ये हमारे देश की सिविल सेवा परीक्षा का ही लक्षण है कि कोई भी प्रतिभावान व्यक्ति किसी भी शहर, ताल्लुका या गाँव से आकर भी इस देश की सर्वोच्च परीक्षा पास कर सकता है. यूँ तो हर साल कोई न कोई टॉप करता है और लगभग एक हजार अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा में उत्तीर्ण भी होते हैं परन्तु कुछ लोगों का जीवन बहुत ही प्रेरणादाई होता है और जो सभी को पता चलनी चाहिए. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं हरवीर सिंह.
राजस्थान से हर साल बहुत से अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा पास करते हैं परन्तु ये बहुत ही प्रशंसनीय है की जिन परिस्तिथियों में हरवीर सिंह ने यह परीक्षा पास की है वो सभी सफलताओं में अपना एक अलग स्थान रखती है . नागौर जिले में गिंगोली के रहने वाले हरवीर सिंह ने सिविल सेवा परीक्षा 2017 में 253वीं रैंक हासिल की है। हाल ही में जारी कैडर एलोकेशन लिस्ट में उन्हें IFS(Indian Foreign Services) प्राप्त हुई है.
एक समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार उन्होंने 8th क्लास के बाद पैसे न होने के कारण काफी समय तक मार्बल घिसाई का काम भी किया था. पैसा एकत्र हो जाने के बाद वापस अपनी पढ़ी पूरी की.
ऐसा कम ही देखने को मिलता है की इतनी विषम परिस्थियों के होते हुए भी कोई इतनी सफलता प्राप्त कर सके. हरवीर ने इतनी कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी अपने अथक प्रयासों से सिविल सेवा परीक्षा 2017 में 253 रैंक प्राप्त की है जो की एक मिसाल है.
ऐसा नहीं है की ये सिविल सेवा परीक्षा में उनका प्रथम प्रयास था इससे पहले सिविल सेवा परीक्षा 2016 में उन्होंने 1017वीं रैंक हासिल कर रक्षा मंत्रालय में नौकरी ले ली थी । लेकिन अपनी रैंक सुधारने के लिए इन्होने प्रयास नहीं छोड़ा तथा वर्ष 2017 253वीं रैंक हासिल की है . उन्होंने कुछ समय के लिए दिल्ली में IAS के अभ्यर्थियों को पढाया भी है. अपने प्रयासों के साथ साथ वह परिवार के त्याग तथा कठिन परिश्रम को भी अपनी सफलता में श्रेय देते हैं.
पढ़ाई के पैसे के अभाव में भी हरवीर ने 10th बोर्ड की परीक्षा की तैयारी की और 80% मार्क्स के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की । फिर गिंगोली के परबतसर से 12th की पढ़ाई पूरी की।
सिविल सेवा में सिलेक्शन से पहले
• उन्होंने NDA परीक्षा में भी प्रयास किया था लेकिन मेडिकल में अनफिट होने के कारण उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया.
• 2005 में नीट मुंबई में राष्ट्रीय परीक्षा में ऑल इंडिया 30th रैंक हासिल कर उसमें एडमिशन लिया।
• CAT के माध्यम से IIM इंदौर में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। - यहां से हरवीर ने एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद मदर डेयरी, दिल्ली में नौकरी करने लगे।
हरवीर सिंह अन्य अभ्यर्थियों को ये सन्देश भी देते हैं कि सफलता कितने प्रयास में मिलेगी यह निश्चित नहीं है इसलिए प्रयास करते रहना चाहिए. निरंतर प्रयास से ही सफलता मिलती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation