जल निकासी व्यवस्था से संबंधित शब्दों की सूची

Feb 15, 2018, 17:40 IST

जल निकासी के स्वरुप उसकी प्रवाह क्षेत्र की स्थलाकृति (topography) द्वारा निर्धारित होती है। जल निकासी व्यवस्था से संबंधित शब्दों की सूची के अनुसार पाठकों को जल निकासी व्यवस्था साथ ही नदियों या नदियों के जल निकासी स्वरुप को भी समझने में सहायता मिलेगी।

A Complete list of Terms related to the Drainage System in Hindi
A Complete list of Terms related to the Drainage System in Hindi

किसी क्षेत्र की सतह या उप-सतह के पानी को प्राकृतिक या कृत्रिम ढंग से हटाना जल निकासी कहलाता है। जल निकासी के स्वरुप उसकी प्रवाह क्षेत्र की स्थलाकृति (topography) द्वारा निर्धारित होती है।

जल निकासी व्यवस्था से संबंधित शब्दों की सूची

जल निकासी व्यवस्था से सम्बंधित शब्द

परिभाषा

नदी का स्रोत

वो स्थान जहां नदी की यात्रा शुरू होती है।

जल विभक्त

एक ऐसी रेखा जो आस-पास के जल प्रवाह को अलग करती है।

संगम

ऐसा स्थान जहाँ एक से अधिक नदियों का प्रवाहो का मिलान होता है।

सहायक नदी

नदी की एक शाखा जो मुख्य नदी में मिल जाती है।

शाखा-नदी

नदी की एक शाखा जो मुख्य धारा से बिमुख हो कर बहती है और फिर से जुड़ती नहीं है।

नदी का मुहाना

ऐसा क्षेत्र जहाँ नदी अपनी यात्रा समाप्त करती है।

नदी क्षेत्र

ऐसा क्षेत्र जहाँ मुख्य तथा उसकी सहायक नदी सीचती है।  

जलग्रहण क्षेत्र

ऐसा क्षेत्र है जहां से बारिश का पानी  नदी, झील या जलाशय में बह जाती है।

जल विभाजक

एक ऐसी भूमि जो  दो समानांतर बहने वाली नदियों को विभाजित कर देती है।

नदी कायाकल्प

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा नदी एक नए आधार स्तर पर नियमित हो जाती है।

नदी के जल की व्यवस्था

यह उस जल को कहते है जो एक वर्ष में  मौसमी प्रवाह की वजह से एक नदी के चैनल बहती रहती है।

नदी निर्वहन

ऐसी जल की मात्रा जो नदी के चैनल में बहती रहती है।

पूर्ववर्ती या असंगत जलनिकास

वह नदियां जो हिमालय की उथल-पुथल से पहले अस्तित्व में थे और अपना रास्ता बनाते है दक्षिण की ओर पहाड़ों में घाटियों बनाकर बहती थी उन्हें पूर्ववर्ती नदियों के रूप में जाना जाता है।

परिणामस्वरूप नदियां

नदियों जो ढलान की सामान्य दिशा का पालन करती है उन्हें परिणामस्वरूप नदियों के रूप में जाना जाता है। प्रायद्वीपीय भारत की अधिकांश नदियां परिणामस्वरूप नदियां हैं।

आगामी नदियां

मुख्य जल निकासी पैटर्न (परिणाम स्वरूप नदी) की स्थापना के बाद जब एक सहायक नदी की धारा जो की गैर- प्रतिरोधी चट्टान के अंतर्निहित बेल्ट के साथ घिस जाती है उससे आगामी नदियां कहा जाता है।

आरोपित, पश्चजनन सम्बन्धी (बेताल) या बड़ा हुआ जलनिकास

यह बनता है जब एक जलमार्ग की धारा मूल रूप से स्थापित होती है पत्थर के आड़ मे जो की हटाया गया हो कटाव से, ताकि धारा या जल निकासी व्यवस्था स्वतंत्र है नव उजागर चट्टानों और संरचनाओं के लिये।

