एक राष्ट्रीय पार्टी को चुनाव आयोग क्या-क्या सुविधाएँ देता है?

इस समय देश में 7 राष्ट्रीय पार्टियाँ हैं जिन्हें चुनाव आयोग की तरफ से बहुत सी सुविधाएँ दी जातीं हैं जैसे राष्ट्रीय पार्टी के चुनाव चिन्ह को पूरे देश में किसी अन्य पार्टी के द्वारा प्रयोग नहीं किया जा सकता है, इन दलों को अपने पार्टी कार्यालय स्थापित करने के लिए सरकार से भूमि या भवन प्राप्त होते हैं.

May 17, 2019, 19:03 IST
National Parties in India
National Parties in India

भारत में लोक सभा, विधान सभा, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनाव कराने की जिम्मेदारी देश के चुनाव आयोग के पास होती है. यह आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और चुनाव में उनके प्रदर्शन के आधार पर उनको राष्ट्रीय या प्रदेश स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्रदान करता है और उनको चुनाव चिन्ह का आवंटन करता है.

अन्य दलों को केवल पंजीकृत किया जाता है लेकिन गैर मान्यता प्राप्त दल घोषित किया जाता है. देश में 12 अप्रैल 2019 को कुल 7 राष्ट्रीय पार्टियाँ हैं, 59 राज्य पार्टियाँ और 329 क्षेत्रीय पार्टियाँ हैं.

यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि देश में अन्य पंजीकृत राजनीतिक दल भी हैं जिनको चुनाव आयोग के पास पंजीकृत तो किया जाता है लेकिन गैर मान्यता प्राप्त दल घोषित किया जाता है. देश में गैर मान्यता प्राप्त दलों की संख्या लगभग 2293 है.

देश में 7 राष्ट्रीय पार्टियाँ इस प्रकार हैं, (List of National Parties in India)

1. बहुजन समाज पार्टी (बसपा)

2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस)

3. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)

4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)

5. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा

6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और

7. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस

भारत में किसी राजनीतिक पार्टी को किस तरह पंजीकृत कराया जाता है?

राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता पाने के लिए शर्तें: (Criteria for National Party in India)-

एक मान्यता प्राप्त पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तभी प्रदान किया जा सकता है यदि वह निम्नलिखित तीन में से कम से कम किसी एक शर्त को पूरा करती है:

1. यदि कोई पार्टी कम से कम 3 विभिन्न राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2% सीटें (2014 के चुनाव के अनुसार 11 सीटें) जीतती है. या

2. यदि कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधान सभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट प्राप्त करती है. या

3. यदि कोई पार्टी चार या चार से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखती है.

यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि जिन राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय या प्रदेश स्तरीय राजनीतिक दलों के रूप में मान्यता प्राप्त होती है उनके दिए गये चुनाव चिन्हों का प्रयोग पूरे देश में कोई और राजनीतिक दल नहीं कर सकता है.

भारत का निर्वाचन आयोग जिन राजनीतिक दलों को मान्यता देता है उनको कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएँ भी देता है.

आइये इस लेख में जानते हैं कि यदि कोई पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है तो उसे चुनाव आयोग के द्वारा कौन-कौन सी सुविधाएँ दी जातीं हैं.

राष्ट्रीय पार्टी को सुविधाएँ (Benefits of National Party in India)

1. राष्ट्रीय पार्टी को विशिष्ट चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाता है. राष्ट्रीय पार्टी के चुनाव चिन्ह को पूरे देश में किसी अन्य पार्टी के द्वारा प्रयोग नहीं किया जा सकता है.

2.  मान्यता प्राप्त `राज्य और राष्ट्रीय' दलों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक (proposer) की आवश्यकता होती है.

3. मान्यता प्राप्त `राज्य 'और` राष्ट्रीय' दलों को चुनाव आयोग की तरफ से (मतदाता सूची के संशोधन की दशा में) मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं. साथ ही इन पार्टियों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान मतदाता सूची की एक प्रति मुफ्त मिलती है.

4. इन दलों को अपने पार्टी कार्यालय स्थापित करने के लिए सरकार से भूमि या भवन प्राप्त होते हैं.

5. राज्य और राष्ट्रीय दल चुनाव प्रचार के दौरान 40 स्टार प्रचारक तक रख सकते हैं जबकि अन्य पार्टियाँ '20 स्टार प्रचारकों' को रख सकतीं हैं. स्टार प्रचारकों का यात्रा खर्च उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के चुनाव खर्च के हिसाब में नहीं जोड़ा जाता है.

6. चुनाव के कुछ समय पहले उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविज़न और रेडियो प्रसारण करने की अनुमति देना ताकि वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहंचा सकें.

चुनाव आयोग ने 22 अगस्त, 2016 को एक नियम में संशोधन किया था, जिसके तहत अब यह पांच के बजाय हर 10 साल में राजनीतिक दलों की राष्ट्रीय और राज्य की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. अर्थात 2016 तक जो दल राष्ट्रीय पार्टीज का दर्जा पा चुके हैं वे 2026 तक इसे बनाये रख सकेंगे हालाँकि नई पार्टियाँ इसमें जोड़ी जा सकेंगीं.

किसी पार्टी को रजिस्टर्ड पार्टी की लिस्ट से हटाने की मांग कानून मंत्रालय के पास पेंडिंग है लेकिन चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए उन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है जो कि बहुत समय से निष्क्रिय हैं और लंबे समय से चुनाव नहीं लड़ रही हैं.

ऐसी आशंकाएं व्यक्त की गई हैं कि अधिकांश रीजनल पार्टीज का उपयोग काले धन को सफेद करने के लिए किया जाता है. अब समय की मांग यह है कि देश में फर्जी और मौका परस्त पार्टियों का खात्मा किया जाये ताकि देश में स्वस्थ राजनीति का विकास हो.

भारत की 7 राष्ट्रीय पार्टियों के चुनाव चिन्हों का इतिहास

किसी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा कब मिलता है?

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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