बोर्ड एग्जाम शुरू होने में अब मात्र कुछ महीनों का समय रह गया है और यह समय 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए सबसे तनावपूर्ण समय होता है l
वैसे तो भारत में एक से बढ़कर एक कठिन एग्जाम होते हैं पर ज़्यादातर छात्रों को बोर्ड एग्जाम से ही सबसे ज़्यादा डर लगता है l
क्या अपने कभी सोचा है कि परीक्षा से पहले किस तरह के डर छात्रों को सताते हैं? क्यों विद्यार्थियों को बोर्ड एग्जाम से सबसे ज़्यादा डर लगता है? इस डर का उनके दिमाग पर क्या असर पड़ता है? अगर नहीं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है l
इस आर्टिकल के द्वारा आज हम जानेंगे कि विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा से डर क्यों लगता है और वह इससे बचने के लिए क्या करें
(1) स्कूल और अभिभावकों का अत्यधिक दबाव -
अक्सर अभिभावक अपने बच्चों से (खासकर जो 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे होंगे) ये कहते मिल जाएंगे कि बोर्ड एग्जाम को हल्के में न लो या बोर्ड एग्जाम के लिए पढ़ाई कर लो इसके बाद जितना मन हो खेलना या जो मन में आए वो करना l
इस तरह की बातें कभी-कभी विद्यार्थियों के मन में विपरीत प्रभाव डालती हैं l विद्यार्थियों को यह लगने लगता है कि उनकी ज़िन्दगी इस बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट पर टिकी है l
बोर्ड एग्जाम कि तैयारी के लिए विद्यर्थियों को प्रोत्साहित करना अच्छी बात है मगर अत्यधिक दबाव बुरा असर डालती हैं l जिसकी वजह से विद्यार्थियों को बोर्ड एग्जाम से डर लगने लगता है l इस डर की वजह से कभी-कभी छात्र एग्जाम के दौरान सब आते हुए भी भूलने लगते हैं l
कैसे बचे इस डर से
अभिभावकों को ज़रूरत है कि वो अपने बच्चों की अच्छे से काउंसलिंग करें l वो विद्यार्थियों को समझाएं कि ख़राब रिजल्ट उनके करियर पर क्या प्रभाव डाल सकता है l
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(2) पुराने साल के पेपर्स को सॉल्व न करना -
बहुत से छात्र ऐसे होते हैं जो पूरे साल अच्छे से पढ़ाई करते है, प्री बोर्ड परीक्षा देते हैं मगर पुराने साल के पेपर्स हल नहीं करते या करते भी हैं तो बहुत कम l इस वजह से विद्यार्थियों को सब आते हुए भी बोर्ड एग्जाम से डर लगता है l
कैसे बचे इस डर से
इस डर से बचना बहुत आसान है विद्यार्थी एग्जाम से 1 या 2 महीनें पहले बोर्ड एग्जाम के पाँच से दस साल के पेपर्स ज़रूर हल करें l पुराने साल के पेपर्स हल करने से विद्यार्थियों में कॉन्फिडेंस आता है l बोर्ड एग्जाम में अक्सर प्रश्न और कांसेप्ट रिपीट होते हैं इसलिए पुराने साल के पेपर्स हल करना ज़रूरी भी है l
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(3) प्रैक्टिस की कमी -
NCERT किताबों के हर चैप्टर के पीछे दी गयी एक्सरसाइज लगाने के आलावा विद्यार्थियों को क्वेश्चन बैंक और सैंपल पेपर से भी प्रैक्टिस ज़रूर करनी चाहिए l
कई बार एक ही कंसेप्ट्स से घुमा-फिर कर कई सवाल बनते हैं l कुछ छात्रों से अगर आसान सा सवाल घुमा फिर कर पूछां जाए तो उन्हें कभी-कभार वह सवाल समझने में दिक्कत होती है l ऐसे विद्यार्थी अगर प्री बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो उन्हें बोर्ड एग्जाम से डर लगने लगता है l
कैसे बचे इस डर से
क्वेश्चन बैंक और सैंपल पेपर्स में एक ही कांसेप्ट को घुमा फिरा कर कई बार पुछा जाता है l विद्यार्थियों को जितना ज़्यादा हो सके क्वेश्चन बैंक और सैंपल पेपर्स से प्रैक्टिस करनी चाहिए l ऐसा करने से उन्हें एग्जाम में कोई अपरिचित न दिखें l
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(4) स्कूल के बाहर एग्जाम देने का पहला अनुभव -
स्कूल एग्जाम में विद्यार्थी अपने स्कूल में (अपने परिचित टीचर्स के सामने) पेपर देते हैं l परन्तु बोर्ड एग्जाम में उन्हें एग्जाम सेंटर (दुसरे स्कूल) में जाना पड़ता है l कुछ छात्र नयी जगह में असहज महसूस करते हैं l
परीक्षा के दौरान कभी-कभी निरीक्षक अगर उनके पास आ जाये तो कुछ छात्रों को पेपर हल करने में कठिनाइयां महसूस होने लगती हैं l
कैसे बचे इस डर से
विद्यार्थियों को ज़रूरत है कि वो अपने आपको मानसिक रूप से कहीं भी एग्जाम देने के लिए खुद को तैयार करें l विद्यार्थी अपने रिश्तेदार (या कोई भी नयी जगह) जाकर सैंपल पेपर हल करने की कोशिश करें l प्रैक्टिस से विद्यार्थी अपनी एकाग्रता शक्तिआसानी से सही कर सकते हैं l
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(5) पूरा पेपर हल न कर पाने का डर -
कई बार छात्र इस बात से कि बोर्ड एग्जाम में कठिन पेपर आ जायेगा और हो सकता है वह पूरा पेपर समय से हल न कर पाएं l कुछ छात्रों अक्सर पूरा पेपर हल नहीं पाते और बोर्ड एग्जाम में उन्हें इस बात का डर ज़्यादा सताता है l प्रैक्टिस की कमी ही इस डर का मुख्य कारण हैं l
कैसे बचे इस डर से
इस डर से बचने के लिए विद्यार्थियों को ज़्यादा से ज़्यादा सैंपल पेपर्स हल करने चाहिए l विद्यार्थी चाहें तो Guess Papers की भी मदद ले सकते हैं l नए पेपर्स हल करने से विद्यार्थियों में कॉन्फिडेंस बढ़ता है और उन्हें बेहतर टाइम मैनेजमेन्ट करना भी आ जाता है l
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निष्कर्ष:
ये थे विद्यार्थियों में बोर्ड एग्जाम को लेकर डर के कुछ कारण और उनसे बचने के उपाय l इन उपायों को अगर विद्यार्थी अपनाएंगे तो बोर्ड एग्जाम से उनका भय ख़त्म हो जाएगा l बोर्ड एग्जाम का पेपर इस तरह से सेट किया जाता है कि छात्र 50% से 60% मार्क्स आसानी से हासिल कर लें l इससे जितने ज़्यादा मार्क्स विद्यार्थियों को लाने हैं उतनी ज़्यादा प्रैक्टिस की ज़रूरत उन्हें पड़ेगी l
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