

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं l हमारा जीवन, हमारा करियर भी जीवन रूपी सिक्के के दो पहलू सकारत्मक विचार और नकारत्मक विचार के इर्द गिर्द घूमता है और जो विचार हावी होते हैं हमारा जीवन वैसा ही होता चला जाता है l जीवन विचारों का ही खेल है l जीवन जीने और सफलता पाने के लिए हमें विचारों को समझने तथा उनके अनुरूप काम करने तथा नहीं करने की कला में पारंगत होना अतिआवश्यक है l अगर आप ऐसा करने में सफल नहीं हो पाते हैं तो नकारात्मक भावनाएं आपके अन्दर घर करने लगती हैं l नीचे सकारत्मक उर्जा से भरपूर रहने तथा नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी नहीं होने की कला में माहिर होने के लिए गौर करने योग्य कुछ आवश्यक तथ्यों की जानकारी दी गयी है –

सही दिशा में सार्थक प्रयास करें -करियर को सही दिशा प्रदान करने की प्रक्रिया की शुरुआत स्कूल और कॉलेज के दिनों से ही हो जाती है l प्रतियोगिता के इस दौर में आज कई छात्र स्कूल के दिनों से ही अपने करियर का निर्णय अर्थात हमें अपने जीवन में क्या बनना है ? क्या करना है ? आदि प्रश्नों पर विचार करना शुरू कर देते हैं तथा उस दिशा में सही प्रयास करने की कोशिश भी करते हैं l इनमें से अधिकांश जीवन और करियर में सफलता भी प्राप्त करते हैं l लेकिन अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों के कारण छात्रों के मन में नकारात्मक विचार आने शुरू हो जाते हैं जो आगे चलकर अवसाद उत्पन्न करने के साथ साथ असफलता की कड़ी भी बनते हैं l अतः हमेशा सही दिशा में सार्थक प्रयास करें l

अपनी प्रतिभा को पहचाने और अपने ऊपर भरोसा रखें - जब छात्र अपनी स्कूली पढ़ाई पूरा करने के बाद सुनहरे भविष्य की कल्पना और उम्मीद के साथ कॉलेज में दाखिला लेते हैं l सपनों की उड़ान का प्रतिबिम्ब जब वास्तविकता के धरातल पर  दीखता है तो सब कुछ मनमुताबिक नहीं होता l फलतः उलझन और खीझ के कारण छात्र अपनी क्षमता पर अविश्वास करने लगते हैं और उनके अन्दर नकारात्मक ख्याल आने लगते हैं l अतः अपने कॉलेज के दिनों से ही अपने करियर से जुड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु एक छात्र को सतत जागरूक रहना चाहिए तथा अपने ऊपर नकारात्मक विचारों को हावी नहीं होने देना चाहिए l

मन में आने वाले विचारों की तह तक जाने की कोशिश करें – जीवन में कई बार ऐसा होता है कि अपने खुशी और दुःख दोनों का कारण हम स्वयं होते हैं l कभी कभी क्षमता और रूचि के विपरीत हमारा निरर्थक प्रयास भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभता है l हम खुद ही अपनी सफलता और खुशी के मार्ग में रोड़ा बन जाते हैं l कई बार तो हमें इस बात का पता ही नहीं होता की मेरी इस असफलता का सबसे बड़ा कारण मैं ही हूँ l मन में बार बार नकारात्मक विचारों का आना एक बहुत बड़ा रोड़ा है l उदाहरण के लिए अगर आपके मन में ऐसे विचार आते हों कि, मैं बहुत स्मार्ट नहीं हूँ, मुझे अंग्रेजी नहीं आती, मैंने जो सब्जेक्ट लिए हैं उनपर मेरी उतनी पकड़ नहीं है, तो कहीं न कहीं ऐसे विचार आपके व्यक्तित्व विकास में बाधक होते हैं l अतः यदि ऐसे विचार आपके मन में आते हैं तो उसकी तह तक जाने की कोशिश करें कि आखिर ऐसे विचार मेरे अन्दर क्यों आ रहे हैं ? अगर आपको ऐसा लगता है कि मै यह काम नहीं कर सकता तो इसे ईमानदारीपूर्वक स्वीकार कीजिये और किसी दूसरे दिशा में प्रयास कीजिये l उस कार्य से जुड़े नकारात्मक ख्याल स्वतः ही समाप्त हो जायेंगे l

अपनी रूचि और क्षमता के अनुरूप अपना लक्ष्य निर्धारित करें – अक्सरहां ऐसा देखने को मिलता है कि छात्र अपने जीवन का लक्ष्य अपने माता –पिता या अभिभावकों के इच्छा के अनुकूल निर्धारित करते हैं l कभी कभी तो छात्र अपने दोस्तों मित्रों के कहने या फिर उनके साथ साथ रहने की इच्छा से भी उनकी इच्छा के अनुरूप अपना लक्ष्य बनाते हैं l याद रखिये यह जीवन आपका है इसे अपने शर्तों पर जीने की कोशिश कीजिये l दूसरों की इच्छा के अनुरूप चलना कहीं न कहीं आपको अपनी विवशता का बोध कराता है जो नकारात्मक विचारों के सृजन का मुख्य कारण है l लक्ष्य हमेशा अपनी रूचि और क्षमता के अनुरूप ही निर्धारित करें तभी आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर पाएंगे l अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कहीं न कहीं आपकी अपनी इच्छा आपके अंतर्मन में दमित इच्छा के रूप में विद्यमान होती है जो नकारात्मक विचार उत्पन्न कर सकती है l

