एक बार जब मैं सीएटी वर्बल का क्लास ले रही थी तो किसी छात्र ने मुझसे पूछा कि मैडम ग्रुप डिस्कशन का सबसे अच्छा तरीका क्या है? इसके लिए मेरा उत्तर था - इसके लिए कोई बेहतर तरीका नहीं होता बल्कि उम्मीदवार बेहतर होते हैं. उसने मुझे संदेह की दृष्टि से देखा और अपने प्रश्न के विषय में अनुमान लगाने लगी. लेकिन मैंने ग्रुप डिस्कशन पर बोलना जारी रखा.मैंने कहा यह चर्चा के दौरान क्या बात की जाती है इस पर निर्भर नहीं करता बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि इस दौरान किस तरह से बात की जाती है अथवा बात करने का तरीका क्या होता है? हम यह सोंच लेते हैं कि मैनर सिर्फ टॉयलेट या टेबल तक ही सीमित है. लेकिन ध्यान रखिये मैनर्स ही जिन्दगी बनाते हैं. ग्रुप डिस्कशन सिर्फ आपके नॉलेज का टेस्ट नहीं है. दरअसल यह आपके मैनर्स का टेस्ट होता है. वास्तव में ग्रुप डिस्कशन व्यक्ति के स्किल्स का आकलन होता है. आइये इस विषय में कुछ जानने की कोशिश करते हैं - 1. जीडी के बारे में जानने वाली पहली बात क्या है? मैं, मुझे,मेरा आदि से ऊपर उठकर ग्रुप डिस्कशन के दौरान डिस्कशन से पहले अपने आपको जानने का प्रयास करें. हर चीज की शुरुआत आपसे ही होती है. इसलिए सबसे पहले अपने विषय में पूरी तरह से जानने की कोशिश करें. अपनी ताकत और कमजोरियों को समझना बहुत महत्वपूर्ण है. एक बार आपने अपने गुणों और कमजोरियों को जान लिया तो आप यह निश्चित रूप से जान पाएंगे कि उस ग्रुप डिस्कशन के अनुकूल आपके स्किल्स हैं या नहीं.इसी प्रकार, अपनी कमजोरियों को रेखांकित करें और उसे दूर कर ग्रुप डिस्कशन के उम्मीदों पर खरा उतरने की यथासंभव कोशिश करें. इससे आप आसानी से किसी भी ग्रुप डिस्कशन में अपना प्रभावी छाप छोड़ पाएंगे. 2. जीडी मैनर्स क्या हैं? हंसमुख स्वभाव की अभिव्यक्ति वाला शारीरिक हाव भाव, फोकस्ड माइंड और डिस्कशन के दौरान बोलते समय या अपनी राय देते समय सही शब्दों का चयन, मुख्यतः तीन जीडी मैनर्स हैं. 3. अगर कोई मैनर का पालन न करे और आक्रामक हो जाय तो क्या करें ? अगर ग्रुप डिस्कशन के दौरान ऐसी घटना घटती है तो यह किसी न किसी रूप में आपके लिए फायदेमंद ही साबित होगी तथा आप कम से कम एक नंबर ज्यादा पाने का मौका प्राप्त कर लेंगे.क्योंकि आप इस कमजोरी को उजागर कर सकते हैं और इसे अपनी ताकत में बदल सकते हैं. साथ ही आपकी सटीक शब्दावली आपको ऐसी स्थिति से बचा सकती है. 4. जीडी मैनर्स क्यों महत्वपूर्ण हैं? जीडी मैनर्स जीडी के अभिन्न अंग हैं क्योंकि आपका आकलन इसी के आधार पर किया जाता है अर्थात आपके विषय में कोई भी निर्णय इसी आधार पर लिया जाता है. यह स्वाभाविक है कि आपमें सारे स्किल्स नहीं होंगे लेकिन डिस्कशन के दौरान टेस्ट किये जा रहे महत्वपूर्ण स्किल्स को कैसे प्रदर्शित किया जाए? वास्तव में ग्रुप डिस्कशन सही मैनर्स का उपयोग करते हुए अपने नेतृत्व क्षमता के प्रदर्शन, दूसरों की बात सुनने की कला और अपनी एनालिटिकल स्किल्स की सही प्रस्तुति देने की कला है. उदाहरण के लिए एक अच्छे नेता को अपनी बात कहने के लिए बहुत ऊँची आवाज की जरुरत नहीं होती है उसे तो बस एक सही मुद्दे की तलाश होती है. वे तो सिर्फ सही वजह से सही समय पर सही शब्द का इस्तेमाल करते हैं. 