Customer और Consumer में क्या होता है अंतर, जानें

Apr 11, 2023, 13:30 IST

Customer और Consumer दोनों ही बाजार से जुड़े शब्द हैं। साथ ही दोनों का संबंध चीजों की खरीददारी और उसके इस्तेमाल से है। हालांकि, अक्सर इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल एक दूसरे की जगह पर किया जाता है। इस वजह से कई बार लोग इन दोनों के उपयोग को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। 

कस्टमर और कंज्यूमर में अंतर
कस्टमर और कंज्यूमर में अंतर

बाजार में जब भी कोई उत्पाद या सेवा आती है, तो सबसे पहले कंपनियां अपने Customer और Consumer दोनों की पहचान करती हैं। दोनों ही शब्द बाजार से जुड़े महत्वूपूर्ण शब्द हैं। हालांकि, दोनों का ही अर्थ अलग-अलग है। लेकिन, लोग अक्सर इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल एक दूसरे की जगह पर करते हैं, जिससे कई बार लोगों के बीच में इन शब्दों के सही इस्तेमाल को लेकर दुविधा हो जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों शब्दों की परिभाषा व इन दोनों के बीच अंतर बताने जा रहे हैं, जिससे भविष्य में आपको इन दोनों शब्दों के बीच दुविधा न हो और इनका सही इस्तेमाल कर सके। जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

क्या होता है Customer

Customer शब्द Custom से बना है, जिसका अर्थ Practice होता है। एक कस्टमर किसी भी विक्रेता से कोई भी वस्तु या सेवा को एक निश्चित इंटरवल पर खरीदता है, जो कि कोई क्लाइंट या खरीददार भी हो सकता है। हालांकि, कस्टमर भी दो प्रकार के होते हैं। 

 

Trade Customer

ट्रेड कस्टमर वे होते हैं, जो कि किसी भी वस्तु या सेवा को खरीदते हैं और बाद में उसमें कुछ वैल्यू एड कर आगे बेच देते हैं। यह कस्टमर मैनुफैक्चरर, रिटेलर, डिस्ट्रीब्यूटर व अन्य हो सकते हैं। 

 

Final Customer 

फाइनल कस्टमर वे होते हैं, जो किसी भी वस्तु या सेवा को खरीदते हैं और निजी स्तर पर इस्तेमाल करते हैं। वहीं, कई बार ये वस्तु या सेवा में बिना कोई वैल्यू एड करे, उसे आगे बेच देते हैं। 

 

क्या होता है Consumer

कंज्यूमर वह होता है, जो किसी भी वस्तु या सेवा का अंतिम रूप से उपभोग करने वाला व्यक्ति होता है। कंज्यूमर वस्तु या सेवा को आगे नहीं बेचते हैं, बल्कि वह इसका इस्तेमाल करने वाले अंतिम व्यक्ति होते हैं। भारत में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 के मुताबिक, ऐसा व्यक्ति जो किसी भी वस्तु या सेवा को वैल्यू एड करने के साथ आगे बेच रहे हैं, वे कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के दायरे में नहीं आएंगे। कंज्यूमर के हित के लिए अलग-अलग स्तर पर काउंसिल भी बनी हुई है, जो कि राष्ट्रीय स्तर सेंट्रल प्रोटेक्शन काउंसिल, राज्य स्तर पर स्टेट प्रोटेक्शन काउंसिल और जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन काउंसिल है। 

 

Customer और Consumer में प्रमुख अंतर 

 

-Customer किसी भी वस्तु या सेवा की खरीददारी कर उसमें कुछ वैल्यू एड कर आगे बेच देते हैं। वहीं, Consumer वस्तु या सेवा को आगे नहीं बेचता है, बल्कि उसका खुद उपभोग करता है।

 

-Customer कोई भी एकल व्यक्ति या फिर बिजनेस फर्म हो सकती है, जबकि Consumer एकल व्यक्ति या लोगों का समूह हो सकता है। 

 

-Customer किसी भी वस्तु या सेवा के लिए रुपयों का भुगतान करता है, जबकि Consumer के मामले में यह जरूरी नहीं है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति कोई वस्तु या सेवा खरीदकर किसी व्यक्ति को गिफ्ट देता है, तो यहां पर कंज्यूमर बिना दाम चुकाए ही सेवा या वस्तु का उपभोग कर सकता है। 

 

-Customer किसी भी वस्तु की खरीददारी व्यावसायिक तौर पर करता है, जबकि Consumer वस्तु या सेवा की खरीददारी अपने निजी इस्तेमाल के लिए करता है। 



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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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