आज, कम्पनियां उन उम्मीदवारों की मांग कर रही हैं जो न केवल कुशल हैं बल्कि ईमानदार भी हैं और उनका व्यवहार भी अच्छा हो . लेकिन एक उम्मीदवार के इन सूक्ष्म गुणों के बारे में 15 मिनट साक्षात्कार में पता लगा पाना बहुत मुश्किल काम है. परन्तु ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका साइकोमेट्रिक टेस्ट है. इसीलिए आइये जानते हैं कि कंपनियां क्यों साइकोमेट्रिक टेस्ट लेतीं हैं ?
एक स्पष्ट उद्देश्य के साथ व्यावहारिक इंटरव्यू के लिए
इंटरव्यू की प्रक्रिया में साइकोमेट्रिक टेस्ट लेने का पहला कारण है भर्ती प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार करना क्योकि साइकोमेट्रिक टेस्ट में ऐसे कई वैज्ञानिक प्रामाण हैं जो उम्मीदवार के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करते हैं. इसके माध्यम से हम ये जान सकते हैं कि उम्मीदवार के अन्दर काम को सँभालने की काबिलियत है या नहीं, टीम की गतिविधियों में काम करने का गुण है या नही, तथा तीव्र दबाव और कठिन समस्याओं के लिए विश्लेषणात्मक समाधान ढूंढ पाने की काबिलियत है या नहीं.
यह टेस्ट भरोसेमंद होती हैअत्याधुनिक साइकोमेट्रिक टेस्ट डिजाइनों में कोई फिक्स्ड पैटर्न नहीं होता है इसीलिए इनका जवाब उम्मीदवार तुक्का मार कर या रटे-रटाये ढंग से दे सके. ऐसे प्रश्नपत्रों में, उम्मीदवारों को ईमानदारी से जवाब देने के लिए मजबूर किया जाता है और प्रश्न पत्र में हेरफेर करने के किसी भी प्रयास को तुरंत साक्षात्कारकर्ता द्वारा देखा जा सकता है. नियोक्ता ये भी चाहते हैं कि साक्षात्कार के लिए आने वाले उम्मीदवार ईमानदार हों.
साइकोमेट्रिक टेस्ट में कम समय लगता है
साक्षात्कारकर्ताओं को एक निश्चित समय सीमा के अन्दर उम्मीदवारों का चयन करना होता है. साइकोमेट्रिक परीक्षण एक उम्मीदवार के वास्तविक प्रकृति और कौशल के बारे में जानने का सबसे अच्छा तरीका है. साक्षात्कारकर्ता केवल व्यक्तिगत धारणा बनाने के बजाय प्रदर्शन रिपोर्ट को जांच सकते हैं. इन रिपोर्टों से उन्हें आवेदक के मजबूत और कमजोर क्षेत्रों की प्रासंगिक जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी.
गलती करने की संभावना कम है
अधिकतर साक्षात्कार कम प्रामाणिक होते हैं क्योंकि उनमें उम्मीदवार का चयन इंटरव्यूवर के अनुमान पर आधारित होता है. जैसा कि हमें पता है, व्यवहारिक गुणों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है और कौशल को समय की थोड़ी अवधि में भी मापा जा सकता है. इसीलिए ऐसी स्थिति में साइकोमेट्रिक टेस्ट आवेदक की क्षमता के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी प्रदान करते हैं.
निष्पक्ष इंटरव्यू संभव है
साइकोमेट्रिक टेस्ट जाति, धर्म, लिंग और धर्म से मुक्त होते हैं क्योंकि ऐसे टेस्टविशुद्ध रूप से विश्लेषणात्मक प्रश्नों पर आधारित होते हैं, जिनका जवाब खुद के तर्क के अनुसार देना होता है और इन परिणामों के आधार पर, साक्षात्कारकर्ता सही निर्णय लेने वाले उम्मीदवारों का चयन करते हैं. इसके अलावा साइकोमेट्रिक टेस्ट एक कंपनी की अच्छे उम्मीदवार की तलाश के उद्देश्य के साथन्याय करता है और इसकी मदद से एक आदर्श कर्मचारी की भर्ती की जा सकती है.
आवेदक की इच्छा की जांच करता है
नौकरी के लिए आवेदन करने से महत्वपूर्ण नौकरी के लिए होने वाले टेस्ट से गुजरना होता है और एक उम्मीदवार के नजरिये से आपको यह समझने की जरूरत है कि एक साइकोमेट्रिक टेस्ट की क्यों आवश्यकता होती है. ?अगर कोई उम्मीदवार टेस्ट दे रहा है तो इसका मतलब है कि वह अपनी नौकरी के लिए प्रतिबद्ध है और संबंधित प्रोफाइल पर काम करना चाहता है.
यही कारण है कि जब किसी कर्मचारी को काम पर रखने की बात आती है तो साइकोमेट्रिक परीक्षण पर जोर दिया जाता है.नौकरी खोजने वाले आवेदक के रूप में आपको एक नियोक्ता की साइकोमेट्रिक टेस्ट लेने की इच्छा के पीछे के कारणों का भी पता होना चाहिए. यदि आपके पास इस विषय में कुछ कहना है, तो कृपया नीचे दिए गए कमेन् बॉक्स में अपने विचारों को शेयर करने में संकोच न करें.
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