देश सेवा की तमन्ना तथा अनुशासित व मर्यादित जीवन की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए एनडीए हमेशा से नायाब अवसर उपलब्ध कराता रहा है। करियर की सुरक्षा की चाह यदि कम उम्र में ही चाहते हैं, तो फिर एनडीए (सत्र-2010) के कुल 335 (आर्मी-195, नेवी-39, एयर फोर्स-66 तथा नेवल एकेडमी-35) रिक्तियों में से एक पद को प्राप्त करने के लिए अभी से जुट जाइए।
डेट अलर्ट
एनडीए परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 नवंबर 2009 है, जबकि लिखित परीक्षा 18 अप्रैल, 2010 को देश के 22 केंद्रों पर होगी।
आयु सीमा
आवेदन के लिए वे अविवाहित पुरुष योग्य होंगे, जिनका जन्म 2 जनवरी, 1992 के बाद तथा 1 जुलाई 1994 के पहले हुआ हो।
क्वालिफिकेशन
एनडीए आर्मी विंग के लिए किसी भी विषय के साथ 12वीं कक्षा तथा नेवल एवं एयरफोर्स विंग के लिए फिजिक्स एवं मैथमेटिक्स के साथ 12वीं पास होना आवश्यक है। 12वीं परीक्षा में शामिल होने वाले एपियरिंग कैंडिडेट भी इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं, बशर्ते उन्हें एसएसबी के समय 12वीं का पासिंग सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से दिखाना होगा।
परीक्षा स्कीम
एनडीए की लिखित परीक्षा, ढाई-ढाई घंटे की दो सीटिंग में कुल 900 अंकों की होती है। पहली पारी में मैथमैटिक्स (कोड-01)-300 अंकों की परीक्षा होती है। इसके सारे प्रश्न वस्तुनिष्ठ एवं बहु-वैकल्पिक प्रकार के होते हैं। इन विकल्पों में से सही विकल्प को चुनना होता है। लिखित परीक्षा की दूसरी पाली जनरल टेस्ट (कोड-02) 600 अंकों की होती है। इसके तहत सामान्य अंग्रेजी (200 अंक) तथा जनरल नॉलेज (400 अंक) से संबंधित प्रश्न होते हैं। जनरल नॉलेज के अंतर्गत फिजिक्स, केमिस्ट्री, जनरल साइंस, आधुनिक भारत का इतिहास, राजव्यवस्था, सामान्य भूगोल तथा करेंट अफेयर से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्नों में उनका वेटेज क्रमश: 25, 15, 10, 20, 20 तथा 10 फीसदी की होता है। सामान्य अंग्रेजी में ग्रामर व वोकेबलरी टेस्ट सहित अभ्यर्थियों की अंग्रेजी में दक्षता जांच से संबंधित प्रश्न होते हैं।
सिलेबस स्कैन
मैथमेटिक्स पेपर का सिलेबस 11वीं तथा 12वीं कक्षा के सिलेबस पर आधारित है। इसके अंतर्गत एलजेब्रा, मैट्रिसेस , त्रिकोणमिति, डिफरेंशियल कैलकुलस, इंट्रीगरल कैलकुलस, वेक्टर एलजेब्रा, स्टैटिक्स एवं प्रोबेबिलिटी के सेक्शन से प्रश्न पूछे जाते हैं। जनरल नॉलेज के पेपर के तहत भी सारे सेक्शन सिलेबस सहित निर्धारित हैं।
स्ट्रेटेजी
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्येक अभ्यर्थी को प्रथमत: विगत वर्षो में पूछे गए प्रश्नों के अनुसार सिलेबस के प्रत्येक सेक्शन के महत्वपूर्ण एरिया को चिह्नित किया जाना चाहिए। इसके बाद सेक्शन को फोकस करके प्रैक्टिस को गति देना चाहिए। ऐसा करके वे निश्चित रूप से कम समय में लिखित परीक्षा में सफल हो सकते हैं। जैसे एलजेब्रा सेक्शन में एपी, जीपी व एचपी, क्वाड्रेटिक इक्वेशन, परम्युटेशन कॉम्बिनेशन एवं बायनोमियल थ्योरी आदि कुछ महत्वपूर्ण सेक्शन को रेखांकित किया जा सकता है। ठीक उसी तरह कैलकुलस सहित अन्य सेक्शन में भी किया जा सकता है। जनरल नॉलेज की तैयारी के क्रम में अपनी अपनी रुचि व पकड के अनुसार कुछ सेक्शन को चिह्नित करने के अलावा कुछ स्पेसिफिक एरिया को टारगेट करना ज्यादा से ज्यादा फायदा दिला सकता है।
चयन प्रक्रिया
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित अंक लाने के बाद अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित किया जाता है। इसके बाद ही दूसरे स्टेज की प्रक्रिया एसएसबी की शुरुआत होती है। अब अभ्यर्थियों को सर्विस सेलेक्शन बोर्ड यानी कि एसएसबी में पर्सनैलिटी एवं इंटेलीजेंस टेस्ट के दौर से गुजरना होता है। एसएसबी के दौरान अभ्यथिर्यों में मूलत: ऑफिसर्स पोटेंशियलिटी की जांच की जाती है। एसएसबी की पूरी प्रक्रिया काफी रोचक और कुछ हद तक कठिन भी है। इसके अंतर्गत अभ्यर्थियों में सूझ-बूझ, इंटेलीजेंस, कुछ खास परिस्थितियों के संदर्भ में रणनीति कौशल और निर्णय क्षमता की जांच की जाती है। इसके भी दो चरण हैं। पहले दिन मेडिकल व साइकोलॉजी टेस्ट क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को ही अगले दौर के लिए रोका जाता है। इसके बाद उन अभ्यर्थियों को ग्रुप डिस्कशन, विजुअल बेस्ड साइकोलॉजी टेस्ट तथा अंत में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौर से भी गुजरना पडता है। अत: एसएसबी के पूरे दौर में अभ्यर्थियों को ऑफिसर्स क्वालिटी यानि कॉन्फिडेंस लेवल, बोल्डनेस, लीडरशिप क्वालिटी, इंटेलीजेंस आदि गुणों को पूरी दक्षता के साथ बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
(कर्नल सत्संगी एकेडमी, दिल्ली के विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित)
राकेश कुमार
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