5. जीडी की तैयारी किस तरह करनी चाहिए? जीडी की तैयारी के लिए सबसे अच्छा तरीका है, इसके लिए पहले से ही तैयार रहना. जीडी परीक्षा की तिथि का इन्तजार मत कीजिये. इन्टरव्यू भी ग्रुप डिस्कशन का ही एक रूप है. इसलिए पहले से ही इसके लिए तैयार रहें. इस मामले में एक सलाह दी जाती है कि करेंट अफेयर्स तथा ग्लोबल इश्यूज के बारे में अपडेटेड रहें. इस बात का भी पूरा पूरा ध्यान रखें कि आप सभी टॉपिक की तैयारी नहीं कर सकते.आपको किसी भी विषय पर अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट रखना होगा तथा उसे ही आप जीडी के दौरान क्लियर कर सकते हैं और सामने वाले को समझा सकते हैं. 6. जीडी के दिन याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है? जीडी के दिन याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस प्रश्न पर चर्चा हो रही है उसका सही उत्तर क्या है? परीक्षक आपमें क्या देखना चाहते हैं? इसका जवाब यह है : वे आपको आपके मैनर्स के माध्यम से देखना चाहते हैं. वे आपको आपके शब्दों के माध्यम से जानना चाहते हैं. वे यह भी समझना चाहते हैं कि आप 'मछली बाजार' वाली चर्चा को शांत कैसे करते हैं और इसे तार्किक निष्कर्ष की ओर किस तरह ले जाते हैं? क्या आप इन सभी चीजों के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं? याद रखिये यदि आप किसी चार्चा में पूरी तरह से डुबकी नहीं लगाते(शामिल नहीं होते) तो आप उससे बाहर हो सकते हैं. हम सभी के पास शीघ्रता से काम करने वाला तेज मस्तिष्क के साथ कुछ महत्वपूर्ण स्किल्स हैं. हमें निराश न होते हुए साहस के साथ एक स्पॉटलाइट चुनने और ग्रुप डिस्कशन में खुद को हाइलाइट करने की जरुरत है. |
लेखिका के बारे में: श्रीमती नेहा शर्मा झा एक सीएटी, जीएमएटी, जीआरई, एसएटी, टीओईएफएल, आईईएलटीएस प्रोफेशनल,ईएसएल इंग्लिश ट्रेनर, जीडी/ पीआई इंस्ट्रक्टर, लाइफ स्किल्स कोच, राइटर, कॉन्टेंट राइटर, एजुकेशनल मॉड्यूल्स डिजाइनर, और इंग्लिश लिटरेचर फैकल्टी हैं. उनके पास इंग्लिश विषय में एमए और एमफिल की डिग्रीज हैं और वे एक सर्टिफाइड टीईएसओएल इंस्ट्रक्टर हैं. उन्होंने लाइफ स्किल्स ट्रेनिंग, एंट्रेंस एग्जाम ट्रेनिंग, पर्सनैलिटी मेकओवर, जीडी/ पीआई ट्रेनिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन स्किल्स, सॉफ्ट स्किल्स और कॉरपोरेट ट्रेनिंग आदि विषयों में स्पेशलाइजेशन किया है. उन्होंने एक किताब भी लिखी है जिसका टाइटल है ‘कंट्रोल+ऑल्ट बट डोंट ऑलवेज डिलीट’. |
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