प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मद्रास विद्यार्थियों को M.A में दाखिला देने के लिए ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस एंट्रेंस एग्जाम (HSEE) कंडक्ट करता है. जिन विद्यार्थियों के कक्षा 12 वीं में 60 प्रतिशत (आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए 55 प्रतिशत) मार्क्स आते हैं, वो इस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह परीक्षा पूरी तरह से कंप्यूटर बेस्ड होती है. यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष अप्रैल के दूसरे या तीसरे सप्ताह में होती है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास में केवल M.A ही एक ऐसा कोर्स है जिसमें ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस के फील्ड में विद्यार्थियों को 5 वर्ष के इंटीग्रेटेड मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिला दिया जाता है.
इस वर्ष 40 सीटों के लिए HSEE 2018 की परीक्षा 15 अप्रैल को हुई थी जिसका परिणाम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास ने घोषित कर दिया है. इस परीक्षा में ग्वालियर के एक छात्र इस्माइल सिद्दीकी ने टॉप किया है. इस्माइल ने इस परीक्षा की तैयारी कक्षा 10 वीं से ही शुरू कर दी थी और दो वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने पहला स्थान हासिल किया है.
उन्होंने यह भी बताया कि कक्षा 12 वीं में पर्यावरण विषय के नहीं होने के कारण उन्हें HSEE 2018 की परीक्षा की तैयारी करने के लिए कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस विषय को पढ़ने के लिए उन्होंने इन्टरनेट पर कई वेबसाइट की सहायता ली. ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंस एंट्रेंस एग्जाम (HSEE) में अच्छे मार्क्स लाने के लिए वो दिन में 1 घंटे का समय सामान्य विज्ञान को देते थे. इसके साथ-साथ इन्टरनेट पर प्रत्येक दिन बहुत से नए टॉपिक्स भी पढ़ते थे.
HSEE 2018 पेपर पैटर्न:
- इस परीक्षा में दो पेपर थे.
- पेपर-1 में बहुविकल्पी प्रश्न आये थे जिन्हें 150 मिनट्स में पूरा करना था.
- पेपर-2 सब्जेक्टिव था जिसमें विद्यार्थियों को 30 मिनट्स में 1 निबंध लिखना था.
- दोनों पेपर का माध्यम इंग्लिश था.
क्या आप भी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज या स्ट्रीम में से किसी 1 को चुनने को लेकर कन्फ्यूज्ड हैं?
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