अपनी तुलना दूसरों से कभी नहीं करें -  आपका यह जीवन प्रकृति का अमूल्य उपहार है l आप प्रकृति की एक सर्वश्रेष्ट रचना हैं l संसार में प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से अलग है सबकी अपनी अलग अलग विशिष्टताएं हैं l अपनी तुलना कभी किसी दूसरे व्यक्ति से करने की कोशिश नहीं करें l ऐसी स्थिति में अगर आप अपनी तुलना अपने से किसी कमजोर व्यक्ति से कर रहें है तो आप में अहं भाव उत्पन्न होगा और अगर आप अपनी तुलना अपने से किसी ताकतवर या प्रतिभाशाली व्यक्ति से कर रहें हैं तो आपके मन में नकारात्मक विचार आयेंगे और आप प्रतिस्पर्धा और इर्ष्या के कारण हताशा के शिकार हो सकते हैं l अतः हमेशा अपने सामर्थ्य के अनुसार कार्य करें तथा उससे प्राप्त परिणामों से संतुष्ट रहने की कोशिश करें l ऐसा करने से नकारात्मक विचार आप पर कभी हावी नहीं हो सकते हैं l

नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदलें – मस्तिष्क में सकारात्मक  विचारों का आना भी उतना ही स्वाभाविक है जितना कि आशा के अनुकूल परिणाम नहीं आने पर नकारात्मक विचारों का आना l अतः ज्यों ही आपको ऐसा लगे कि मेरे दिमाग में बुरे ख्याल आ रहें हैं उनकी जगह अच्छे ख्याल लाना शुरू कर दें l प्रारंभिक अवस्था में यह थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन निरंतर अभ्यास करने से आप इसमें बहुत जल्द ही मास्टरी हासिल कर लेंगे l ऐसी बात नहीं है कि आगे आपके मन में नकारात्मक विचार नहीं आयेंगे लेकिन तब तक आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदलने की पूरी प्रक्रिया को अच्छी तरह समझ चुके होंगे l

दूसरों की मदद लेने में संकोच न करें – हर किसी के जीवन में कठिन परिस्थितियां आती हैं और उन परिस्थितियों का सामना हमें डंटकर करना चाहिए l इसके लिए हमें अगर किसी की मदद भी लेनी पड़े तो हमें संकोच नहीं करना चाहिए l समाज में हर काम हम अकेले नहीं कर सकते l  एक दूसरे के परस्पर सहयोग से ही समाज और जिन्दगी सुचारू रूप से चलती है l अगर कोई व्यक्ति आपकी मदद करता है इसका अभिप्राय यह नहीं की आप कमजोर या असमर्थ हैं l ध्यान रखें जीवन में कुछ ऐसे कार्य हैं जो आपको एक दूसरे के सहयोग से ही पूरा करना पड़ता है l अपने बुरे समय में अपने मित्रों सहयोगियों और दोस्तों की सहायता लेने से आपको अपने भावनात्मक बोझ से छुटकारा मिलेगा l

अपने गुस्से को सकारात्मक दिशा दें – मन के अनुकूल काम नहीं होने पर गुस्सा आना स्वाभविक है l लेकिन गुस्सा आने पर उसका सही तरीके से शमन नहीं करने पर जीवन में बहुत सारी विकट परिस्थितियों के साथ साथ पश्चाताप की अग्नि में जलना पड़ता है l अतः गुस्सा आने पर यह समझने की कोशिश करें कि  यह स्वाभाविक है तथा उसे शांत करे, उसके आवेग में बहें नहीं वर्ना बाद में आपको इस बात का एहसास होगा कि उस समय मैंने गलत किया, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था l ऐसे विचार आपमें नकारात्मक विचारों को उत्पन्न करेंगे l अतः हमेशा अपने गुस्से पर काबू रखें l

हमेशा वर्तमान में जीने की कोशिश करें  – हमारा पिछला समय बीत चूका है l हम चाहकर भी पुनः उस पल को नहीं जी सकते हैं l भविष्य में क्या होगा यह पूरी तरह आपके आज पर निर्भर करता है l अतः भविष्य की चिंता कर अपना वर्तमान कभी भी नष्ट नहीं करें l एक कॉलेज छात्र के रूप में अगर आपने समुचित अध्ययन नहीं किया है तो अब उसकी चिंता मत करें l अब आप आज से ही अपने मिशन पर लग जाएं तो अवश्य ही आप अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे l अगर आप ऐसा सोचते रहें कि मैंने तो पहले मेहनत नहीं किया अब क्या हो सकता है ? इससे आपका भविष्य भी प्रभावित होगा l अतः वर्तमान में रहते हुए अपने कर्तब्यों का पालन कर अपने करियर के लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश करें l

नियमित व्यायाम,भरपूर नींद एवं उचित खानपान पर ध्यान दें – नकारात्मक विचारों से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें, भरपूर नींद लें और पौष्टिक भोजन करें l नियमित व्यायाम और भरपूर नींद लेने से नकारात्मक विचार बहुत कम आते हैं l शरीर में कुछ जरुरी विटामिन और प्रोटीन की कमी से भी नकारात्मक विचार आते हैं l अतः खान पान का पूरा ध्यान रखें, उसे कभी नजरअंदाज न करें l

एक कॉलेज छात्र के रूप में अपने निर्धारित किये गए करियर लक्ष्यों को पूरे उत्साह के साथ प्राप्त करने में सहयोगी इन आवश्यक टिप्स को अपनाइए l नकारात्मक विचार आपके जेहन (मन) में आयेंगे ही नहीं और परिस्थिति बस आ भी गए तो बहुत जल्द छू मंतर हो जाएंगे l

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