इस आर्टिकल को पढ़ने से पहले एक बार इस बात पर जरुर विचार करें कि, क्या आप अपनी सीमा से अधिक बचत कर रहे हैं? इसे अनावश्यक कारणों से जमाखोरी या धन संचय करना कहते हैं जो आपके लिए फायदे से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. लेकिन, सबसे पहले तो आप बचत और जमाखोरी में अंतर को अच्छी तरह से जरुर समझ लें. बचत करना एक बात है और पैसे के लिए पागल होकर, अपनी जरूरतों को भी नजरअंदाज करके बचत करना बिलकुल दूसरी बात है. जमाखोरी के कुछ लक्षण हैं: पैसा खर्च करने में घबराहट, किसी और को पैसे देने में (यहां तक कि सही कारण के लिए भी) असमर्थता, बचाए गए धन का रिकॉर्ड रखने में असमर्थता और अपनी बचत को व्यवस्थित करने में असमर्थता, पैसा खर्च करते समय संदेह होना और पैसा खर्च करते समय निर्णय लेने की क्षमता में कमी.
किसी जमाखोर (कंजूस) के लिए धन की बचत उसके जीवन का आधार होती है. हालांकि, प्रत्येक माह कुछ बचत करना महत्त्वपूर्ण है लेकिन, पैसे खर्च करने के मामले में ऐसी संदिग्ध राय रखना कि, इसे खर्च करना एक मनोवैज्ञानिक विकार है.
आइए इस आर्टिकल में हम पहले किसी जमाखोर के लक्षणों के बारे में जानकारी हासिल करें और समय रहते इन लक्षणों से खुद को बचा लें:
कभी न करें सिर्फ बचत के लिए ही बचत
सबसे पहले, आप खुद से यह से पूछें कि, क्या आप किसी उद्देश्य के लिए बचत कर रहे हैं या सिर्फ बचत करने के लिए ही अपने पैसे बचा रहे हैं? मान लीजिए, आप 50,000 रुपये प्रति माह कमा रहे हैं. लेकिन, आप हरेक माह अपनी सारी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मात्र एक छोटी राशि अर्थात 10,000 रुपये ही खर्च करते हैं और अपनी अनेक ज़रूरतों से समझौता कर लेते हैं ताकि आप शेष सारी राशि बचा सकें. यह एक गंभीर समस्या है.
इसलिए, आप हरेक माह अपना बजट जरुर तैयार करें, अपनी बुनियादी और विविध जरूरतों का पता लगाएं और फिर, अपनी सभी जरूरतों को ठीक से पूरा करने के लिए खर्च और बचत करना शुरू करें. यह आपको अपना वर्तमान जीवन खुशी से जीने में मदद करेगा और भविष्य के बचत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी आप हरेक माह कुछ बचत अवश्य कर सकेंगे.
जरूरत से ज्यादा पैसा बचाने के हैं लाभ या हानि
क्या आप भविष्य की जरूरतों के लिए लॉकर में पहले से ही पर्याप्त धन होने पर भी बचत के लिए धन इकट्ठा करते रहते हैं? यह आपकी बिल्कुल भी अच्छी आदत नहीं है, क्योंकि इस धन का उपयोग वर्तमान में किसी अन्य महत्त्वपूर्ण चीज के लिए किया जा सकता है. अपनी कमाई के अनुसार, बचत योजनाओं का पता लगाने के लिए ऑनलाइन बचत और निवेश कैलकुलेटर का उपयोग करना शुरू करें. इस तरह आप रिटायरमेंट के समय मासिक खर्च और भविष्य की बचत के लिए बजट प्लान कर पाएंगे. ऐसा करने से आप अपने वर्तमान जीवन की सही तरह से देखभाल कर सकते हैं और भविष्य की जरूरतों के लिए भी पैसे बचा सकते हैं. आइये अब अत्यधिक बचत या जमाखोरी के लक्षणों को समझें:
- अपनी किसी जरूरत के लिए भी पैसा खर्चने की अनिच्छा
अगर आपको अपनी किसी जरूरत के लिए भी अपना पैसा खर्च करने में दर्द या कठिनाई महसूस होती है, तो आपको इसे जल्दी ही ठीक कर लेना चाहिए. यह हमेशा याद रखें कि, पैसे का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए, लेकिन इसका यह मतलब कदापि नहीं है कि, आपको अपनी जरूरतों पर भी अपना पैसा खर्च करना बंद कर देना चाहिए. भविष्य के लिए बचत भी भविष्य की जरूरतों के लिए खर्च की जाएगी, लेकिन आपको अपने धन को हरेक हाल में आखिर खर्च करना ही होगा. अपने भविष्य और वर्तमान की सभी जरूरतों के बीच संतुलन बनाए रखने की आदत डालें और उसी के अनुसार, आप अपने पैसे खर्च करना और बचत करना शुरू करें. यह आपके जीवन को एक ही समय में बेहतर, सुखी और सुरक्षित बना देगा. पैसे कमाएं, खर्च करें और फिर, प्रत्येक माह कुछ पैसे जरुर बचाएं.
- धन संबंधी निर्णय लेते समय होती है अनावश्यक चिंता
बेशक! आपका पैसा महत्त्वपूर्ण है, लेकिन हर बार जब आप इसे खर्च करने के बारे में सोचते हैं तो इसके प्रति अत्यंत चिंताग्रस्त या जुनूनी होना बिल्कुल गलत है. यह स्वाभाविक है कि अगर आप हमेशा अपने पैसे या बचत के बारे में ही सोचते रहते हैं, तो आपको पैसे के मामलों में कोई भी महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में कठिनाई होती है और यह आपके लिए जरुर गहन चिंता और तनाव का कारण बनेगा. इसलिए, पैसे के बारे में हमेशा चिंता करना बंद करें, और अपनी वर्तमान और भविष्य की जरूरतों का पता लगाने के लिए अपनी खुद की वित्तीय योजना तैयार करने के बारे में सोचें. इस योजना के आधार पर आप अपने जीवन में स्थिरता और स्वतंत्रता लाने के लिए अपने पैसे खर्च भी करें और बचाएं भी. इसके अलावा, बिना किसी उद्देश्य के धन संचय न करें, अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इसका उपयोग करें और फिर अपनी भविष्य की जरूरतों को देखते हुए कुछ बचत भी जरुर करें.
जरूरत से ज्यादा बचत और जमाखोरी को अपने लाइफ स्टाइल में न करें शामिल
आप कभी भी जरूरत से ज्यादा बचत करने के लिए अपने मौजूदा लाइफ स्टाइल से समझौता न करें. अकारण धन संचय करके आप अपनी वर्तमान जरूरतों के साथ अनावश्यक समझौता करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं. इससे आपको बेकार का तनाव और चिंता हो सकती है. इसलिए, अपनी वर्तमान जरूरतों के लिए पैसा खर्च करते समय डरें नहीं और फिर, बचे हुए पैसे को भविष्य के लिए सहेजना शुरू करें. इस तरह आप एक ही समय में अपना भविष्य सुरक्षित करते हुए, तनाव मुक्त और खुश रह सकेंगे.
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