जैन धर्म के तीर्थंकर पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी सेट IV

Jan 24, 2019, 12:59 IST

जैन धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला प्राचीन धर्म और दर्शन है। जैन शब्द जिन शब्द से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ जीतना होता है। इस लेख में हमने जैन धर्म के तीर्थंकर पर आधारित सेट IV में 10 सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी दिया है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है।

GK Quiz on Ancient Indian History: Jain Dharma and Tirthankara Set IV HN
GK Quiz on Ancient Indian History: Jain Dharma and Tirthankara Set IV HN

जैन धर्म भारत की श्रमण परम्परा से निकला प्राचीन धर्म और दर्शन है। जैन शब्द जिन शब्द से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ जीतना होता है। जैन परम्परा में क्रमश: चौबीस तीर्थंकर हुए हैं। जैन ग्रंथों में केवलियों के दो भेद - संयोगकेवली और अयोगकेवली बताए गए है।

1. निम्नलिखित में से किस वंश में अभिनंदननाथ तीर्थंकर का जन्म हुआ था?

A. इक्ष्वाकु वंश

B. नंद वंश

C. गुलाम वंश

D. दुगुवा वंश

Ans: A

Explanation: अभिनंदननाथ तीर्थंकर का जन्म इक्ष्वाकु वंश में माघ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय को हुआ था। इसलिए, A सही विकल्प है।

2. निम्नलिखित में किस नक्षत्र (नक्षत्र) में अभिनंदननाथ तीर्थंकर का जन्म हुआ था?

A. शतभिषा नक्षत्र

B. धनिष्ठा नक्षत्र

C. श्रवण नक्षत्र

D. पुनर्वसु नक्षत्र

Ans: D

Explanation: अभिनंदननाथ तीर्थंकर का जन्म इक्ष्वाकु वंश में माघ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय में पुनर्वसु नक्षत्र को हुआ था। इनको 'अभिनन्दन स्वामी' के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए, D सही विकल्प है।

3. अभिनंदननाथ तीर्थंकर की माता का नाम क्या था?

A. विजया

B. तारा

C. सिद्धार्थ देवी

D. मरुदेवी

Ans: C

Explanation: अभिनंदननाथ तीर्थंकर का जन्म अयोध्या के राजपरिवार में हुआ था तथा उनकी माता का नाम सिद्धार्था देवी और पिता का नाम राजा संवर था। इसलिए, C सही विकल्प है।

4. अभिनंदननाथ तीर्थंकर के पहले गांधार का नाम क्या था?

A. वज्रनाथ

B. विपुल

C. चन्द्र प्रभु

D. वासु

Ans: A

Explanation: अभिनंदन जी वर्तमान अवसर्पिणी कल के चतुर्थ तीर्थंकर है और इनके पहले गांधार का नाम वज्रनाथ था। इसलिए, A सही विकल्प है।

5. अभिनन्दनाथ तीर्थंकर ने दीक्षा प्राप्त करने के कितने दिनों के बाद पहला परनाला शुरू किया था?

A. एक

B. दो

C. तीन

D. चार

Ans: B

Explanation: अभिनन्दननाथ तीर्थंकर के समोशरण में सोलह हजार केवली थे। इन्होने दीक्षा प्राप्त करने के दो दिनों के बाद पहला परनाला शुरू किया था। इसलिए, A सही विकल्प है।

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6. अभिनंदनाथ तीर्थंकर ने दीक्षा प्राप्त होने के बाद निम्नलिखित में किस भोजन के सेवन के बाद पहला परनाला शुरू किया था?

A. दूध

B. खीर

C. पानी

D. दही

Ans: B

Explanation: अभिनंदनाथ तीर्थंकर ने दीक्षा प्राप्त होने के बाद खीर का सेवन करके पहला परनाला शुरू किया था। इसलिए, B सही विकल्प है।

7. अभिनन्दनाथ तीर्थंकर के धर्म परिवार में कितने गणधर थे?

A. 112

B. 114

C. 116

D. 118

Ans: C

Explanation: अभिनन्दननाथ तीर्थंकर के समोशरण में 16000 केवली थे तथा धर्म परिवार में 116 गणधर थे। इसलिए, C सही विकल्प है। 

8. दीक्षा प्राप्त होने के बाद, किस वृक्ष के नीचे अभिनंदननाथ तीर्थंकर ने कैवल्य ज्ञान (आत्मज्ञान) प्राप्त किया था?

A. नीम

B. देवदार

C. वट

D. प्रियांगु

Ans: D

Explanation: जैन मान्यताओं के अनुसार,अभिनंदननाथ तीर्थंकर ने प्रियांगु वृक्ष के नीचे केवला ज्ञान प्राप्त किया था। इसलिए, D सही विकल्प है। 

9. अभयानंदनाथ तीर्थंकर द्वारा प्राप्त कैवल्य ज्ञान (ज्ञान) का क्या अर्थ है?

A. शास्त्र ज्ञान

B. संगीत शिक्षा

C. नर्त्य शिक्षा

D. ब्रह्म विद्या

Ans: D

Explanation: जैन पुराणों के अनुसार माघ मास की शुक्ल द्वादशी को अभिनन्दननाथ तीर्थंकर को दीक्षा प्राप्त हुई थी। इसके बाद उन्होंने कठोर तप किया जिसके परिणामस्वरूप पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को उन्हें कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। कैवल्य ज्ञान का शाब्दिक अर्थ होता है अहंकार, प्रारब्ध, कर्म और संस्कार के लोप हो जाने से आत्मा के चितस्वरूप होकर आवागमन से मुक्त हो जाने की स्थिति मतलब ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होना। इसलिए, D सही विकल्प है।

10. अभिनंदननाथ तीर्थंकर ने किस स्थान पर निर्वाण प्राप्त किया था?

A. सम्मेद शिखर

B. श्री केसरियाजी तीर्थ

C. पारसनाथ

D. सारनाथ

Ans: A

Explanation: जैन पुराण के अनुसार, अभिनंदननाथ तीर्थंकर ने सम्मेद शिखर पर निर्वाण प्राप्त किया था। इसलिए, A सही विकल्प है।

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