जैन धर्म के तीर्थंकर पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी सेट III

Jan 23, 2019, 15:14 IST

जैन धर्म भारत का सबसे प्राचीन धर्म है जिसने जिसने ब्राह्मणवाद को चुनौती दी थी। जैन ग्रंथों के अनुसार वर्तमान अवसर्पिणी काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था। इस लेख में हमने जैन धर्म के तीर्थंकर पर आधारित सेट III में 10 सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

GK Quiz on Ancient Indian History: Jain Dharma and Tirthankara Set III HN
GK Quiz on Ancient Indian History: Jain Dharma and Tirthankara Set III HN

जैन धर्म भारत का सबसे प्राचीन धर्म है जिसने जिसने ब्राह्मणवाद को चुनौती दी थी। जैन ग्रंथों के अनुसार वर्तमान अवसर्पिणी काल के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव आदिनाथ द्वारा जैन धर्म का प्रादुर्भाव हुआ था। जैन धर्म में, पंच परमेष्ठी धार्मिक अधिकारियों का पंच पदानुक्रम हैं, जो पूजनीय हैं- 1.अरिहंत; 2. सिद्ध; 3. आचार्य (मुनि संघ के प्रमुख); 4. उपाध्याय (मनीषी गुरु); 5. मुनि।

1. निम्नलिखित में किस तीर्थंकर के निर्वाण के बहुत काल बीत जाने पर तृतीय तीर्थंकर श्री सम्भवनाथ का जन्म हुआ था?

A. ऋषभनाथ

B. अजीतनाथ

C. अभिनंदन

D. पद्यप्रभु

Ans: B

Explanation: सम्भवनाथ तीसरे जैन तीर्थंकर थे। द्वितीय तीर्थंकर अजितनाथ के निर्वाण के बाद बहुत काल बीत जाने पर तृतीय तीर्थंकर श्री सम्भवनाथ का जन्म हुआ था। इसलिए, B सही विकल्प है।

2. निम्नलिखित में से किस कारण से राजा विपुलवाहन के मन में संसार से विरक्ति उत्पन्न हो गई थी?

A. पत्नी की वजह से

B. पुत्र के कारण

C. अकाल के कारण

D. विषयों के कारण

Ans: C

Explanation: राजा विपुलवाहन, प्रकृति की क्रूर लीला जैसे सुखा और बाढ़ की स्थिति देखकर राजा विपुलवाहन के मन में संसार से विरक्ति उत्पन्न हो गई और पुत्र को राज्य सौंपकर वह मुनि बन गये थे। इसलिए, C सही विकल्प है।

3. 'जैन धर्म' का अर्थ है - '........................'

A. जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म

B. सोच की पूर्वता द्वारा प्रवर्तित धर्म

C. विचार प्रक्रिया द्वारा प्रवर्तित धर्म

D. उपरोक्त में से कोई नहीं

Ans: A

Explanation: 'जैन धर्म' का अर्थ है - 'जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म'। जो 'जिन' के अनुयायी हों उन्हें 'जैन' कहते हैं। 'जिन' शब्द बना है 'जि' धातु से। 'जि' माने - जीतना। इसलिए, A सही विकल्प है।

4. सम्भवनाथ ने केवल ज्ञान प्राप्त करने के लिए कितने वर्षो तक कठोर तप किया था?

A. 10

B. 12

C. 14

D. 16

Ans: C

Explanation: चौदह वर्षों की साधना के पश्चात् सम्भवनाथ ने केवल ज्ञान प्राप्त कर धर्मतीर्थ की स्थाप्ना की थी। इसलिए, C सही विकल्प है।

5. निम्नलिखित में से कौन सा चिह्न सम्भवनाथ तीर्थंकर का है?

A. हाथी

B. गाय

C. अश्व

D. कछुआ

Ans: C

Explanation: 'अश्व' सम्भवनाथ तीर्थंकर का चिह्न है। इसलिए, C सही विकल्प है।

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6. सम्भवनाथ तीर्थंकर के प्रतीक अश्व का अर्थ क्या था?

A. गति

B. संयमित हृदय

C. गुस्सा

D.  चार्म

Ans: B

Explanation: सम्भवनाथ तीर्थंकर का मानना था की जिस प्रकार अच्छी तरह से लगाम डाला हुआ अश्व युद्धों में विजय दिलाता है, उसी प्रकार संयमित मन जीवन में विजय दिलवा सकता है। इसलिए, B सही विकल्प है।

7. सम्भवनाथ तीर्थंकर का प्रतीक चिन्ह घोड़ किस नैतिकता को सम्भोधित करता है?

A. विनम्रता

B. संयम

C. ज्ञान

D. उपरोक्त सभी

Ans: D

Explanation: सम्भवनाथ तीर्थंकर का मानना था की जिस प्रकार अच्छी तरह से लगाम डाला हुआ अश्व युद्धों में विजय दिलाता है, उसी प्रकार संयमित मन जीवन में विजय दिलवा सकता है। प्रतीक चिन्ह घोड़ विनम्रता, संयम और ज्ञान को सम्भोधित करता है। इसलिए, D सही विकल्प है।

8. युवावस्था के दौरान, मध्ययुगीन बादलों के फैलाव को देखते हुए सम्भवनाथ तीर्थंकर ने क्या महसूस किया करते थे?

A. एकजुटता

B. मृत्यु

C. हर्ष

D. दुःख

Ans: B

Explanation: जैन पुराणों के अनुसार, एक बार महाराज सम्भवनाथ सन्ध्या के समय अपने प्रासाद की छ्त पर टहल रहे थे। सन्ध्याकालीन बादलों को मिलते-बिखरते देखकर उन्हें वैराग्य की प्रेरणा हुई। सम्भवनाथ के मनोभावों को देखकर जीताचार से प्रेरित हो लोकान्तिक देव उपस्थित हुए। उन्होंने प्रभु के संकल्प की अनुमोदना की। इसलिए, B सही विकल्प है।

9. सम्भवनाथ तीर्थंकर के धर्म परिवार में कितने गणधर थे?

A. 95

B. 105

C. 115

D. 125

Ans: B

Explanation: सम्भवनाथ तीर्थंकर के धर्म परिवार मे चारुषेण आदि एक सो पाँच गणधर, दो लाख श्रमण, तीन लाख छ्त्तीस हज़ार श्रमणियाँ, दो लाख तिरानवे हज़ार श्रावक और छ्ह लाख छ्त्तीस हज़ार श्राविकाएँ थीं। इसलिए, B सही विकल्प है।

10. जैन शास्त्र के अनुसार, मणो साहस्सिओ भीमो, ………………………

A. सीधा

B. अ सी साहू

C. नामोढ़अस्तिअधेयबह्ह्य

D. दुटठस्सो परिधावइ

Ans: D

Explanation: जैन शास्त्रों में कहा गया है- 'मणो साहस्सिओ भीमो, दुटठस्सो परिधावइ‘ अर्थात 'मन दुष्ट अश्व की तरह बड़ा साहसी और तेज दौडने वाला है। इसलिए, D सही विकल्प है।

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Education Desk

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