पेड़ जैसा जल निकासी

जल निकासी का एक तरह का स्वरूप जिसकी डालियां फैली है, शाखाओं में बंटी है, रमिफ्यिंग या दिचोटोमिसिंग है, जिसके कारन वह एक पेड़ की तरह दिखाई देती हैं।

सलाखें स्वरूप जैसा जल निकास

यह एक आयताकार स्वरूप का गठन होता है जहाँ संरचनात्मक नियंत्रण के दो समूह उचित कोण पर होते है। सलाखें जैसे स्वरूप मे, नदी एक जाल की तरह प्रणाली बनाती है और सहायक नदियों को एक दूसरे से मोटे तौर पर समानांतर बहती हैं।

कांटेदार स्वरूप

जल निकासी का एक तरह का स्वरूप जिसमे मुख्य नदी के साथ एक सहायक नदी के संगम एक बेताल संगम के द्वारा होती है - मनो सहायक नदी इरादा करती है ऊपर की तरफ बहने के लिए और ना की नीचे की तरफ। यह स्वरूप परिणाम है उस मुख्ये नदी का जो अपने बहाव की दिशा पूरी तरह से बदल ले, जबकी सहायक नदियां पूर्व प्रवाह की दिशा में बहती रहे।

आयताकार जल निकास

जल निकासी का वह स्वरूप जो चिन्हित होती है मुख्ये धारा और सहायक नदी के बीच समकोण मोड़ और समकोण संगम के दुआरा उससे आयताकार जल निकास कहते हैं। यह अलग है सलाखें वाले स्वरूप से काफी हद तक क्यूंकि यह ज्यादा बेडोल और इसकी सहायक नदियों की धारा ना ही ज़्यादा लम्बी और ना ही समानांतर होती है सलाखें स्वरूप जैसा जल निकास की तरह।

रेडियल स्वरूप

यह एक तरह का स्वरूप है जिसकी विशेषता केंद्रीय बिंदु से बाहर बहने वाली नदियां, एक पहिया के प्रवक्ता के साथ अनुरूप से निर्धारित है। यह विकसित होता है एक गुंबद के किनारों पर या एक ज्वालामुखी पर। एक रेडियल जल निकास स्वरूप का अच्छा उदहारण दिया जाता है उन नदियों के दुआरा जो अमरकंटक पर्वत से निकलती है।

चक्राकार स्वरूप

इस जल निकासी स्वरूप मे आगामी धारा पीछा करती है घुमावदार या क्रियाशील जलमार्ग का फलस्वरूप धारा से मिलने से पहले, एक भूमिगत घुमावदार ढांचे का अनुसरण करते हुए  आगामी धाराओं में मिल कर बहती है।

समानांतर जल निकास

एक जल निकास जिसमे नदियां आपस में समानांतर रूप से बहती हैं उन्हें समानांतर जल निकास कहते हैं।

विक्षिप्त स्वरूप

यह एक क्षेत्र की जल निकासी विशेषता का एक बेबुनियाद पैटर्न होता है जिसे हाल ही में एक बर्फ की चादर द्वारा खाली किया गया हो। यह शायद गलशललय जमा सामग्री जैसे की कमे और केटल द्वारा उत्पादित अनियमितताओं की वजह से होता है और एक तथ्य की वहां पर जल निकास के लिये अपर्याप्त समय होता है ताकी वह गलशललय बहाव के नीचे ठोस चट्टान के ढांचे के लिए समायोजित हो जाये।

एश्च्युरि

किसी नदी का समुद्र के साथ विशाल मिलान जहाँ खरा ज्वारीय पानी नदी मीठे जल से मिश्रीत होता है।

उपरोक्त जल निकासी व्यवस्था से संबंधित शब्दों की सूची के अनुसार पाठकों को जल निकासी व्यवस्था साथ ही नदियों या नदियों के जल निकासी स्वरुप को भी समझने में सहायता मिलेगी।

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