पॉज़िटिव इंडिया: कैसे अंधविश्वास छोड़कर हम बन सकते हैं सफल? शिव खेड़ा से जानिये

Mar 25, 2020, 16:16 IST

अक्सर हम अपने जीवन में अंधविश्वासों के शिकार होते हैं जिससे हमारे सोचने और समझने की क्षमता समाप्त हो जाती है. लेकिन अपने जीवन में सफल होने के लिए आपको अपनी सूझ-बूझ से काम लेना होता है. इस आर्टिकल में शिव खेड़ा से जानिये कैसे अंधविश्वास छोड़कर आप एक सफल इंसान बन सकते हैं.

हम अपने जीवन में कुछ विश्वास और मान्यताओं के आधार पर अपने सारे कामकाज करते हैं. अब अगर हमारे ये विश्वास और मान्यताएं प्रेरणादायक होते हैं तो हम सतत प्रगति करते हैं और हमारे व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास होता है लेकिन, अगर कहीं गलती से हमारे ये विश्वास नेगेटिव हों अर्थात रूढ़ियों पर आधारित हों तो फिर, सफलता पाने के हमारे सारे रास्ते ही बंद हो जाते हैं. विश्वविख्यात मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा के मुताबिक, हम और हमारा परिवार, रिश्तेदार या दोस्त कई किस्म के अंधविश्वासों जैसेकि - बिल्ली का रास्ता काट जाना, छीक पड़ना, नजर लगना, शीशा टूटना, दूध उबल कर गिरना और किसी व्यक्ति की कुंडली पर राहू, केतु, शनि या मंगल का प्रकोप आदि - के शिकार हैं. शिव खेड़ा के मुताबिक, अमरीका में तो शनि का प्रकोप नहीं दिखता? या सारे आतंकवादियों को समाप्त करने के लिए हम क्यों शनि का सहारा नहीं लेते हैं? दरअसल, सच्चाई इसके ठीक विपरीत है. हमें अगर अपने जीवन में सफलता हासिल करनी है तो सारे अंधविश्वास छोड़कर कर्म मार्ग अपनाना होगा. जब हम अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना शुरू करेंगे केवल तभी हम सफलता का मुकाम हासिल कर सकेंगे. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:

  • असफल लोग हमेशा अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करते हैं

विश्वविख्यात मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा के मुताबिक, असफल लोग कभी भी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते और अपनी सारी असफलता के लिए सारा दोष अपने पेरेंट्स, टीचर्स या फिर अन्य लोगों पर डालते रहते हैं. ऐसे लोग ग्रह-नक्षत्रों पर भी अपनी असफलता का दोष लगाते हैं. ऐसे लोग खाली बैठ कर जन्मपत्रियां या नक्षत्र देखते रहते हैं और कोई दुःख या परेशानी आने पर अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए अक्सर यह कहते हैं कि, इस समय हमारे सितारे ख़राब चल रहे हैं. ज्योतिषी भी इन लोगों के भरोसे अपना कारोबार चलाते हैं.

  • शनि का डर और उससे बचने के यत्न

हमारे देश में लोग शनि के प्रकोप से डरकर उससे बचने के लिए भांति-भांति के यत्न करते हैं जैसे - काला रुमाल लेकर उसमें काली दाल डालो, उसे काजल लगाओ और फिर, किसी काले बाल वाले की खोपड़ी में 6 बार घुमाओ. इसी तरह, काला कुत्ता खोजो या काला बर्तन लाओ आदि. लेकिन शिव खेड़ा के अनुसार शनि अपना प्रकोप अमरीका पर कभी नहीं दिखाता या हम आखिर शनि का सहारा लेकर सारे आतंकवादियों को समाप्त क्यों नहीं कर देते?.

  • अगर बिल्ली रास्ता काटे तो

बहुत बार जब हम अपने घर से बाहर निकलते हैं और अचानक बिल्ली हमारा रास्ता काट जाए तो हम बहुत चिंतित और परेशान हो जाते हैं. हमें पक्का यकीन हो जाता है कि अब हमारा काम नहीं बनेगा. सुप्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा ने भी बिल्ली के रास्ता काटने को लेकर अपना व्यक्तिगत उदाहरण देकर हमें इस अंधविश्वास से बचने की सलाह दी है.

