IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा के लिए कई युवा मोटी रकम खर्च कर महंगी कोचिंग में दाखिला लेकर तैयारी करते हैं। वहीं, कुछ युवा होते हैं, जो अपने पास मौजूद संसाधनों के साथ सेल्फ स्टडी करते हैं और देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा के लिए प्रयास करते हैं और सफल भी हो जाते हैं। आज हम आपको राजस्थान के रहने वाले सोहनलाल सिहाग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने कोचिंग के बजाय सेल्फ स्टडी को अपनी तैयारी का आधार बनाया। वहीं, यूट्यूब से नोट्स तैयार किए और परीक्षा देकर आईएएस अधिकारी बन गए।
सोहनलाल का परिचय
सोहनलाल मूलरूप से राजस्थान के जोधपुर के रामपुरा भाटियान के रहने वाले हैं। उन्होंने सीकर के एक निजी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की तैयारी की, जिसके बाद उनका दाखिला आईआईटी दिल्ली में हो गया था। यहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशंस इंजीनियरिंग में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। सोहनलाल के पिता गोरधन राम खेती करते हैं, जबकि माता मनरेगा में मजदूरी कर चुकी हैं।
कैंपस प्लेसमेंट में नहीं लिया हिस्सा
सोहनलाल जब आईआईटी में पढ़ रहे थे, तब उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था। ऐसे में जब पढ़ाई पूरी होने पर कैंपस प्लेसमेंट का नंबर आया तो, उन्होंने कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया।
पहली बार में इंटरव्यू में फेल
सोहनलाल ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी की और अपना पहला प्रयास किया। हालांकि, वह अपने पहले प्रयास में सिविल सेवा में पास होने में असफल रहे। वह प्रीलिम्स और मेंस को पास कर इंटरव्यू तक पहुंच गए थे, लेकिन इंटरव्यू में असफल हो गए थे।
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रेलवे की मिली जॉब
सोहनलाल ने हार न मानते हुए परीक्षा की तैयारी जारी रखी। उन्होंने फिर से तैयारी की और इस बार वह परीक्षा पास करने में सफल रहे। हालांकि, उन्हें आईएएस नहीं बल्कि रेलवे की नौकरी मिली। वह इससे खुश नहीं थे, ऐसे में उन्होंने फिर से परीक्षा देने का निर्णय लिया।
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चौथे प्रयास में आईएएस
सोहनलाल ने जब अपना चौथा प्रयास किया, तब उन्होंने पहले के मुकाबले प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अच्छे अंक प्राप्त किए। उन्हें इस बार 681वीं रैंक मिली और वह आईएएस अधिकारी बन गए।
यूट्यूब से बनाए नोट्स
सोहनलाल प्रतिदिन सात से आठ घंटे पढ़ा करते थे। उन्होंने कोचिंग लेने के बजाय खुद से ही तैयारी करने का निर्णय लिया था। वह यूट्यूब पर शैक्षणिक वीडियो देखकर नोट्स बनाया करते थे। इसके साथ ही ऑनलाइन सामाग्री के माध्यम से अपनी तैयारी को धार देते थे। अंत में उन्होंने सफलता का स्वाद चखा।
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