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  • सिख समुदाय रहता है अंधविश्वास से दूर

सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानकदेव जी ने भी एक बार हरिद्वार में लोगों के अंधविश्वास को समाप्त करने के लिए हरिद्वार से ही पंजाब में अपने खेतों को पानी देकर, अपने पूर्वजों को परलोक में पानी पिलाने वाले लोगों को बड़ा ही सटीक जवाब दिया था कि, ‘जब आप लोगों का पानी दूसरे लोक तक पहुंच सकता है तो मेरा पानी मेरे खेतों तक क्यों नहीं पहुंच सकता?’ गुरु नानकदेव जी ने सच्चे अर्थों में अपने समय के समाज में फैले सभी अंधविश्वासों का खंडन किया था. इसलिए, सिख समुदाय में अब न लोग पत्रियां मिलाते हैं, न कोई व्यक्ति मंगलिक होता है. शादी के लिए भी कोई महूर्त नहीं निकालते लेकिन उनका सब बढ़िया चलता है. 

  • असफल होने पर हम देते हैं अपने सितारों को दोष

शिव खेड़ा के अनुसार, जब भी हम असफल होते हैं तो यह जानने की कोशिश तो कभी नहीं करते कि हमारी मेहतन में कहां कमी रह गई बल्कि हम अपनी असफलता के लिए अपने भाग्य या सितारों पर सारा दोष मंड देते हैं लेकिन अगर हम अपने जीवन में कर्म मार्ग को चुन लें और किसी भी काम में सफल होने के लिए अपनी तरफ़ से पूरा प्रयास करें तो फिर, हमारे विचार या जीवन को देखने का नजरिया ही बदल जाएगा और हम यह मानने लग जायेंगे कि, किस्मत भी केवल उन लोगों का साथ देती है जो लोग मेहनती होते हैं.

  • अंधविश्वास ने बदला हमारा इतिहास

हमारे देश के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जब शुभ मुहूर्त के चक्र में हमें असफलता का मूंह देखना पड़ा. पानीपत जैसी कई लड़ाइयों में मुगलों से कई गुना ज्यादा फ़ौज होने पर भी ज्योतिषी के कहने पर हमने पहले हमला नहीं किया और दुश्मन ने हमें करारी मात दी क्योंकि वे अंधविश्वासी नहीं थे.

पॉज़िटिव इंडिया: आखिर क्या है सफ़लता का राज़? जानिये शिव खेड़ा से

  • विश्वास है जरुरी, अंधविश्वास नहीं

अगर हम अपने जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो हमें सभी किस्म के अंधविश्वासों को छोड़ना ही होगा. बेशक आत्मविश्वास और विश्वास हमारे हौसले बुलंद करता है लेकिन अंधविश्वास तो हमारे जीवन जीने के अंदाज़ पर अपना घातक असर डालता है. किसी भी प्रकार के छोटे या बड़े अंधविश्वास से हमारा कभी भी भला नहीं होता. हमारे लिए आस्था और विश्वास जरुरी है, अंधविश्वास नहीं. इसलिए, इन दिनों जब हम तनावपूर्ण परिस्थतियों का सामना कर रहे हैं तो हमें अपना हौसला बुलंद रखना चाहिए और सभी अंधविश्वास और रूढ़ियां छोड़कर, पॉज़िटिव एटीट्यूड, क्रिएटिविटी और मेहनत करके जीवन में आशा और विश्वास का दामन थामे रखना चाहिए. केवल तभी हम एक कामयाब इंसान बन सकेंगे.  

अंधविश्वास छोड़ें, सफल बनें | Shiv Khera | Safalta Ki Raah Par | Episode 3

इस श्रृंखला में अगली बार हम शिव खेड़ा से जानेंगे कि विजेता ऐसा क्या करते हैं जो अपने जीवन में सफलता हासिल कर लेते हैं? हमारे साथ अपने विचार जरुर साझा करें. हम जल्दी लौटेंगे इस श्रृंखला की अगली कड़ी के साथ.

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